राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट के तहत भीलवाड़ा जिले में नये उद्योग लगाने के लिए रीको के पास पर्याप्त औद्योगिक भूमि उपलब्ध है। अधिकारियों ने बताया कि भूमि की उपलब्धता को लेकर राइजिंग राजस्थान के तहत किये गये किसी भी एमओयू को धरातल पर उतारने में अड़चन नहीं आने दी जाऐगी। राइजिंग राजस्थान के तहत भीलवाड़ा जिले में 143 उद्यमियों ने 10340 करोड़ रुपयों के एमओयू किये थे। भीलवाड़ा में कपड़ा उद्योग के साथ ही रेडीमेड गारमेंट इंडस्ट्री विस्तार की सम्भावनाओं को देखते हुए कई युवा उद्यमियों ने रूचि दिखाई थी। सरकार के स्तर पर भीलवाड़ा में रेडीमेड गारमेंट का हब विकसित करने का प्रस्ताव भी विचाराधीन है। भीलवाड़ा रेडीमेड गारमेंट इंडस्ट्री में काम आने वाले कच्चे माल उत्पादन का देश का बड़ा केन्द्र है। यहां सभी प्रकार के कपड़े का उत्पादन भी होता है, जिससे कई उद्यमियों ने इस क्षेत्र में बड़े निवेश की योजना है।भीलवाड़ा में रेडीमेड गारमेंट बनाने वाली छोटी-बड़ी 100 से अधिक यूनिटें वर्तमान में कार्यरत है। बांग्लादेश में गारमेंट उद्योग डिस्टर्ब होने के बाद भीलवाड़ा के रेडीमेड गारमेंन्ट उद्योग का तेजी से विस्तार हुआ है तथा नये बाजार खुले है। देश की कई ब्रांडेड कम्पनियां भीलवाड़ा की इकाइयों में अपनी देख-रेख में स्टीचिंग कराने लगी है जिससे रेडीमेंड गारमेंट उद्योग का विस्तार तेजी से हो रहा है। आने वाले समय में आउट सोर्सिंग के लिए भ्ी कई कम्पनियां सम्पर्क में है। भीलवाड़ा में श्रम सस्ता होने से यहां गारमेंट इंडस्ट्री में तैयार होने वाले कपड़ों की कॉस्ट अन्य स्थानों की तुलना में कम होने से मांग बढ़ रही है। गारमेन्ट इंडस्ट्री के विस्तार की सम्भावनाओं को देखते हुए प्रदेश के बाहरी उद्यमी किरण भंडारी ने 500 करोड़ रुपयों के निवेश के लिए सरकार से एमओयू किया है। भंडारी ने ‘नफा नुकसान’ को बताया कि इतने बड़े प्रोजेक्ट के लिए उन्हे जिले में 40 एकड़ से अधिक भूमि की आवश्यकता है। इसके लिए शीघ्र ही जिला प्रशासन से सम्पर्क किया जाएगा। इस बारे में जिला उद्योग केन्द्र के संयुक्त आयुक्त कमलेश कुमार मीना ने बताया कि रेडीमेड गारमेन्ट उद्योग के लिए रीको के पास पर्याप्त भूमि उपलब्ध है। इसके लिए रीको के पोर्टल पर जाकर उपलब्ध ओद्योगिक भूमि के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते है।