वैगन्स लर्निंग लि. नामक कंपनी का एसएमई आईपीओ 2 मई 2025 को ओपन हो चुका है जिसके तहत कंपनी 78-82 रुपये के प्राइस-बेंड पर शेयर इश्यू कर जहां 25.26 करोड़ रुपये जुटाना चाहती है वहीं ऑफर फॉर सेल (ह्रस्नस्) के तहत कंपनी के प्रमोटर्स अपनी कुछ होल्डिंग बेचकर 13.12 करोड़ रुपये पब्लिक से जुटाना चाहते हैं। कॉर्पोरेट ट्रेनिंग, डिजिटल लर्निंग व स्किल डवलपमेंट सोल्यूशंस ऑफर करने वाली इस कंपनी के फाइनेंशियल परफोर्मेंस का एनालिसिस करें तो 2023-24 में एकाएक कंपनी की रेवेन्यू लगभग 100 प्रतिशत बढक़र 33.51 करोड़ रुपये जबकि नेट प्रॉफिट तो 7 गुना से अधिक होकर 71 लाख रुपये के मुकाबले 5.61 करोड़ रुपये हो गया। दिलचस्प रूप से इस दौरान कंपनी के ष्ठद्गड्ढह्लशह्म्ह्य भी बढक़र 7.24 करोड़ रुपये हो गए। अप्रेल-दिसंबर 2024 पीरियड में कंपनी ने 33.2 करोड़ रुपये की रेवेन्यू पर 5.5 करोड़ रुपये का नेट प्रॉफिट रिपोर्ट किया है जबकि 31 दिसंबर 2024 को कंपनी के ष्ठद्गड्ढह्लशह्म्ह्य 31 मार्च 2024 के मुकाबले लगभग दोगुना होकर 14.35 करोड़ रुपये हो गए। कंपनी द्वारा लगातार जीएसटी रिटर्न व प्रोविडेंड फंड रिलेटेड रिटर्नस को फाइल करने में देरी की जाती रही है। पिछले 3 वर्ष में जहां कंपनी की रेवेन्यू 3 गुना से अधिक हो गई है वहीं इसी दौरान कंपनी की एम्प्लाई कॉस्ट 34 प्रतिशत घटकर 2.07 करोड़ रुपेय रह गई। कंपनी के वेल्यूएशंस की बात करें तो 2023-24 की ईपीएस के आधार पर कंपनी आईपीओ के तहत 22.78 गुना के पीई-मल्टीपल का वेल्यूएशन मांग रही है जबकि 2024-25 में एकाएक प्रॉफिट बढऩे के कारण पीई-मल्टीपल वेल्यूएशन 17.3 गुना आता है। हालांकि, कंपनी की प्रोफिटेबिलिटी ग्रोथ की सस्टेनेबिलिटी पर संदेह होने के बीच कंपनी द्वारा मांगे जा रहे वेल्यूएशन बेहद अधिक है। कंपनी आईपीओ के तहत 128 करोड़ रुपये का मार्केट कैप चाहती है जिसके आधार पर रेवेन्यू मल्टीपल (2023-24 के आधार पर) 3.76 गुना का आता है जो स्रूश्व सेगमेंट में पहले से लिस्टेड कंपनियों के शेयरों में दर्ज की जा रही भयावह गिरावट के दौर में रीजनेबल नहीं कही जा सकता। ऐसे में इंवेस्टमेंट के लिहाज से यह आईपीओ बेहद जोखिमपूर्ण कैटेगरी में शामिल किया जा सकता है। कंपनी ने आईपीओ के लिए मुंबई बेस्ड मर्चेंट बैंक खंडवाला सिक्योरिटीज को मर्चेंट बैंकर अपाइंट किया है।