इंडिया में म्यूचुअल फंड्स में पिछले कुछ समय से रिकॉर्ड इन्फ्लो दर्ज किए जा रहे हैं। शेयर बाजारों से बड़ी संख्या में जुड़ रहे फस्र्ट-टाइम इंवेस्टर म्यूचुअल फंड्स के जरिए एक्सपोजर ले रहे हैं। इसके अलावा सिस्टेमेटिक इंवेस्टमेंट प्लान (SIP) बुक भी रिकॉर्ड लेवल्स पर बनी हुई है। इस ट्रेंड का बेनेफिट म्यूचुअल फंड डिस्ट्रीब्यूटर्स को बड़े लेवल पर मिल रहा है क्योंकि म्यूचुअल फंड्स द्वारा 2024-25 में डिस्ट्रीब्यूटर्स को दिया गया कमीशन 40 प्रतिशत बढक़र 21,000 करोड़ रुपये के आसपास दर्ज किया गया है। इनमें भी टॉप 10 म्यूचुअल फंड डिस्ट्रीब्यूटर्स को मिले कमीशन में तो भारी इजाफा हुआ है। एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (एम्फी) द्वारा जारी डाटा के अनुसार 2023-24 में इंडिया के टॉप-10 डिस्ट्रीब्यूटर्स को 6681 करोड़ रुपये का कमीशन म्यूचुअल फंड्स कंपनियों की ओर से मिला था जो 2024-25 में 39 प्रतिशत बढक़र 9265 करोड़ रुपये हो गया। देश के सबसे बड़े म्यूचुअल फंड डिस्ट्रीब्यूटर के रूप में एनजे इंडिया इंवेस्ट ने 2024-25 में भी अपनी पोजीशन कायम रखी व इस दौरान इस फर्म को मिला ग्रॉस कमीशन 62 प्रतिशत बढक़र 2608 करोड़ रुपये हो गया। दूसरे नंबर पर एसबीआई रहा जिसकी म्यूचुअल फंड कमीशन इनकम 2024-25 में 33 प्रतिशत बढक़र 1514 करोड़ रुपये हो गई। एचडीएफसी बैंक 1038 करोड़ रुपये के कमीशन के साथ तीसरे नंबर पर रहा। इनके अलावा प्रूडेंट कॉर्पोरेट एडवायजरी सर्विसेज को मिला कमीशन 43.3 प्रतिशत बढक़र 1058 करोड़ रुपये जबकि आनंद राठी वैल्थ की कमीशन इनकम 47 प्रतिशत बढक़र 454 करोड़ रुपये रही। एक्सिस बैंक, आईसीआईसीआई बैंक व कोटक महिंद्रा बैंक जैसे बैंकों को भी म्यूचुअल फंड डिस्ट्रीब्यूशन के जरिए बड़ा कमीशन मिला है। उल्लेखनीय है कि म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री में 2024-25 में भी मजबूत ग्रोथ दर्ज की गई। 31 जुलाई 2025 को इंडस्ट्री का कुल AUM (एसेट्स अंडर मेनेजमेंट) 75.36 लाख करोड़ रुपये हो गया जो 31 जुलाई 2024 को 61.98 लाख करोड़ रुपये था। देश में वर्तमान में 9.11 करोड़ SIP अकाउंट्स एक्टिव हैं। 2024-25 में इक्विटी व डेब्ट फंड्स में क्रमश: 42702 करोड़ रुपये व 1.06 लाख करोड़ रुपये का नेट इन्फ्लो दर्ज किया गया।
