न्यूजीलैंड सरकार ने घोषणा की है कि वह देश के प्रमुख पर्यटन स्थलों जैसे मिलफोर्ड ट्रैक और माउंट कुक पर आने वाले विदेशी पर्यटकों से 24 डॉलर तक का शुल्क वसूलेगी। यह कदम अर्थव्यवस्था को गति देने के प्रयास के तहत उठाया गया है। हालांकि मार्च 2024 तक के 12 महीनों में विदेशी पर्यटकों ने न्यूजीलैंड में 60 परसेंट ज्यादा लगभग 9.7 बिलियन डॉलर खर्च किया। फिर भी यह अब भी डेयरी उद्योग की तुलना में पीछे है, जिसकी समान अवधि में निर्यात आय 21.1 बिलियन डॉलर रही। प्रधानमंत्री क्रिस्टोफर लकसन ने कहा कि देश के नेचरल नेशनल पार्क और प्रतिष्ठित वॉकिंग ट्रेल्स न्यूजीलैंडवासियों के लिए बेहद खास हैं, और ऐसे भीड़भाड़ वाले स्थलों पर विदेशी पर्यटकों से शुल्क लिया जाना उचित है। उनके अनुसार, प्रस्तावित शुल्क से हर साल $62 मिलियन न्यूजीलैंड डॉलर की आमदनी होगी। इस फंड का इस्तेमाल इन्हीं टूरिस्ट स्पॉट्स पर इंवेस्ट किया जाएगा। लकसन ने कहा, मैंने कई बार विदेश से आने वाले दोस्तों से यह सुना है कि वे हैरान होते हैं कि दुनिया के कुछ सबसे खूबसूरत स्थानों की यात्रा मुफ्त में की जा सकती है। यह पूरी तरह उचित है कि इन खास जगहों पर विदेशी पर्यटक $20 न्यूजीलैंड डॉलर से 40 न्यूजीलैंड डॉलर प्रति व्यक्ति का अतिरिक्त योगदान दें। सरकार नवंबर से चीनी पर्यटकों के लिए महंगे ट्रांजिट वीजा को समाप्त करने की योजना भी बना रही है, ताकि अधिक पर्यटक आकर्षित किए जा सकें। न्यूजीलैंड की योजना पर्यटन क्षेत्र को अर्थव्यवस्था के विकास का एक प्रमुख माध्यम बनाने की है, क्योंकि देश पिछले साल आई मंदी से उबरने की कोशिश कर रहा है। प्रधानमंत्री ने बताया कि प्रारंभ में यह शुल्क कैथेड्रल कोव, टोंगारिरो क्रॉसिंग, मिलफोर्ड ट्रैक और माउंट कुक जैसे स्थलों पर लागू किया जाएगा, जहां आने वाले कुल टूरिस्ट्स में से 80 परसेंट विदेशी होते हैं। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि न्यूजीलैंडवासियों पर इन स्पॉट्स पर इंट्री फ्री रहेगी। यह हमारी साझा विरासत है, और कीवी नागरिकों को इसे देखने के लिए शुल्क नहीं देना चाहिए। न्यूजीलैंड का पर्यटन क्षेत्र अगर देश की सबसे बड़ी विदेशी मुद्रा कमाने वाली इंडस्ट्री बनना चाहता है, तो उसे अब भी और मजबूती से उबरने की जरूरत है।