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06-09-2025

चीनी कार यूरोपीय मैदान मारने को तैयार

  •  अगले सप्ताह जर्मनी के शहर म्यूनिख में होने वाला इंटरनेशनल ऑटो शो यूरोप और चीन की ऑटो कंपनियों के बीच दो-दो हाथ का अखाड़ा बनने जा रहा है। जहां एक ओर जर्मनी की दिग्गज फोक्सवैगन, बीएमडब्ल्यू और मर्सिडीज-बेंज जैसे दिग्गज ब्रांड्स अपने नए ईवी से पर्दा हटाएंगे वहीं चीन की चैंपियन कंपनियां बीवाईडी, जीएसी, चांगआन और होंगची अपनी आक्रामक स्ट्रेटेजी के साथ यूरोप के किले को फतेह करने के लिए कमर कस रही हैं। आईएए मोबिलिटी नाम का यह ऑटो शो यूरोप में दो साल में एक बार होने वाला सबसे बड़ा आयोजन है। एक ओर यूरोप की दिग्गज कंपनियों के हाथ से दुनिया का सबसे बड़ा ऑटो मार्केट फिसला जा रहा है दूसरी चीन की कंपनियां उन्हें उनके ही पाले में चैलेंज कर रही हैं।  चीन में ईवी की डिमांड इतनी तेजी से बढ़ी की यूरोपीय की ऑटो कंपनियां अचानचूक (कॉट ऑफ गार्ड) रह गईं। एनेलिस्ट चीन के हालातों को डार्विनियन प्राइस वॉर बता रहे हैं। चाल्र्स डार्विन के सरवाइवल ऑफ द फिटेस्ट पर आधारित डार्विनियन प्राइस वॉर का मतलब ट्रेड एंड इकोनॉमिक्स में ऐसे खतरनाक कंपीटिशन से है जिसमें जिसमें केवल सबसे मजबूत खिलाड़ी ही टिक पाते हैं। चीन की कंपनियां अब अपने घरेलू दबाव से निकलकर यूरोप की ओर रुख कर रही हैं। इनमें सबसे आगे है बीवाईडी, जिसकी ग्लोबल सेल्स 2019 की तुलना में 2024 में दस गुना बढक़र 42 लाख कार तक चुकी है। जुलाई 2025 तक बीवाईडी की यूरोपीय सेल्स भी 290 परसेंट उछलकर 84 हजार यूनिट्स से अधिक हो गई। इसके अलावा चांगआन, जीएसी और फॉ का लक्जरी ब्रांड होंगची भी इस शो में अपने मॉडल डिस्प्ले करेगा। जर्मन ऑटो इंडस्ट्री की एसोसिएशन वीडीए के जान हेकमैन ने कहा चीन पहले से बहुत ज्यादा मौजूद है। इस म्यूनिख शो में चीनी कंपनियों की संख्या 2023 की तुलना में 40 परसेंट ज्यादा है। जनवरी से जुलाई 2025 के बीच यूरोप में चीनी कार कंपनियों का मार्केट शेयर दोगुना होकर 4.8 परसेंट तक पहुंच गया है। ग्लोबल कन्सल्टेंट मैकिंजे का अनुमान है कि आने वाले वर्षों में यह जापानी (14 परसेंट) और कोरियाई कंपनियों (9 परसेंट) के बराबर हो सकती है। हालांकि ईयू ने हाल ही में चीनी इलेक्ट्रिक वेहीकल्स पर टैरिफ लगाए हैं, लेकिन एनेलिस्ट कहते हैं कि इससे चीन की कंपनियों की रफ्तार नहीं रुकेगी। ऑटो एनेलिस्ट एजेंसी एलेक्सपार्टनर्स के जिंग झोउ के अनुसार अमेरिका ने चीनी कंपनियों के लिए दरवाजे बंद कर रखे हैं इसलिए यूरोप ही उनके लिए सबसे बड़ा विकल्प बचा है। होंगची इस शो में तीन नए मॉडल ईएचएस5, ईएचएस7 और ईएचएस9 पेश करने वाली है। चीन की सबसे बड़ी कार एक्सपोर्टर कंपनी चेरी भी नए ब्रांड ओमोड़ा और जैकू लॉन्च करेगी। बीवाईडी प्रीमियम ब्रांड डेंजा और नई हाइब्रिड सेडान सील 6 डीएम-आई ट्यूरिंग लेकर आएगी। बीएमडब्ल्यू नई ईवी आईएक्स3 पेश करेगी। मर्सिडीज-बेंज न्यूजेन इलेक्ट्रिक कार जीएलसी प्रदर्शित करेगी। फोक्सवैगन 2026 तक लॉन्च होने वाली कॉम्पैक्ट आईडी. पोलो ईवी पेश करने जा रही है। एनेलिस्ट कहते हैं कि यूरोपीय कंपनियां इस बार कॉन्सेप्ट के बजाय मास मार्केट मॉडलों पर दांव लगा रही हैं। मार्केट कन्सल्टेंट फर्म स्टैक्स के एमडी फिल डन  कहते हैं पश्चिम की कंपनियां कुछ ज्यादा ही आत्मसंतुष्ट रहीं। अब उन्हें कम मार्केट शेयर के साथ जीना सीखना होगा, क्योंकि चीनी कंपनियां आसानी से मैदान नहीं छोड़ेंगी।

