सार्वजनिक क्षेत्र के इंडियन ओवरसीज बैंक (आईओबी) का जनवरी-मार्च तिमाही में शुद्ध लाभ 30 प्रतिशत बढक़र 1,051 करोड़ रुपये हो गया। बैंक को फंसे कर्ज में कमी और ब्याज आय में वृद्धि से मदद मिली। चेन्नई स्थित बैंक का पिछले जनवरी-मार्च 2024 में मुनाफा 808 करोड़ रुपये रहा था। इंडियन ओवरसीज बैंक ने शेयर बाजार को दी सूचना में बताया कि समीक्षाधीन तिमाही में बैंक की कुल आय बढक़र 9,215 करोड़ रुपये हो गई, जबकि एक साल पहले इसी अवधि में यह 9,106 करोड़ रुपये थी। ब्याज आय बढक़र 7,634 करोड़ रुपये हो गई। परिसंपत्ति गुणवत्ता के मोर्चे पर, बैंक की सकल गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (एनपीए) 31 मार्च 2024 के अंत तक सकल अग्रिमों के 3.10 प्रतिशत की तुलना में घटकर 31 मार्च 2025 को 2.14 प्रतिशत रह गईं। इसी तरह, शुद्ध एनपीए भी सालाना आधार पर 0.57 प्रतिशत से कम होकर 0.37 प्रतिशत पर आ गया। समूचे वित्त वर्ष 2024-25 में बैंक का मुनाफा सालाना आधार पर 26 प्रतिशत बढक़र 3,335 करोड़ रुपये रहा। कुल आय बढक़र 33,676 करोड़ रुपये हो गई। इस बीच, बैंक के निदेशक मंडल ने शेयर और बॉण्ड के मिश्रण के माध्यम से 5,000 करोड़ रुपये तक की पूंजी जुटाने को मंजूरी दे दी।