आरबीआई के आंकड़ों के अनुसार, अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों (एससीबी) में जमा जून 2025 के अंत तक सालाना आधार पर 11.3 परसेंट बढ़ी, जबकि एक वर्ष पहले (विलय को छोडक़र) यह वृद्धि 11.7 परसेंट रही थी। जमा संरचना में चालू खाता 9.5 परसेंट, बचत खाता 28.3 परसेंट और सबसे बड़ा हिस्सा एफडी का रहा जो 62.2 परसेंट पर पहुंच गया। आंकड़ों से पता चलता है कि पिछले वर्ष से ही एफडी का दबदबा कायम है और इंवेस्टर रिस्क लेने से बच रहे हैं। एफडी में जून 2025 में 13.5 परसेंट की ग्रोथ हुई जो सेविंग्स की 5.4 परसेंट ग्रोथ से कहीं अधिक है। जिससे कुल जमा में एफडी का शेयर जून 2024 के 61 परसेंट से बढक़र 62.2 परसेंट हो गया। जून 2025 में लगभग 70 परसेंट एफडी की की मूल परिपक्वता अवधि 1-3 वर्ष रही, जबकि लगभग 20 परसेंट जमा एक वर्ष से कम अवधि वाले शॉर्ट-टर्म डिपॉजिट रहे। रिपोर्ट के अनुसार 7 परसेंट और उससे अधिक ब्याज दर वाले एफडी का अनुपात जून 2024 के 66.9 परसेंट से घटकर जून 2025 में 65 परसेंट रह गया। वहीं 1 करोड़ और उससे अधिक की एफडी का हिस्सा जून 2024 के 44.8 परसेंट से बढक़र जून 2025 में 45.7 परसेंट तक जा पहुंचा। हाउसहोल्ड जमा का हिस्सा जून 2024 के 60.8 परसेंट से घटकर जून 2025 में 59.9 परसेंट रह गया, जबकि वित्तीय कंपनियों (फाइनेंशियल कॉरपोरेशन) का हिस्सा 6 परसेंट से बढक़र 7 परसेंट हो गया।