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02-05-2025

रेगूलेटरी एक्शन से इंपैक्ट होने लगा Index Options में टर्नओवर

  •  एनएसई के डेरिवेटिव सेगमेंट में इंडेक्स ऑप्शंस कैटेगरी में होने वाला एवरेज डेली टर्नओवर जून 2024 में 78,000 करोड़ रुपये के पीक लेवल्स से 2024-25 में 42 प्रतिशत कम दर्ज किया गया है। इंडेक्स डेरिवेटिव कैटेगरी में इंवेस्टर प्रोटेक्शन के लिए सेबी द्वारा लिए गए रेगूलेटरी एक्शन को इसका कारण माना जा सकता है। सालाना आधार पर इंडेक्स ऑप्शंस के डेली एवरेज टर्नओवर में 3 प्रतिशत की गिरावट आई है वहीं दूसरी ओर इस दौरान अन्य डेरिवेटिव कैटेगरीज में ग्रोथ दर्ज की गई है। स्टॉक फ्यूचर्स कैटगेरी में होने वाला एवरेज डेली टर्नओवर 2024-25 में 45 प्रतिशत बढक़र 1.5 लाख करोड़ रुपये के लगभग दर्ज किया गया। इसी तरह स्टॉक ऑप्शंस में एवरेज डेली टर्नओवर 42 प्रतिशत बढक़र 8,000 करोड़ रुपये के लेवल पर पहुंच गया जबकि इंडेक्स फ्यूचर्स में यह 17 प्रतिशत बढक़र 35,000 करोड़ रुपये दर्ज किया गया। इंडेक्स ऑप्शंस में भी कुल प्रीमियम टर्नओवर में निफ्टी इंडेक्स पर बेस्ड ऑप्शंस का शेयर 2023-24 में 33 प्रतिशत के मुकाबले 2024-25 में बढक़र 47 प्रतिशत हो गया। वहीं बैंक निफ्टी पर बेस्ड ऑप्शंस का शेयर इसी पीरियड में 54 प्रतिशत से घटकर 40 प्रतिशत दर्ज किया गया। इसका प्रमुख कारण वीकली बैंक निफ्टी कांट्रेक्ट्स को बंद करना रहा। असल में सेबी ने एक्सचेंजों को केवल एक इंडेक्स में ही वीकली ऑप्शंस रखने का निर्देश दिया था जिसके बाद एनएसई ने निफ्टी इंडेक्स में वीकली ऑप्शंस जारी रखना चुना था। इंडेक्स डेरिवेटिव कांट्रेक्स में वीकली ऑप्शंस का शेयर 2023-24 में 70 प्रतिशत के मुकाबले 2024-25 में घटकर 67 प्रतिशत हो गया। 2024-25 में इक्विटी डेरिवेटिव सेगमेंट में इंवेस्टर कंपोजिशन में बड़ा बदलाव देखने को मिला व इस दौरान फॉरेन इंवेस्टरों के शेयर में बड़ी बढ़त दर्ज की गई है। इक्विटी फ्यूचर्स टर्नओवर में उनका शेयर 406 बेसिस पाइंट बढक़र 25 प्रतिशत हो गया वहीं इक्विटी ऑप्शंस में यह 99 बेसिस पाइंट बढक़र 9.6 प्रतिशत हो गया। स्टॉक फ्यूचर्स के टर्नओवर में भी फॉरेन इंवेस्टरों का शेयर 432 बेसिस पाइंट बढक़र 28 प्रतिशत हो गया। चिंताजनक रूप से सेबी द्वारा छोटे इंवेस्टरों को डेरिवेटिव सेगमेंट से दूर रखने के लिए उठाए गए तमाम कदमों के बावजूद इंडेक्स फ्यूचर्स व इंडेक्स ऑप्शंस में इंडिविजुअल इंवेस्टरों का शेयर क्रमश: 91 बेसिस पाइंट बढक़र 31 प्रतिशत व 69 बेसिस पाइंट बढक़र 36 प्रतिशत हो गया। वहीं दूसरी ओर स्टॉक फ्यूचर्स व स्टॉक ऑप्शंस में इनका शेयर क्रमश: 142 बेसिस पाइंट व 265 बेसिस पाइंट घटकर क्रमश: 15 प्रतिशत व 27 प्रतिशत दर्ज किया गया। 2024-25 में इक्विटी डेरिवेटिव के सभी सेगमेंटस में कुल टर्नओवर में प्रोपराइटरी ट्रेडर्स के शेयर में कमी आई है। 2024-25 में इंडेक्स ऑप्शंस में जहां एवरेज ट्रेड साइज 3 प्रतिशत बढक़र 6075 रुपये रहा वहीं स्टॉक ऑप्शंस में यह 5.2 प्रतिशत घटकर 14568 रुपये व स्टॉक फ्यूचर्स में भी यह 7 प्रतिशत घटकर 8.85 लाख रुपये रहा। इंडेक्स फ्यूचर्स में एवरेज ट्रेड साइज में मामूली कमी आई है।

