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20-05-2025

EV के बाद Hybrid हो रही हॉट

  •  पिछले साल जब यूपी सरकार ने हाइब्रिड कारों को सब्सिडी दी थी तो होंडा, मारुति और टोयोटा को छोडक़र बाकी कंपनियों ने मोर्चा खोल दिया था। हाल ही दिल्ली सरकार की ईवी पॉलिसी में हाइब्रिड्स को भी शामिल करने पर भी ऐसे ही विरोध के सुर सुनाई दिए थे। लेकिन दिग्गज कार कंपनी ह्यंूदे अब फिर से ड्रॉइंग बोर्ड पर है और ग्रोथ प्लान के लिए जापानी कंपीटिटर की ही तरह मल्टी-पावरट्रेन के साथ आगे बढऩा चाहती है जिनमें पेट्रोल, डीजल, सीएनजी और ईवी के साथ ही...हाइब्रिड भी शामिल हैं। जबकि ह्यूंदे की सैकंड बेस्ट सैलर पोजिशन के लिए बड़े चैलेंज बन गए टाटा और महिन्द्रा फुल स्टीम से ईवी ट्रेक पर बढ़ रहे हैं। हाल ही क्रेटा ईवी लॉन्च करने वाली ह्यूंदे भारत में स्ट्रॉन्ग हाइब्रिड ईवी लॉन्च करना चाहती है। कंपनी के ग्लोबल पोर्टफोलियो में सांता-फे, टक्सन, कोना और इलांट्रा जैसे नीश मॉडलों में हाइब्रिड वेरिएंट शामिल हैं। वहीं प्लग-इन हाइब्रिड लाइन-अप में आयोनिक सीरीज शामिल है। आपको जानते हैं मल्टी-पावरट्रेन को लेकर सबसे पावरफुल वॉइस टोयोटा की रही है और इसकी जोड़ीदार मारुति ने भी इसी एप्रोच को सपोर्ट किया है। ह्यूंदे भारत में अपनी दरक रही पोजिशन को फोर्टिफाई करने के लिए अगले पांच साल में बड़े लॉन्च के साथ आगे बढ़ रही है। कंपनी ने कहा है कि वह 2029-30 तक भारत में 26 मॉडल लॉन्च करेगी। यानी हर तिमाही में कम से कम एक नई कार भारत में ह्यूंदे लॉन्च करेगी, जिसमें से 8 कारें तो अगले साल ही आनी है। वाहन पोर्टल के डेटा के अनुसार माइल्ड, स्ट्रॉन्ग और प्लग-इन हाइब्रिड मिलाकर देश में पिछले वर्ष हाइब्रिड कारों की कुल सेल्स 7 परसेंट ग्रोथ के साथ 3.55 लाख यूनिट रही जबकि इलेक्ट्रिक कारों की 18 परसेंट ग्रोथ के साथ 1,07,645 यूनिट है। बात सिर्फ भारत की नहीं है। ग्लोबल मार्केट में भी ईवी के बजाय हाइब्रिड ट्रेंड पर हैं। अमेरिका और ईयू में वर्ष 2024 में हाइब्रिड वेहीकल्स की सेल्स ईवी से अधिक रही थी। होंडा और टोयोटा को हाइब्रिड टेक्नोलॉजी का पायोनीयर माना जाता है और इन्होंने अमेरिका में 60 के दशक के फ्यूल क्राइसिस के दौरान इस टेक्नोलॉजी को लॉन्च किया था। इक्रा की रिपोर्ट कहती है कि वित्त वर्ष 25-वित्त वर्ष 30 के बीच पीवी सेल्स लगभग 6 परसेंट सीएजीआर के साथ 57.5 लाख यूनिट्स तक पहुंच जाएगा। वर्तमान में हाइब्रिड कारों पर 28 परसेंट जीएसटी लगता है जबकि ईवी पर केवल 5 परसेंट। यदि इसमें सरचार्ज आदि मिला दिया जाए तो हाइब्रिड वेहीकल्स पर कुल 43 परसेंट टेक्स लगता है। ऑटोमोटिव एनालिटिक्स और कंसल्टिंग फर्म जाटो डायनामिक्स के डेटा के अनुसार ईवी सेल्स 2023 में 95,859 यूनिट से बढक़र 2024 में 1,13,441 यूनिट हो गई। इसी अवधि के दौरान, हाइब्रिड वाहनों (हाइब्रिड और प्लग-इन हाइब्रिड) की सेल्स भी बढ़ी। इक्रा की टेबल देखने से पता चलता है कि  2028 तक भारत में हाइब्रिड पैसेंजर वेहीकल्स की सेल्स 2.15 से बढक़र 8 परसेंट हो जाएगी। जाटो डायनामिक्स का डेटा कहता है कि पिछले वित्त वर्ष में भारत में स्ट्रॉन्ग हाइब्रिड्स की कुल सेल्स 82669 यूनिट्स रही जिसमें 82 परसेंट शेयर टोयोटा का था।