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चीनी कार यूरोपीय मैदान मारने को तैयार

 अगले सप्ताह जर्मनी के शहर म्यूनिख में होने वाला इंटरनेशनल ऑटो शो यूरोप और चीन की ऑटो कंपनियों के बीच दो-दो हाथ का अखाड़ा बनने जा रहा है। जहां एक ओर जर्मनी की दिग्गज फोक्सवैगन, बीएमडब्ल्यू और मर्सिडीज-बेंज जैसे दिग्गज ब्रांड्स अपने नए ईवी से पर्दा हटाएंगे वहीं चीन की चैंपियन कंपनियां बीवाईडी, जीएसी, चांगआन और होंगची अपनी आक्रामक स्ट्रेटेजी के साथ यूरोप के किले को फतेह करने के लिए कमर कस रही हैं। आईएए मोबिलिटी नाम का यह ऑटो शो यूरोप में दो साल में एक बार होने वाला सबसे बड़ा आयोजन है। एक ओर यूरोप की दिग्गज कंपनियों के हाथ से दुनिया का सबसे बड़ा ऑटो मार्केट फिसला जा रहा है दूसरी चीन की कंपनियां उन्हें उनके ही पाले में चैलेंज कर रही हैं।  चीन में ईवी की डिमांड इतनी तेजी से बढ़ी की यूरोपीय की ऑटो कंपनियां अचानचूक (कॉट ऑफ गार्ड) रह गईं। एनेलिस्ट चीन के हालातों को डार्विनियन प्राइस वॉर बता रहे हैं। चाल्र्स डार्विन के सरवाइवल ऑफ द फिटेस्ट पर आधारित डार्विनियन प्राइस वॉर का मतलब ट्रेड एंड इकोनॉमिक्स में ऐसे खतरनाक कंपीटिशन से है जिसमें जिसमें केवल सबसे मजबूत खिलाड़ी ही टिक पाते हैं। चीन की कंपनियां अब अपने घरेलू दबाव से निकलकर यूरोप की ओर रुख कर रही हैं। इनमें सबसे आगे है बीवाईडी, जिसकी ग्लोबल सेल्स 2019 की तुलना में 2024 में दस गुना बढक़र 42 लाख कार तक चुकी है। जुलाई 2025 तक बीवाईडी की यूरोपीय सेल्स भी 290 परसेंट उछलकर 84 हजार यूनिट्स से अधिक हो गई। इसके अलावा चांगआन, जीएसी और फॉ का लक्जरी ब्रांड होंगची भी इस शो में अपने मॉडल डिस्प्ले करेगा। जर्मन ऑटो इंडस्ट्री की एसोसिएशन वीडीए के जान हेकमैन ने कहा चीन पहले से बहुत ज्यादा मौजूद है। इस म्यूनिख शो में चीनी कंपनियों की संख्या 2023 की तुलना में 40 परसेंट ज्यादा है। जनवरी से जुलाई 2025 के बीच यूरोप में चीनी कार कंपनियों का मार्केट शेयर दोगुना होकर 4.8 परसेंट तक पहुंच गया है। ग्लोबल कन्सल्टेंट मैकिंजे का अनुमान है कि आने वाले वर्षों में यह जापानी (14 परसेंट) और कोरियाई कंपनियों (9 परसेंट) के बराबर हो सकती है। हालांकि ईयू ने हाल ही में चीनी इलेक्ट्रिक वेहीकल्स पर टैरिफ लगाए हैं, लेकिन एनेलिस्ट कहते हैं कि इससे चीन की कंपनियों की रफ्तार नहीं रुकेगी। ऑटो एनेलिस्ट एजेंसी एलेक्सपार्टनर्स के जिंग झोउ के अनुसार अमेरिका ने चीनी कंपनियों के लिए दरवाजे बंद कर रखे हैं इसलिए यूरोप ही उनके लिए सबसे बड़ा विकल्प बचा है। होंगची इस शो में तीन नए मॉडल ईएचएस5, ईएचएस7 और ईएचएस9 पेश करने वाली है। चीन की सबसे बड़ी कार एक्सपोर्टर कंपनी चेरी भी नए ब्रांड ओमोड़ा और जैकू लॉन्च करेगी। बीवाईडी प्रीमियम ब्रांड डेंजा और नई हाइब्रिड सेडान सील 6 डीएम-आई ट्यूरिंग लेकर आएगी। बीएमडब्ल्यू नई ईवी आईएक्स3 पेश करेगी। मर्सिडीज-बेंज न्यूजेन इलेक्ट्रिक कार जीएलसी प्रदर्शित करेगी। फोक्सवैगन 2026 तक लॉन्च होने वाली कॉम्पैक्ट आईडी. पोलो ईवी पेश करने जा रही है। एनेलिस्ट कहते हैं कि यूरोपीय कंपनियां इस बार कॉन्सेप्ट के बजाय मास मार्केट मॉडलों पर दांव लगा रही हैं। मार्केट कन्सल्टेंट फर्म स्टैक्स के एमडी फिल डन  कहते हैं पश्चिम की कंपनियां कुछ ज्यादा ही आत्मसंतुष्ट रहीं। अब उन्हें कम मार्केट शेयर के साथ जीना सीखना होगा, क्योंकि चीनी कंपनियां आसानी से मैदान नहीं छोड़ेंगी।


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