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05-09-2025

Consumption बढ़ेगा तो ही मिलेगा GST कट का फायदा

  •  जीएसटी 2.0 के जरिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने स्वीप शॉट (झाडू चलाना) खेल दिया है। इसका फायदा साबुन से लेकर साबुनदानी (स्मॉल कार) तक सब को हो रहा है। माना जा रहा है कि अमेरिका द्वारा लगाए गए 50 परसेंट टैरिफ के कारण बढ़े एक्सपोर्ट चैलेंज को देखते हुए लोकल डिमांड को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने यह कदम उठाया गया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अगुवाई वाली जीएसटी काउंसिल ने 12 और 28 परसेंट जीएसटी स्लैब को खत्म करते हुए केवल 5 परसेंट और 18 परसेंट स्लैब ही रखा है। एनेलिस्ट कहते हैं कि जीएसटी कटौती से इंफ्लेशन बास्केट के 14 परसेंट हिस्से को फायदा होगा। जीएसटी कटौती से लगभग 48 हजार करोड़ रुपये (5.49 बिलियन डॉलर) कम रेवेन्यू मिलेगा।  एनेलिस्ट का यह भी मानना है कि जीडीपी ग्रोथ की जिम्मेदारी अब सरकार के कैपिटल एक्सपेंडिचर के साथ ही कंज्यूमर डिमांड को भी उठानी चाहिए। एसबीआई के चीफ इकोनॉमिस्ट सौम्य कांति घोष के अनुसार जीएसटी कटौती से कंज्यूमर डिमांड में ग्रोथ होगी जिससे रेवेन्यू को होने वाले नुकसान की भरपाई हो जाएगी। हालांकि इकोनॉमिस्ट्स का अनुमान है कि जीएसटी कटौती से रेवेन्यू में 1 लाख करोड़ से 1.8 लाख करोड़ रुपये तक की कमी आ सकता है।  सिटी ने कहा कि अगर कर कटौती का पूरा लाभ कंज्यूमर तक पहुंचता है तो महंगाई दर में 1.1 परसेंट तक की कमी आ सकती है। जुलाई में खुदरा महंगाई आठ साल के सबसे निचले लेवल पर आ चुकी थी।

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Consumption बढ़ेगा तो ही मिलेगा GST कट का फायदा

 जीएसटी 2.0 के जरिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने स्वीप शॉट (झाडू चलाना) खेल दिया है। इसका फायदा साबुन से लेकर साबुनदानी (स्मॉल कार) तक सब को हो रहा है। माना जा रहा है कि अमेरिका द्वारा लगाए गए 50 परसेंट टैरिफ के कारण बढ़े एक्सपोर्ट चैलेंज को देखते हुए लोकल डिमांड को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने यह कदम उठाया गया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अगुवाई वाली जीएसटी काउंसिल ने 12 और 28 परसेंट जीएसटी स्लैब को खत्म करते हुए केवल 5 परसेंट और 18 परसेंट स्लैब ही रखा है। एनेलिस्ट कहते हैं कि जीएसटी कटौती से इंफ्लेशन बास्केट के 14 परसेंट हिस्से को फायदा होगा। जीएसटी कटौती से लगभग 48 हजार करोड़ रुपये (5.49 बिलियन डॉलर) कम रेवेन्यू मिलेगा।  एनेलिस्ट का यह भी मानना है कि जीडीपी ग्रोथ की जिम्मेदारी अब सरकार के कैपिटल एक्सपेंडिचर के साथ ही कंज्यूमर डिमांड को भी उठानी चाहिए। एसबीआई के चीफ इकोनॉमिस्ट सौम्य कांति घोष के अनुसार जीएसटी कटौती से कंज्यूमर डिमांड में ग्रोथ होगी जिससे रेवेन्यू को होने वाले नुकसान की भरपाई हो जाएगी। हालांकि इकोनॉमिस्ट्स का अनुमान है कि जीएसटी कटौती से रेवेन्यू में 1 लाख करोड़ से 1.8 लाख करोड़ रुपये तक की कमी आ सकता है।  सिटी ने कहा कि अगर कर कटौती का पूरा लाभ कंज्यूमर तक पहुंचता है तो महंगाई दर में 1.1 परसेंट तक की कमी आ सकती है। जुलाई में खुदरा महंगाई आठ साल के सबसे निचले लेवल पर आ चुकी थी।


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