अमेरिकी प्रतिभूति एवं विनिमय आयोग (एसईसी) ने न्यूयॉर्क की एक संघीय अदालत में कहा है कि उसने उद्योगपति गौतम अदाणी और उनके भतीजे सागर अदाणी को कानूनी दस्तावेज सौंपने के लिए भारत के विधि एवं न्याय मंत्रालय से सहयोग मांगा है। न्यूयॉर्क के पूर्वी जिले के अदालत के मजिस्ट्रेट न्यायाधीश जेम्स आर चो के समक्ष दी गयी जानकारी में एसईसी ने कहा कि वह हेग सेवा कन्वेंशन (अंतरराष्ट्रीय संधि) के प्रावधानों के तहत समन और शिकायत को औपचारिक तौर पर प्रतिवादी तक पहुंचाने की कोशिश कर रहा है। भारत में रहने वाले प्रतिवादियों को अभी तक आधिकारिक तौर पर समन नहीं भेजा गया है। अमेरिकी प्रतिभूति एवं विनिमय आयोग को नवीकरणीय ऊर्जा आपूर्ति ठेका हासिल करने के लिए कथित तौर पर 26.5 करोड़ अमेरिकी डॉलर देने के मामले में अदाणी समूह के संस्थापक एवं चेयरमैन गौतम अदाणी तथा उनके भतीजे सागर को उचित राजनयिक माध्यमों से समन भेजना होगा, क्योंकि किसी विदेशी नागरिक को सीधे समन भेजने का उसके पास कोई अधिकार नहीं है। अदाणी समूह ने सभी आरोपों को आधारहीन बताते हुए उसे सिरे से खारिज किया है। एसईसी का कहना है भारतीय अधिकारियों ने समन तामील कराने के उसके अनुरोध पर अभी तक कोई कदम नहीं उठाया है। दाखिल दस्तावेज में कहा गया, ‘‘ एसईसी का भारत के विधि एवं न्याय मंत्रालय के साथ संवाद जारी रखने और हेग-सर्विस कन्वेंशन के माध्यम से प्रतिवादियों को समन भेजने का इरादा है। वह इस मामले में अदालत को अपने प्रयासों से अवगत कराएगा।’’ अगली सुनवाई की तारीख अभी नहीं बताई है। यह मामला अदाणी ग्रीन एनर्जी लि. (एजीईएल) द्वारा 2021 में जारी किए बॉन्ड से संबंधित है। एसईसी का आरोप है कि एजीईएल ने बॉन्ड जारी करते समय अमेरिकी निवेशकों को वित्तीय स्थिति व कुछ आंतरिक गतिविधियों के बारे में गलत और भ्रामक जानकारी दी।