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Daily Business Newspaper | A Knowledge Powerhouse in Hindi

04-09-2024

बिनौला खल : मंदा नहीं

  •  सप्लाई कमजोर होने एवं मांग बढऩे से बिनौला खल के भाव 200 रुपए प्रति  क्विंटल बढ़ गए। भविष्य में इसमें मंदे  की संभावना कम है। बाजार और बढ़ सकता है। सप्लाई  कमजोर होने एवं पशु आहार वालों की मांग निकलने से बिनौला खल के भाव एक पखवाड़े के दौरान निचले स्तर से 200 रूपए बढकर 3700/3900 रुपए प्रति क्विंटल हो गए। पंजाब की बठिंडा मंडी में उसके भाव 3550/3600 रुपए प्रति क्विंटल बोले गए।  उक्त अवधि के दौरान उत्तर भारत की मंडियों में बिक वाली कमजोर होने के कारण बिनौले, के भाव 200 रूपए बढक़र पंजाब में 3400/3500 प्रति किवटल हो गए। वारंगल लाइन में इसके भाव 300 रूपए बढक़र 3900/4000 रूपए प्रति क्विंटल हो गए। देश में कपास का उत्पादन हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ आंध्र प्रदेश इत्यादि राज्यों में होता है। चालू सीजन के दौरान देश में कपास का बिजाई 111.39 लाख हेक्टेयर में रह गई, जबकि गत वर्ष इसकी बिजाई122.74लाख हेक्टेयर में हुई थी। बिजाई कमजोर होने के कारण उत्पादन प्रभावित होने की संभावना है।सटोरिया लिवाली बढऩे से एनसीडीईएक्स में बिनौला खल  सितंबर डिलीवरी में तेजी का रुख  रहा। दूसरी और बिकवली कमजोर होने के कारण पशु आहार में उपयोग में आने वाले अरहर चूरी, चना चूरी,अरहर छिलका,बाजरे की कीमतों में भी तेजी का रूख बना हुआ है ।वर्तमान हालात को देखते हुए नया सीजन शुरू होने तक में बिनोला खल की कीमतों में गिरावट की संभावना नहीं है। बाजार 150/200 रूपये प्रति क्विंटल और बढ़ सकता है।

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बिनौला खल : मंदा नहीं

 सप्लाई कमजोर होने एवं मांग बढऩे से बिनौला खल के भाव 200 रुपए प्रति  क्विंटल बढ़ गए। भविष्य में इसमें मंदे  की संभावना कम है। बाजार और बढ़ सकता है। सप्लाई  कमजोर होने एवं पशु आहार वालों की मांग निकलने से बिनौला खल के भाव एक पखवाड़े के दौरान निचले स्तर से 200 रूपए बढकर 3700/3900 रुपए प्रति क्विंटल हो गए। पंजाब की बठिंडा मंडी में उसके भाव 3550/3600 रुपए प्रति क्विंटल बोले गए।  उक्त अवधि के दौरान उत्तर भारत की मंडियों में बिक वाली कमजोर होने के कारण बिनौले, के भाव 200 रूपए बढक़र पंजाब में 3400/3500 प्रति किवटल हो गए। वारंगल लाइन में इसके भाव 300 रूपए बढक़र 3900/4000 रूपए प्रति क्विंटल हो गए। देश में कपास का उत्पादन हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ आंध्र प्रदेश इत्यादि राज्यों में होता है। चालू सीजन के दौरान देश में कपास का बिजाई 111.39 लाख हेक्टेयर में रह गई, जबकि गत वर्ष इसकी बिजाई122.74लाख हेक्टेयर में हुई थी। बिजाई कमजोर होने के कारण उत्पादन प्रभावित होने की संभावना है।सटोरिया लिवाली बढऩे से एनसीडीईएक्स में बिनौला खल  सितंबर डिलीवरी में तेजी का रुख  रहा। दूसरी और बिकवली कमजोर होने के कारण पशु आहार में उपयोग में आने वाले अरहर चूरी, चना चूरी,अरहर छिलका,बाजरे की कीमतों में भी तेजी का रूख बना हुआ है ।वर्तमान हालात को देखते हुए नया सीजन शुरू होने तक में बिनोला खल की कीमतों में गिरावट की संभावना नहीं है। बाजार 150/200 रूपये प्रति क्विंटल और बढ़ सकता है।


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