प्लास्टिक पाइप्स, सेरामिक टाइल्स व वुड पैनल्स जैसे सेगमेंट्स को शामिल करने वाला इंडिया का होम-डेकोर सेक्टर वर्तमान में बेहद चुनौतीपूर्ण कारोबारी हालातों का सामना कर रहा है। कमजोर कंज्यूमर डिमांड, घटते रियलाइजेशंस व प्रोफिट मार्जिनों पर प्रेशर ने इस सेक्टर की कंपनियों की प्रोफिटेबिलिटी को बड़े लेवल पर इंपैक्ट किया है। यही कारण है कि पिछले 1 वर्ष में फिनोलेक्स इंडस्ट्रीज, प्रिंस पाइप्स, कजारिया सेरामिक्स, सोमानी सेरामिक्स, ग्रीनप्लाई इंडस्ट्रीज व ग्रीनपैनल इंडस्ट्रीज लि. जैसी इस सेक्टर की प्रमुख कंपनियों के शेयरों में 20 प्रतिशत से लेकर 42 प्रतिशत तक की गिरावट दर्ज की गई। एग्रीगेट लेवल पर 13 प्रमुख बिल्डिंग मेटेरियल कंपनियों की अप्रेल-जून 2025 क्वार्टर में रेवेन्यू लगातार 10वें क्वार्टर घटी है। इस दौरान इन कंपनियों की कुल रेवेन्यू जहां 0.2 प्रतिशत घटी है वहीं ओपरेटिंग मार्जिन 204 बेसिस पाइंट घटकर 11 प्रतिशत दर्ज किए गए। कमजोर डिमांड की स्थिति के साथ ही मार्केट में जबर्दस्त कंपिटिशन के कारण कंपनियों को डीलर्स को ऊंचे डिस्काउंट्स देने पर मजबूर होना पड़ा है जिससे कंपनियों के प्रोफिट मार्जिन इंपैक्ट हुए हैं। प्लास्टिक पाइप सेगमेंट का परफोर्मेंस मानसून के समय से पहले एंट्री के अलावा इंफ्रास्ट्रक्चर पर सरकार की घटी स्पेंडिंग के कारण प्रभावित हुआ। वहीं वुड पैनल कंपनियों को टिंबर की कीमतों में आई कमी से कुछ रिलीफ अवश्य मिली है। एक्सपटर््स का कहना है कि रूष्ठस्न सेगमेंट में कंपिटिशन का लेवल काफी व्यापक बना हुआ है जिससे निकट भविष्य में इस सेगमेंट की कंपनियों के सामने चुनौतियां बनी रह सकती है। सेरामिक टाइल्स सेक्टर की बात करें तो कमजोर रिटेल डिमांड के बीच मोरबी (गुजरात) बेस्ड टाइल कंपनियों से मिल रहे कंपिटिशन व कमजोर एक्सपोटर्स के कारण लिस्टेड सेरामिक टाइल कंपनियों द्वारा Cost-Reduction पर फोकस किया जा रहा है ताकि प्रोफिट मार्जिनों को कुछ सपोर्ट मिल सके।