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EV के बाद Hybrid हो रही हॉट

 पिछले साल जब यूपी सरकार ने हाइब्रिड कारों को सब्सिडी दी थी तो होंडा, मारुति और टोयोटा को छोडक़र बाकी कंपनियों ने मोर्चा खोल दिया था। हाल ही दिल्ली सरकार की ईवी पॉलिसी में हाइब्रिड्स को भी शामिल करने पर भी ऐसे ही विरोध के सुर सुनाई दिए थे। लेकिन दिग्गज कार कंपनी ह्यंूदे अब फिर से ड्रॉइंग बोर्ड पर है और ग्रोथ प्लान के लिए जापानी कंपीटिटर की ही तरह मल्टी-पावरट्रेन के साथ आगे बढऩा चाहती है जिनमें पेट्रोल, डीजल, सीएनजी और ईवी के साथ ही...हाइब्रिड भी शामिल हैं। जबकि ह्यूंदे की सैकंड बेस्ट सैलर पोजिशन के लिए बड़े चैलेंज बन गए टाटा और महिन्द्रा फुल स्टीम से ईवी ट्रेक पर बढ़ रहे हैं। हाल ही क्रेटा ईवी लॉन्च करने वाली ह्यूंदे भारत में स्ट्रॉन्ग हाइब्रिड ईवी लॉन्च करना चाहती है। कंपनी के ग्लोबल पोर्टफोलियो में सांता-फे, टक्सन, कोना और इलांट्रा जैसे नीश मॉडलों में हाइब्रिड वेरिएंट शामिल हैं। वहीं प्लग-इन हाइब्रिड लाइन-अप में आयोनिक सीरीज शामिल है। आपको जानते हैं मल्टी-पावरट्रेन को लेकर सबसे पावरफुल वॉइस टोयोटा की रही है और इसकी जोड़ीदार मारुति ने भी इसी एप्रोच को सपोर्ट किया है। ह्यूंदे भारत में अपनी दरक रही पोजिशन को फोर्टिफाई करने के लिए अगले पांच साल में बड़े लॉन्च के साथ आगे बढ़ रही है। कंपनी ने कहा है कि वह 2029-30 तक भारत में 26 मॉडल लॉन्च करेगी। यानी हर तिमाही में कम से कम एक नई कार भारत में ह्यूंदे लॉन्च करेगी, जिसमें से 8 कारें तो अगले साल ही आनी है। वाहन पोर्टल के डेटा के अनुसार माइल्ड, स्ट्रॉन्ग और प्लग-इन हाइब्रिड मिलाकर देश में पिछले वर्ष हाइब्रिड कारों की कुल सेल्स 7 परसेंट ग्रोथ के साथ 3.55 लाख यूनिट रही जबकि इलेक्ट्रिक कारों की 18 परसेंट ग्रोथ के साथ 1,07,645 यूनिट है। बात सिर्फ भारत की नहीं है। ग्लोबल मार्केट में भी ईवी के बजाय हाइब्रिड ट्रेंड पर हैं। अमेरिका और ईयू में वर्ष 2024 में हाइब्रिड वेहीकल्स की सेल्स ईवी से अधिक रही थी। होंडा और टोयोटा को हाइब्रिड टेक्नोलॉजी का पायोनीयर माना जाता है और इन्होंने अमेरिका में 60 के दशक के फ्यूल क्राइसिस के दौरान इस टेक्नोलॉजी को लॉन्च किया था। इक्रा की रिपोर्ट कहती है कि वित्त वर्ष 25-वित्त वर्ष 30 के बीच पीवी सेल्स लगभग 6 परसेंट सीएजीआर के साथ 57.5 लाख यूनिट्स तक पहुंच जाएगा। वर्तमान में हाइब्रिड कारों पर 28 परसेंट जीएसटी लगता है जबकि ईवी पर केवल 5 परसेंट। यदि इसमें सरचार्ज आदि मिला दिया जाए तो हाइब्रिड वेहीकल्स पर कुल 43 परसेंट टेक्स लगता है। ऑटोमोटिव एनालिटिक्स और कंसल्टिंग फर्म जाटो डायनामिक्स के डेटा के अनुसार ईवी सेल्स 2023 में 95,859 यूनिट से बढक़र 2024 में 1,13,441 यूनिट हो गई। इसी अवधि के दौरान, हाइब्रिड वाहनों (हाइब्रिड और प्लग-इन हाइब्रिड) की सेल्स भी बढ़ी। इक्रा की टेबल देखने से पता चलता है कि  2028 तक भारत में हाइब्रिड पैसेंजर वेहीकल्स की सेल्स 2.15 से बढक़र 8 परसेंट हो जाएगी। जाटो डायनामिक्स का डेटा कहता है कि पिछले वित्त वर्ष में भारत में स्ट्रॉन्ग हाइब्रिड्स की कुल सेल्स 82669 यूनिट्स रही जिसमें 82 परसेंट शेयर टोयोटा का था।


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