जुलाई में ग्लोबल ईवी सेल्स साल-दर-साल 21 परसेंट बढ़ पाई, जो जनवरी के बाद से सबसे स्लोग्रोथ है। जून में ग्लोबल ईवी मार्केट में 25 परसेंट की ग्रोथ हुई थी। मार्केट रिसर्च फर्म रो मोशन के अनुसार, यह गिरावट मुख्य रूप से चीन के प्लग-इन हाइब्रिड सेगमेंट की कमजोर रफ्तार के कारण हुई। दुनिया के सबसे बड़े कार बाजार और ग्लोबल ईवी सेल्स में आधी से अधिक हिस्सेदारी रखने वाले चीन में जुलाई में कुल ऑटो सेल्स में ग्रोथ भी धीमी रही। दुनिया के सबसे बड़े ईवी निर्माता बीवाईडी की लगातार तीसरे महीने सेल्स में गिरावट दर्ज की गई। चीन के ठंडे होते बाजार के बावजूद, ग्लोबल ईवी सेल्स को अन्य क्षेत्रों से समर्थन मिला। यूरोप में सेल्स 48 परसेंट बढक़र लगभग 3.9 लाख यूनिट हो गई और इसका सबसे बड़ा कारण ग्रीन मोबिलिटी को बढ़ावा देने के लिए लाई गई स्कीम्स हैं। उत्तर अमेरिका में सेल्स 10 परसेंट बढक़र 1.7 लाख यूनिट से अधिक हो गई, जबकि बाकी दुनिया में सेल्स 55 परसेंट बढक़र 1.4 लाख वाहनों से अधिक हो गई। जुलाई में ग्लोबल ईवी सेल्स, जिसमें बैटरी-इलेक्ट्रिक और प्लग-इन हाइब्रिड शामिल हैं, 16 लाख यूनिट रही। चीन की ईवी सेल्स ग्रोथ जो 2025 की पहली छमाही में औसतन प्रति माह 36 परसेंट थी, जुलाई में घटकर 12 परसेंट रह गई। सब्सिडी स्कीम्स को लेकर अनिश्चितता के कारण बायर्स फिलहाल अपनी परचेज टाल रहे हैं। इसके बावजूद चीन में लगभग 10 लाख यूनिट की सेल्स हुई है। रो मोशन के डेटा मैनेजर चाल्र्स लेस्टर ने कहा कि क्षेत्रीय भिन्नताओं के बावजूद, 2025 में ईवी अपनाने की समग्र दिशा मजबूत रूप से ऊपर की ओर है। चीन में ताजा सब्सिडी फंड जारी होने के साथ अगस्त से ईवी सेल्स में रिकवरी की उम्मीद है। वहीं, अमेरिका में सितंबर के अंत से नए ईवी की खरीद या लीज पर मिलने वाले फेडरल टैक्स क्रेडिट में कटौती के बाद मांग पर असर पड़ सकता है।