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15-08-2025

Solar में ऐसे हो रहा मेक इन इंडिया का Sunrise

  •  India Achieves 50% Green Energy Milestone, 5 Years Ahead Of Paris Agreement Target...यह खबर पढ़ी होगी आपने। देश की कुल पावर इंस्टॉल्ड कैपेसिटी में ग्रीन पावर का शेयर 50 परसेंट हो गया है। हालांकि भारत सरकार ने इसके लिए 2030 का टार्गेट रखा था। यह बहुत ही रेयर है जब कोई सरकारी काम टार्गेट से पहले पूरा हो जाए। भारत की कुल बिजली उत्पादन क्षमता अब 484.8 गीगावॉट हो गई है, जिसमें से 242.8 गीगावॉट से अधिक क्षमता नॉन-फॉसिल पावर सोर्स (सोलर, विंज, हाइड्रो और  न्यूक्लीयर पावर) से आती है। हालांकि अपने इस ग्रीन शिफ्ट के लिए एलीफेंट भारत ड्रेगन चीन पर निर्भर है।  फिर भी देश में सोलर पीवी मॉड्यूल कैपेसिटी का तेजी से विस्तार हो रहा है। भारत सरकार के लेटेस्ट डेटा के अनुसार मेक इन इंडिया के तहत सोलर पीवी मॉड्यूल की मैन्युफैक्चरिंग कैपेसिटी 100 गीगावॉट के लेवल तक पहुंच गई है जो वर्ष 2014 के मुकाबले आठ गुना है। एप्रूव्ड लिस्ट ऑफ मॉडल एंड मैन्युफैक्चरर्स (एएलएमएम) के अनुसार 2014 में देश के पास केवल 2.3 गीगावॉट सोलर मॉड्यूल मैन्युफैक्चरिंग कैपेसिटी थी। सोलर पीवी मॉड्यूल के लिए एएलएमएम एक लिस्ट है जिसे भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) द्वारा प्रमाणित किया गया है। इसी लिस्ट में शामिल सोलर पीवी मॉड्यूल मॉडल और मैन्युफैक्चरर्स को ही सोलर प्रॉजेक्ट्स विशेषकर सरकारी सहायता प्राप्त प्रोजेक्ट्स के लिए मंजूरी दी जाती है। रिन्यूएबल एनर्जी मिनिस्टर प्रल्हाद जोशी के अनुसार हाई एफिशियेंसी सोलर मॉड्यूल के लिए पीएलआई स्कीम के जरिए आत्मनिर्भर सोलर मैन्युफैक्चरिंग इकोसिस्टम का निर्माण कर रहे हैं। यह उपलब्धि आत्मनिर्भर भारत और 2030 तक 500 गीगावॉट गैर-जीवाश्म क्षमता के लक्ष्य की ओर हमारे मार्ग को मजबूत करती है। रिन्यूएबल एनर्जी मिनिस्ट्री ने जनवरी 2019 में एएलएमएम जारी किया था। जिसके तहत मार्च 2021 में सोलर पीवी मॉड्यूल के लिए पहली एएलएमएम लिस्ट जारी की थी जिसमें लगभग 8.2 गीगावॉट की कैपेसिटी थी। लेकिन सिर्फ चार साल से थोड़े अधिक समय में यह कैपेसिटी बारह गुना से अधिक बढक़र 100 गीगावॉट पार कर गई है। निर्माताओं की संख्या 2021 में 21 से बढक़र 100 हो गई है, जो वर्तमान में 123 मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स ऑपरेट कर रहे हैं।

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Solar में ऐसे हो रहा मेक इन इंडिया का Sunrise

 India Achieves 50% Green Energy Milestone, 5 Years Ahead Of Paris Agreement Target...यह खबर पढ़ी होगी आपने। देश की कुल पावर इंस्टॉल्ड कैपेसिटी में ग्रीन पावर का शेयर 50 परसेंट हो गया है। हालांकि भारत सरकार ने इसके लिए 2030 का टार्गेट रखा था। यह बहुत ही रेयर है जब कोई सरकारी काम टार्गेट से पहले पूरा हो जाए। भारत की कुल बिजली उत्पादन क्षमता अब 484.8 गीगावॉट हो गई है, जिसमें से 242.8 गीगावॉट से अधिक क्षमता नॉन-फॉसिल पावर सोर्स (सोलर, विंज, हाइड्रो और  न्यूक्लीयर पावर) से आती है। हालांकि अपने इस ग्रीन शिफ्ट के लिए एलीफेंट भारत ड्रेगन चीन पर निर्भर है।  फिर भी देश में सोलर पीवी मॉड्यूल कैपेसिटी का तेजी से विस्तार हो रहा है। भारत सरकार के लेटेस्ट डेटा के अनुसार मेक इन इंडिया के तहत सोलर पीवी मॉड्यूल की मैन्युफैक्चरिंग कैपेसिटी 100 गीगावॉट के लेवल तक पहुंच गई है जो वर्ष 2014 के मुकाबले आठ गुना है। एप्रूव्ड लिस्ट ऑफ मॉडल एंड मैन्युफैक्चरर्स (एएलएमएम) के अनुसार 2014 में देश के पास केवल 2.3 गीगावॉट सोलर मॉड्यूल मैन्युफैक्चरिंग कैपेसिटी थी। सोलर पीवी मॉड्यूल के लिए एएलएमएम एक लिस्ट है जिसे भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) द्वारा प्रमाणित किया गया है। इसी लिस्ट में शामिल सोलर पीवी मॉड्यूल मॉडल और मैन्युफैक्चरर्स को ही सोलर प्रॉजेक्ट्स विशेषकर सरकारी सहायता प्राप्त प्रोजेक्ट्स के लिए मंजूरी दी जाती है। रिन्यूएबल एनर्जी मिनिस्टर प्रल्हाद जोशी के अनुसार हाई एफिशियेंसी सोलर मॉड्यूल के लिए पीएलआई स्कीम के जरिए आत्मनिर्भर सोलर मैन्युफैक्चरिंग इकोसिस्टम का निर्माण कर रहे हैं। यह उपलब्धि आत्मनिर्भर भारत और 2030 तक 500 गीगावॉट गैर-जीवाश्म क्षमता के लक्ष्य की ओर हमारे मार्ग को मजबूत करती है। रिन्यूएबल एनर्जी मिनिस्ट्री ने जनवरी 2019 में एएलएमएम जारी किया था। जिसके तहत मार्च 2021 में सोलर पीवी मॉड्यूल के लिए पहली एएलएमएम लिस्ट जारी की थी जिसमें लगभग 8.2 गीगावॉट की कैपेसिटी थी। लेकिन सिर्फ चार साल से थोड़े अधिक समय में यह कैपेसिटी बारह गुना से अधिक बढक़र 100 गीगावॉट पार कर गई है। निर्माताओं की संख्या 2021 में 21 से बढक़र 100 हो गई है, जो वर्तमान में 123 मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स ऑपरेट कर रहे हैं।


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