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Daily Business Newspaper | A Knowledge Powerhouse in Hindi

03-09-2025

प्रीमियम बाइक की ग्लोबल ग्रोथ का रास्ता रोकेगा जीएसटी

  •  जैसे-जैसे जीएसटी कट को लेकर कयास पुख्ता हो रहे हैं वैसे-वैसे ऑटो इंडस्ट्री में बेचैनी बढ़ रही है। स्मॉल कार और एंट्री टू-व्हीलर को जीएसटी काउंसिल से दिवाली बॉनान्•ाा मिलने की बात है लेकिन प्रीमियम बाइक कंपनियां लेफ्ट आउट (अलग छूट जाने) की आशंका को देखते हुए अब सरकार पर दबाव बढ़ा रही हैं। देश की सबसे बड़ी प्रीमियम मोटरसाइकल कंपनी रॉयल एनफील्ड के एमडी सिद्धार्थ लाल ने भारत सरकार से सभी टू-व्हीलरों पर एक समान 18 परसेंट जीएसटी की मांग की है। उन्होंने सरकार को चेताया है कि कई स्लैब के टेक्स स्ट्रक्चर से भारत की मोटरसाइकल इंडस्ट्री में लीडरशिप पोजिशन को कमजोर कर सकता है। 

    आप जानते हैं जीएसटी काउंसिल की 3-4 सितम्बर को बैठक होने वाली है जिसमें 350 सीसी से ऊपर की बाइकों पर जीएसटी 28 से बढ़ाकर 40 परसेंट करने का प्रस्ताव शामिल है। लाल ने कहा कि इस प्रस्ताव से रॉयल एनफील्ड के लिए मिला-जुला असर होगा। कंपनी की 350 सीसी रेंज की मोटरसाइकल सस्ती हो सकती हैं, लेकिन उसकी हिमालयन 450 और 650 सीसी ट्विन जैसी मिड-साइज बाइक्स महंगी हो जाएंगी। कंपनी ग्लोबल मार्केट्स में हिमालयन 450 और 650 सीसी ट्विन जैसे मॉडलों के दम पर सेंध लगाने की कोशिश में है। रॉयल एनफील्ड वाले आयशर ग्रुप के एमडी सिद्धार्थ लाल ने एक्स पोस्ट में कहा भारत की टू-व्हीलर इंडस्ट्री में ग्लोबल बढ़त को सुरक्षित करने के लिए नीति-निर्माताओं को तुरंत कदम उठाने होंगे और एकसमान टैक्स संरचना अपनानी होगी। लाल ने लिखा यह एकमात्र मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर है जहां भारतीय ब्रांड ग्लोबल मार्केट में अग्रणी हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय ब्रांड छोटे इंजन क्षमता वाली मोटरसाइकलों में दुनिया भर में दबदबा रखते हैं और अब वे मिड-कैपेसिटी सेगमेंट में भी तेजी से प्रवेश कर रहे हैं। प्राइस कंपीटिटिवनैस और क्वॉलिटी के कारण ग्लोबल राइडर्स बड़े इंजन वाली बाइकों से हटकर मेड इन इंडिया मिड-साइज मोटरसाइकल चुन रहे हैं। वर्तमान में सरकार वाहनों और पार्ट्स पर जीएसटी दर घटाने के प्रस्ताव पर विचार कर रही है। सुझावों में कार, बाइक, ट्रैक्टर, एंबुलेंस और ऑटो पार्ट्स पर जीएसटी 28% से घटाकर 18% करना शामिल है। इस कटौती का लाभ 1,200 सीसी तक की पेट्रोल कारों, 1,500 सीसी तक की डीजल कारों, 4,000 मिमी लंबाई तक के वाहनों, 350 सीसी तक की मोटरसाइकल, तीन-व्हीलरों और एंबुलेंस को मिलेगा। दूसरी ओर, रेसिंग कार, 350 सीसी से बड़ी मोटरसाइकल और बड़ी यात्री गाडिय़ों पर जीएसटी 28% से बढ़ाकर 40% करने पर भी विचार कर रही है। दूसरी ओर हीरो मोटोकॉर्प के चेयरमैन पवन मुंजाल का कहना है कि जीएसटी में कटौती से पहली बार वाहन खरीदने वालों को बहुत राहत मिलेगी। प्रसंगवश, रॉयल एनफील्ड की सेल्स का 86% हिस्सा 350 सीसी तक की मोटरसाइकलों से आता है, जबकि हीरो मोटोकॉर्प की कुल सेल्स में लगभग 95% शेयर 350 सीसी से कम इंजन वाले मॉडलों का है।