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रेगूलेटरी एक्शन से इंपैक्ट होने लगा Index Options में टर्नओवर

 एनएसई के डेरिवेटिव सेगमेंट में इंडेक्स ऑप्शंस कैटेगरी में होने वाला एवरेज डेली टर्नओवर जून 2024 में 78,000 करोड़ रुपये के पीक लेवल्स से 2024-25 में 42 प्रतिशत कम दर्ज किया गया है। इंडेक्स डेरिवेटिव कैटेगरी में इंवेस्टर प्रोटेक्शन के लिए सेबी द्वारा लिए गए रेगूलेटरी एक्शन को इसका कारण माना जा सकता है। सालाना आधार पर इंडेक्स ऑप्शंस के डेली एवरेज टर्नओवर में 3 प्रतिशत की गिरावट आई है वहीं दूसरी ओर इस दौरान अन्य डेरिवेटिव कैटेगरीज में ग्रोथ दर्ज की गई है। स्टॉक फ्यूचर्स कैटगेरी में होने वाला एवरेज डेली टर्नओवर 2024-25 में 45 प्रतिशत बढक़र 1.5 लाख करोड़ रुपये के लगभग दर्ज किया गया। इसी तरह स्टॉक ऑप्शंस में एवरेज डेली टर्नओवर 42 प्रतिशत बढक़र 8,000 करोड़ रुपये के लेवल पर पहुंच गया जबकि इंडेक्स फ्यूचर्स में यह 17 प्रतिशत बढक़र 35,000 करोड़ रुपये दर्ज किया गया। इंडेक्स ऑप्शंस में भी कुल प्रीमियम टर्नओवर में निफ्टी इंडेक्स पर बेस्ड ऑप्शंस का शेयर 2023-24 में 33 प्रतिशत के मुकाबले 2024-25 में बढक़र 47 प्रतिशत हो गया। वहीं बैंक निफ्टी पर बेस्ड ऑप्शंस का शेयर इसी पीरियड में 54 प्रतिशत से घटकर 40 प्रतिशत दर्ज किया गया। इसका प्रमुख कारण वीकली बैंक निफ्टी कांट्रेक्ट्स को बंद करना रहा। असल में सेबी ने एक्सचेंजों को केवल एक इंडेक्स में ही वीकली ऑप्शंस रखने का निर्देश दिया था जिसके बाद एनएसई ने निफ्टी इंडेक्स में वीकली ऑप्शंस जारी रखना चुना था। इंडेक्स डेरिवेटिव कांट्रेक्स में वीकली ऑप्शंस का शेयर 2023-24 में 70 प्रतिशत के मुकाबले 2024-25 में घटकर 67 प्रतिशत हो गया। 2024-25 में इक्विटी डेरिवेटिव सेगमेंट में इंवेस्टर कंपोजिशन में बड़ा बदलाव देखने को मिला व इस दौरान फॉरेन इंवेस्टरों के शेयर में बड़ी बढ़त दर्ज की गई है। इक्विटी फ्यूचर्स टर्नओवर में उनका शेयर 406 बेसिस पाइंट बढक़र 25 प्रतिशत हो गया वहीं इक्विटी ऑप्शंस में यह 99 बेसिस पाइंट बढक़र 9.6 प्रतिशत हो गया। स्टॉक फ्यूचर्स के टर्नओवर में भी फॉरेन इंवेस्टरों का शेयर 432 बेसिस पाइंट बढक़र 28 प्रतिशत हो गया। चिंताजनक रूप से सेबी द्वारा छोटे इंवेस्टरों को डेरिवेटिव सेगमेंट से दूर रखने के लिए उठाए गए तमाम कदमों के बावजूद इंडेक्स फ्यूचर्स व इंडेक्स ऑप्शंस में इंडिविजुअल इंवेस्टरों का शेयर क्रमश: 91 बेसिस पाइंट बढक़र 31 प्रतिशत व 69 बेसिस पाइंट बढक़र 36 प्रतिशत हो गया। वहीं दूसरी ओर स्टॉक फ्यूचर्स व स्टॉक ऑप्शंस में इनका शेयर क्रमश: 142 बेसिस पाइंट व 265 बेसिस पाइंट घटकर क्रमश: 15 प्रतिशत व 27 प्रतिशत दर्ज किया गया। 2024-25 में इक्विटी डेरिवेटिव के सभी सेगमेंटस में कुल टर्नओवर में प्रोपराइटरी ट्रेडर्स के शेयर में कमी आई है। 2024-25 में इंडेक्स ऑप्शंस में जहां एवरेज ट्रेड साइज 3 प्रतिशत बढक़र 6075 रुपये रहा वहीं स्टॉक ऑप्शंस में यह 5.2 प्रतिशत घटकर 14568 रुपये व स्टॉक फ्यूचर्स में भी यह 7 प्रतिशत घटकर 8.85 लाख रुपये रहा। इंडेक्स फ्यूचर्स में एवरेज ट्रेड साइज में मामूली कमी आई है।


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