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Daily Business Newspaper | A Knowledge Powerhouse in Hindi

10-04-2025

जो वर्तमान में बिल्कुल निचले स्तर पर भाव आ गए हैं, इसलिए मजूरी मिलती रहेगी,इसमें अब रिस्क नहीं है।

  •  औद्योगिक मांग निकलने से हाल ही में सोया एसिड आयल के भाव 250 रूपए प्रति क्विंटल बढ गए। भविष्य में इसमे गिरावट की संभावना कम है। साबुन निर्माताओं की मांग बढऩे से एक माह के दौरान सोया एसिड आयल  के भाव 250 रूपये बढकर 7000/7050 रुपए प्रति कुंतल हो गए। उक्त अवधि के दौरान साबुन में प्रयोग होने वाले अन्य कच्चे माल की कीमतों में तेजी का रूख जारी रहा। यद्यपि डिटर्जेंट के बढ़ते प्रयोग से साबुन उद्योग की मांग में पहले कीतुलना में कमजोर हो गई है ।एसिड आयल का प्रयोग मुख्यत: साबुन उद्योग के अतिरिक्त डिटर्जेंट ,पाउडर व सौंदर्य प्रसाधनों  व ग्रीस निर्माण में किया जाता हैं । डॉलर की तुलना में रुपया कमजोर होने के कारण  विदेशी तेलों का आयात भी महंगा हो गया है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में बाजार में बिकवाली कमजोर होने से क्रूड पाम निचले स्तर से 80 डालर बढकर 1145 डॉलर प्रतिटन हो गए।  डॉलर की तुलना में रुपया कमजोर के कारण आयातको की बिकवाली  घटने  से कांदला में पाम फैट्ïटी के भाव 150 रूपये बढकर 9200 रूपये प्रति क्विंटल हो गये। आयातित तेलों में तेजी का रुख होने के कारण स्टाकिस्टों की बिकवाली  घटने के कारण मध्य प्रदेश की मंडियों में सोया एसिड आयल  के भाव 6600 रूपए प्रति क्विंटल पर टिके रहे। स्टाक कमजोर होने मांग को देखते हुए भविष्य में इसमें घटने की गुंजाइश नहीं है। ग्राहकी निकलते ही  बाजार  और  बढ़ सकता है।

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जो वर्तमान में बिल्कुल निचले स्तर पर भाव आ गए हैं, इसलिए मजूरी मिलती रहेगी,इसमें अब रिस्क नहीं है।

 औद्योगिक मांग निकलने से हाल ही में सोया एसिड आयल के भाव 250 रूपए प्रति क्विंटल बढ गए। भविष्य में इसमे गिरावट की संभावना कम है। साबुन निर्माताओं की मांग बढऩे से एक माह के दौरान सोया एसिड आयल  के भाव 250 रूपये बढकर 7000/7050 रुपए प्रति कुंतल हो गए। उक्त अवधि के दौरान साबुन में प्रयोग होने वाले अन्य कच्चे माल की कीमतों में तेजी का रूख जारी रहा। यद्यपि डिटर्जेंट के बढ़ते प्रयोग से साबुन उद्योग की मांग में पहले कीतुलना में कमजोर हो गई है ।एसिड आयल का प्रयोग मुख्यत: साबुन उद्योग के अतिरिक्त डिटर्जेंट ,पाउडर व सौंदर्य प्रसाधनों  व ग्रीस निर्माण में किया जाता हैं । डॉलर की तुलना में रुपया कमजोर होने के कारण  विदेशी तेलों का आयात भी महंगा हो गया है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में बाजार में बिकवाली कमजोर होने से क्रूड पाम निचले स्तर से 80 डालर बढकर 1145 डॉलर प्रतिटन हो गए।  डॉलर की तुलना में रुपया कमजोर के कारण आयातको की बिकवाली  घटने  से कांदला में पाम फैट्ïटी के भाव 150 रूपये बढकर 9200 रूपये प्रति क्विंटल हो गये। आयातित तेलों में तेजी का रुख होने के कारण स्टाकिस्टों की बिकवाली  घटने के कारण मध्य प्रदेश की मंडियों में सोया एसिड आयल  के भाव 6600 रूपए प्रति क्विंटल पर टिके रहे। स्टाक कमजोर होने मांग को देखते हुए भविष्य में इसमें घटने की गुंजाइश नहीं है। ग्राहकी निकलते ही  बाजार  और  बढ़ सकता है।


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