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प्रीमियम बाइक की ग्लोबल ग्रोथ का रास्ता रोकेगा जीएसटी

 जैसे-जैसे जीएसटी कट को लेकर कयास पुख्ता हो रहे हैं वैसे-वैसे ऑटो इंडस्ट्री में बेचैनी बढ़ रही है। स्मॉल कार और एंट्री टू-व्हीलर को जीएसटी काउंसिल से दिवाली बॉनान्•ाा मिलने की बात है लेकिन प्रीमियम बाइक कंपनियां लेफ्ट आउट (अलग छूट जाने) की आशंका को देखते हुए अब सरकार पर दबाव बढ़ा रही हैं। देश की सबसे बड़ी प्रीमियम मोटरसाइकल कंपनी रॉयल एनफील्ड के एमडी सिद्धार्थ लाल ने भारत सरकार से सभी टू-व्हीलरों पर एक समान 18 परसेंट जीएसटी की मांग की है। उन्होंने सरकार को चेताया है कि कई स्लैब के टेक्स स्ट्रक्चर से भारत की मोटरसाइकल इंडस्ट्री में लीडरशिप पोजिशन को कमजोर कर सकता है। 

आप जानते हैं जीएसटी काउंसिल की 3-4 सितम्बर को बैठक होने वाली है जिसमें 350 सीसी से ऊपर की बाइकों पर जीएसटी 28 से बढ़ाकर 40 परसेंट करने का प्रस्ताव शामिल है। लाल ने कहा कि इस प्रस्ताव से रॉयल एनफील्ड के लिए मिला-जुला असर होगा। कंपनी की 350 सीसी रेंज की मोटरसाइकल सस्ती हो सकती हैं, लेकिन उसकी हिमालयन 450 और 650 सीसी ट्विन जैसी मिड-साइज बाइक्स महंगी हो जाएंगी। कंपनी ग्लोबल मार्केट्स में हिमालयन 450 और 650 सीसी ट्विन जैसे मॉडलों के दम पर सेंध लगाने की कोशिश में है। रॉयल एनफील्ड वाले आयशर ग्रुप के एमडी सिद्धार्थ लाल ने एक्स पोस्ट में कहा भारत की टू-व्हीलर इंडस्ट्री में ग्लोबल बढ़त को सुरक्षित करने के लिए नीति-निर्माताओं को तुरंत कदम उठाने होंगे और एकसमान टैक्स संरचना अपनानी होगी। लाल ने लिखा यह एकमात्र मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर है जहां भारतीय ब्रांड ग्लोबल मार्केट में अग्रणी हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय ब्रांड छोटे इंजन क्षमता वाली मोटरसाइकलों में दुनिया भर में दबदबा रखते हैं और अब वे मिड-कैपेसिटी सेगमेंट में भी तेजी से प्रवेश कर रहे हैं। प्राइस कंपीटिटिवनैस और क्वॉलिटी के कारण ग्लोबल राइडर्स बड़े इंजन वाली बाइकों से हटकर मेड इन इंडिया मिड-साइज मोटरसाइकल चुन रहे हैं। वर्तमान में सरकार वाहनों और पार्ट्स पर जीएसटी दर घटाने के प्रस्ताव पर विचार कर रही है। सुझावों में कार, बाइक, ट्रैक्टर, एंबुलेंस और ऑटो पार्ट्स पर जीएसटी 28% से घटाकर 18% करना शामिल है। इस कटौती का लाभ 1,200 सीसी तक की पेट्रोल कारों, 1,500 सीसी तक की डीजल कारों, 4,000 मिमी लंबाई तक के वाहनों, 350 सीसी तक की मोटरसाइकल, तीन-व्हीलरों और एंबुलेंस को मिलेगा। दूसरी ओर, रेसिंग कार, 350 सीसी से बड़ी मोटरसाइकल और बड़ी यात्री गाडिय़ों पर जीएसटी 28% से बढ़ाकर 40% करने पर भी विचार कर रही है। दूसरी ओर हीरो मोटोकॉर्प के चेयरमैन पवन मुंजाल का कहना है कि जीएसटी में कटौती से पहली बार वाहन खरीदने वालों को बहुत राहत मिलेगी। प्रसंगवश, रॉयल एनफील्ड की सेल्स का 86% हिस्सा 350 सीसी तक की मोटरसाइकलों से आता है, जबकि हीरो मोटोकॉर्प की कुल सेल्स में लगभग 95% शेयर 350 सीसी से कम इंजन वाले मॉडलों का है।


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