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06-09-2025

भारत में तेजी से बढ़ रहा इक्विटी कल्चर, म्यूचुअल फंड एयूएम में हुआ 300 प्रतिशत से अधिक का इजाफा

  •  भारत में इक्विटी म्यूचुअल फंड के एयूएम (एसेट अंडर मैनेजमेंट) बीते पांच वर्षों में 335.31 प्रतिशत बढक़र जुलाई 2025 में 33.32 लाख करोड़ रुपए हो हो गया है, जो कि जुलाई 2020 में 7.65 लाख करोड़ रुपए था।  आईसीआरए एनालिटिक्स की रिपोर्ट में कहा गया है कि बाजार में उतार-चढ़ाव के बावजूद, इक्विटी म्यूचुअल फंड अपनी चमक बनाए हुए हैं और खुदरा निवेशक लंबी अवधि में वेल्थ क्रिएशन के उद्देश्य से इन योजनाओं में लगातार निवेश कर रहे हैं। रिपोर्ट में कहा गया कि एसआईपी बाजार की अस्थिरता को प्रबंधित करने के लिए एक लोकप्रिय साधन बन गया है, जो निवेशकों को नियमित रूप से एक निश्चित राशि निवेश करने की अनुमति देता है, जिसमें उन्हें औसत भाव से लाभ मिलता है। आईसीआरए एनालिटिक्स के वरिष्ठ उपाध्यक्ष और बाजार डेटा प्रमुख अश्विनी कुमार ने कहा, पिछले कुछ वर्षों में इक्विटी म्यूचुअल फंडों में निवेश में तेज वृद्धि देखी गई है, क्योंकि निवेशक बड़ी संख्या में लंबी अवधि का नजरिया अपना रहे हैं, और यह समझ रहे हैं कि अल्पकालिक बाजार में उतार-चढ़ाव वेल्थ क्रिएशन की दिशा में यात्रा का हिस्सा हैं। ऐतिहासिक आंकड़े बताते हैं कि बाजार में समय के साथ सुधार होता है और धैर्यवान निवेशकों को लाभ मिलता है। जुलाई में सेक्टोरल/थीमैटिक फंडों में सबसे अधिक 9,426.03 करोड़ रुपए का निवेश हुआ, क्योंकि निवेशक, विशेष रूप से खुदरा क्षेत्र में नए विकास के अवसरों की तलाश में लगे हुए हैं और अल्फा या उच्च रिटर्न अर्जित करने के रास्ते तलाश रहे हैं। कुमार ने कहा, इसके बाद फ्लेक्सी कैप फंड और स्मॉल कैप फंड का स्थान रहा, जिनमें क्रमश: 7,654.33 करोड़ रुपए और 6,484.43 करोड़ रुपए का निवेश हुआ, क्योंकि निवेशक विविध आवंटन और उच्च रिटर्न को प्राथमिकता देते हैं। इक्विटी म्यूचुअल फंडों में निवेश में लगातार वृद्धि देखी गई है, जुलाई 2025 में इनफ्लो 42,673 करोड़ रुपए पर पहुंच गया है। इसके विपरीत जुलाई 2020 में आउटफ्लो 3,845 करोड़ रुपए पर था। कुमार ने आगे कहा, वैश्विक अनिश्चितताओं के बावजूद, घरेलू निवेशक भारत की आर्थिक प्रगति को लेकर आशावादी बने हुए हैं। इस विश्वास ने उच्च अस्थिरता के दौर में भी इक्विटी म्यूचुअल फंडों में निरंतर निवेश को बढ़ावा दिया है।

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भारत में तेजी से बढ़ रहा इक्विटी कल्चर, म्यूचुअल फंड एयूएम में हुआ 300 प्रतिशत से अधिक का इजाफा

 भारत में इक्विटी म्यूचुअल फंड के एयूएम (एसेट अंडर मैनेजमेंट) बीते पांच वर्षों में 335.31 प्रतिशत बढक़र जुलाई 2025 में 33.32 लाख करोड़ रुपए हो हो गया है, जो कि जुलाई 2020 में 7.65 लाख करोड़ रुपए था।  आईसीआरए एनालिटिक्स की रिपोर्ट में कहा गया है कि बाजार में उतार-चढ़ाव के बावजूद, इक्विटी म्यूचुअल फंड अपनी चमक बनाए हुए हैं और खुदरा निवेशक लंबी अवधि में वेल्थ क्रिएशन के उद्देश्य से इन योजनाओं में लगातार निवेश कर रहे हैं। रिपोर्ट में कहा गया कि एसआईपी बाजार की अस्थिरता को प्रबंधित करने के लिए एक लोकप्रिय साधन बन गया है, जो निवेशकों को नियमित रूप से एक निश्चित राशि निवेश करने की अनुमति देता है, जिसमें उन्हें औसत भाव से लाभ मिलता है। आईसीआरए एनालिटिक्स के वरिष्ठ उपाध्यक्ष और बाजार डेटा प्रमुख अश्विनी कुमार ने कहा, पिछले कुछ वर्षों में इक्विटी म्यूचुअल फंडों में निवेश में तेज वृद्धि देखी गई है, क्योंकि निवेशक बड़ी संख्या में लंबी अवधि का नजरिया अपना रहे हैं, और यह समझ रहे हैं कि अल्पकालिक बाजार में उतार-चढ़ाव वेल्थ क्रिएशन की दिशा में यात्रा का हिस्सा हैं। ऐतिहासिक आंकड़े बताते हैं कि बाजार में समय के साथ सुधार होता है और धैर्यवान निवेशकों को लाभ मिलता है। जुलाई में सेक्टोरल/थीमैटिक फंडों में सबसे अधिक 9,426.03 करोड़ रुपए का निवेश हुआ, क्योंकि निवेशक, विशेष रूप से खुदरा क्षेत्र में नए विकास के अवसरों की तलाश में लगे हुए हैं और अल्फा या उच्च रिटर्न अर्जित करने के रास्ते तलाश रहे हैं। कुमार ने कहा, इसके बाद फ्लेक्सी कैप फंड और स्मॉल कैप फंड का स्थान रहा, जिनमें क्रमश: 7,654.33 करोड़ रुपए और 6,484.43 करोड़ रुपए का निवेश हुआ, क्योंकि निवेशक विविध आवंटन और उच्च रिटर्न को प्राथमिकता देते हैं। इक्विटी म्यूचुअल फंडों में निवेश में लगातार वृद्धि देखी गई है, जुलाई 2025 में इनफ्लो 42,673 करोड़ रुपए पर पहुंच गया है। इसके विपरीत जुलाई 2020 में आउटफ्लो 3,845 करोड़ रुपए पर था। कुमार ने आगे कहा, वैश्विक अनिश्चितताओं के बावजूद, घरेलू निवेशक भारत की आर्थिक प्रगति को लेकर आशावादी बने हुए हैं। इस विश्वास ने उच्च अस्थिरता के दौर में भी इक्विटी म्यूचुअल फंडों में निरंतर निवेश को बढ़ावा दिया है।


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