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09-06-2025

1 रुपये में जमीन मिले तो भारत बन सकता है ‘मेन्यूफेक्चरिंग हब’!

  •  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा विदेशी उत्पादों के बहिष्कार और स्वदेशी वस्तुओं के उपयोग को लेकर की गई अपील को बीकानेर के कारोबारियों ने हाथों-हाथ लिया है। इनका मानना है कि यदि सरकार उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए जमीनी स्तर पर ठोस और व्यावहारिक नीतियां लागू करे—जैसे महज प्रतीकात्मक मूल्य पर औद्योगिक भूखंड देना, टैक्स में छूट और कागजी कार्यवाही को सरल बनाना, तो भारत न केवल आत्मनिर्भर बन सकता है, बल्कि ‘ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग हब’ के रूप में उभर सकता है। बीकानेर जिला उद्योग संघ के अध्यक्ष डी. पी. पचीसिया ने कहा कि प्रधानमंत्री की यह पहल न केवल स्थानीय उत्पादों को प्रोत्साहित करेगी, बल्कि देश की आर्थिक नींव को भी मजबूत बनाएगी। उन्होंने कहा, ‘स्वदेशी उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा, जिससे रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। भारतीय उत्पादों की गुणवत्ता अब किसी परिचय की मोहताज नहीं है, इन्हें अब वैश्विक बाजारों में पहचान मिल रही है।’ सरकार नए स्टार्टअप्स के साथ-साथ वर्षों से चल रहे परंपरागत उद्योगों को भी समर्थन दे, तो भारत वैश्विक प्रतिस्पर्धा में टिकाऊ साबित होगा। बंसल ग्रुप के डायरेक्टर सुशील बंसल ने जमीनी वास्तविकता पर ध्यान दिलाया। उन्होंने कहा कि पहले हमें यह विश्लेषण करना होगा कि कौन-कौन से विदेशी उत्पाद हमारी तुलना में सस्ते और गुणवत्तापूर्ण हैं। विशेषकर चीनी उत्पादों की लागत संरचना, उत्पादन नीति और सरकारी सहयोग की गहराई से समीक्षा करनी होगी। उन्होंने सुझाव दिया कि यदि सरकार इम्पोर्टेड कच्चे माल पर सब्सिडी दे, तो भारतीय निर्माता भी कम लागत में गुणवत्तापूर्ण उत्पाद बनाकर अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा का सामना कर सकते हैं।

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1 रुपये में जमीन मिले तो भारत बन सकता है ‘मेन्यूफेक्चरिंग हब’!

 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा विदेशी उत्पादों के बहिष्कार और स्वदेशी वस्तुओं के उपयोग को लेकर की गई अपील को बीकानेर के कारोबारियों ने हाथों-हाथ लिया है। इनका मानना है कि यदि सरकार उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए जमीनी स्तर पर ठोस और व्यावहारिक नीतियां लागू करे—जैसे महज प्रतीकात्मक मूल्य पर औद्योगिक भूखंड देना, टैक्स में छूट और कागजी कार्यवाही को सरल बनाना, तो भारत न केवल आत्मनिर्भर बन सकता है, बल्कि ‘ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग हब’ के रूप में उभर सकता है। बीकानेर जिला उद्योग संघ के अध्यक्ष डी. पी. पचीसिया ने कहा कि प्रधानमंत्री की यह पहल न केवल स्थानीय उत्पादों को प्रोत्साहित करेगी, बल्कि देश की आर्थिक नींव को भी मजबूत बनाएगी। उन्होंने कहा, ‘स्वदेशी उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा, जिससे रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। भारतीय उत्पादों की गुणवत्ता अब किसी परिचय की मोहताज नहीं है, इन्हें अब वैश्विक बाजारों में पहचान मिल रही है।’ सरकार नए स्टार्टअप्स के साथ-साथ वर्षों से चल रहे परंपरागत उद्योगों को भी समर्थन दे, तो भारत वैश्विक प्रतिस्पर्धा में टिकाऊ साबित होगा। बंसल ग्रुप के डायरेक्टर सुशील बंसल ने जमीनी वास्तविकता पर ध्यान दिलाया। उन्होंने कहा कि पहले हमें यह विश्लेषण करना होगा कि कौन-कौन से विदेशी उत्पाद हमारी तुलना में सस्ते और गुणवत्तापूर्ण हैं। विशेषकर चीनी उत्पादों की लागत संरचना, उत्पादन नीति और सरकारी सहयोग की गहराई से समीक्षा करनी होगी। उन्होंने सुझाव दिया कि यदि सरकार इम्पोर्टेड कच्चे माल पर सब्सिडी दे, तो भारतीय निर्माता भी कम लागत में गुणवत्तापूर्ण उत्पाद बनाकर अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा का सामना कर सकते हैं।


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