छोटी इलायची की वर्तमान फसल अपनी समाप्ति की ओर है। इसकी वजह से नीलामियों में इसकी आवक में उतार-चढ़ाव की स्थिति बनी हुई है। हाजिर बाजारों में इस प्रमुख किराना जिंस की थोक कीमत में हाल ही में मंदी आई है। आगामी दिनों में हाजिर में छोटी इलायची में सुस्ती जारी रहने की आस है। छोटी इलायची की वर्तमान फसल अपनी समाप्ति के चरण में है। इसकी वजह से विभिन्न नीलामियों में इस प्रमुख किराना जिंस की आवक में उतार-चढ़ाव की स्थिति देखी जा रही है। हालांकि पूर्व में रहे प्रतिकूल मौसम की वजह से छोटी इलायची की नई फसल को हानि होने का अनुमान व्यक्त किया जा रहा हैं। इन पंक्तियों के लिखे जाने के समय हुई हैडर सिस्टम्स नीलामी में छोटी इलायची की आवक गिरकर 31,692 किलोग्राम की होने की सूचना मिली। आवक तुलनात्मक रूप से नीची होने लेकिन लिवाली का मजबूत समर्थन मिलने से इसकी औसत नीलामी कीमत उछलकर 2386.02 रुपए प्रति किलोग्राम के स्तर पर जा पहुंचने की सूचना मिली। इससे पूर्व 21 मई को हुई इस नीलामी में इसकी 47,562 किलोग्राम की आवक हुई थी तथा इसकी औसत नीलामी कीमत 2151.94 रुपए प्रति किलोग्राम रही थी। इस बार मौसम फसल के अनुकूल नहीं होने के कारण केरल, कर्नाटक तथा तमिलनाडु के प्रमुख उत्पादक क्षेत्रों में छोटी इलायची की आने वाली फसल को हानि होने की चर्चाएं चल रही थी। दूसरी ओर, ग्वाटेमाला द्वारा कुछ समय पूर्व अपनी छोटी इलायची की कीमत में वृद्धि किए जाने से भी स्थानीय छोटी इलायची की तेजी को समर्थन मिल रहा है। इसकी वजह से भारतीय छोटी इलायची की निर्यात मांग बढऩे के आसार हैं। राजधानी स्थित थोक किराना बाजार में लिवाली का समर्थन बढऩे से छोटी इलायची साढ़े सात एमएम फिलहाल में 50 रुपए मंदी होकर फिलहाल 2500/2600 रुपए प्रति किलोग्राम के स्तर पर बनी हुई है। इससे पूर्व इसमें 250 रुपए का उछाल आया था। मसाला बोर्ड के उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार चालू वित्त वर्ष 2024-25 की आरंभिक 11 महीनों में देश से 1347.14 करोड़ रुपए मूल्य की कुल 5963.82 टन छोटी इलायची का निर्यात हुआ है। एक वर्ष पूर्व की आलोच्य अवधि में इसकी 5280.01 टन मात्रा का निर्यात हुआ था और इससे 849.78 करोड़ रुपए की आय हुई थी। आने वाले दिनों में छोटी इलायची में सुस्ती का वातावरण बना रहने के आसार हैं।