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03-09-2025

एशिया की टॉप 100 बेस्ट वर्किंग लोकेशंस में से 48 इंडिया में

  •  एशिया में काम करने के लिए बेहतरीन जगहों में भारत शीर्ष स्थान पर है। एक लेटेस्ट रिपोर्ट के अनुसार, शीर्ष 100 संगठनों में से 48 भारत में संचालित होते हैं। वर्कप्लेस कल्चर के ग्लोबल सर्वेक्षणकर्ता, ग्रेट प्लेस टू वर्क की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में मौजूद ये 48 कंपनियां बड़ी कंपनियों की कैटेगरी में आती हैं, जबकि मिड-साइज कैटेगरी में भारत में 12 कंपनियां संचालित होती हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि यह वर्कप्लेस कल्चर और कर्मचारी अनुभव में देश के बढ़ते नेतृत्व को दर्शाता है। रिपोर्ट के अनुसार, 2025 में इस प्रतिष्ठित सूची में शामिल कंपनियों में एशिया के सामान्य वर्कप्लेस की तुलना में वर्कप्लेस पर सकारात्मक अनुभव बताने वाले कर्मचारियों की संख्या भी अधिक है। जब कंपनियां कर्मचारियों के साथ उच्च स्तर का विश्वास बनाती हैं तो उनके जनरेटिव एआई के उदय सहित, व्यवधानों के लिए तैयार रहने की संभावना अधिक होती है। ग्रेट प्लेस टू वर्क के सीईओ माइकल सी. बुश ने कहा कि ये अग्रणी कंपनियां रास्ता दिखा रही हैं, ऐसे वर्कप्लेस बना रही हैं जो समुदायों को मजबूत, राष्ट्रों को अधिक समृद्ध और दुनिया को एक बेहतर जगह बनाते हैं। बुश ने आगे कहा कि एशिया में 2025 के बेस्ट वर्कप्लेस के विजेताओं को जो चीज अलग बनाती है, वह है उन सभी कारकों में कर्मचारियों का निरंतर सकारात्मक अनुभव, जो वास्तव में एक बेहतरीन वर्कप्लेस कल्चर को परिभाषित करते हैं। इस वर्ष की सूची में भारत में कार्यरत जिन कंपनियों को शामिल किया गया है, उनमें नोवार्टिस, श्नाइडर इलेक्ट्रिक, एरिक्सन, वीजा और एनवीडिया जैसी बड़ी कंपनियां शामिल हैं। 32 लाख से अधिक व्यक्तिगत प्रतिक्रियाओं वाले सीके्रट सर्वेक्षण आंकड़ों पर आधारित यह रिपोर्ट पूरे क्षेत्र के लगभग 75 लाख कर्मचारियों के अनुभवों को दर्शाती है। इसमें कहा गया है कि 91 प्रतिशत कर्मचारी उनके काम को प्रभावित करने वाले निर्णयों में खुद को शामिल महसूस करते हैं और 86 प्रतिशत कर्मचारी अपने रिपोर्टिंग प्रबंधकों से निष्पक्ष व्यवहार की जानकारी देते हैं। इसके अलावा, 93 प्रतिशत से अधिक कर्मचारियों को लगता है कि उनकी उम्र, लिंग, पद, नस्ल या यौन रुझान की परवाह किए बिना उनके साथ उचित व्यवहार किया जाता है। ग्रेट प्लेस टू वर्क इंडिया के सीईओ ने कहा कि यह कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि इन विजेता संगठनों के कर्मचारी नेतृत्व टीम के दृष्टिकोण और क्षमता पर बेहद गर्व, जुड़ाव और विश्वास महसूस करते हैं। यह इन वर्कप्लेस द्वारा विकसित निष्पक्षता और उत्कृष्टता की संस्कृति का एक सशक्त प्रमाण है। इस सूची में कई भारतीय संगठनों का प्रतिनिधित्व वास्तव में सराहनीय है।

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एशिया की टॉप 100 बेस्ट वर्किंग लोकेशंस में से 48 इंडिया में

 एशिया में काम करने के लिए बेहतरीन जगहों में भारत शीर्ष स्थान पर है। एक लेटेस्ट रिपोर्ट के अनुसार, शीर्ष 100 संगठनों में से 48 भारत में संचालित होते हैं। वर्कप्लेस कल्चर के ग्लोबल सर्वेक्षणकर्ता, ग्रेट प्लेस टू वर्क की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में मौजूद ये 48 कंपनियां बड़ी कंपनियों की कैटेगरी में आती हैं, जबकि मिड-साइज कैटेगरी में भारत में 12 कंपनियां संचालित होती हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि यह वर्कप्लेस कल्चर और कर्मचारी अनुभव में देश के बढ़ते नेतृत्व को दर्शाता है। रिपोर्ट के अनुसार, 2025 में इस प्रतिष्ठित सूची में शामिल कंपनियों में एशिया के सामान्य वर्कप्लेस की तुलना में वर्कप्लेस पर सकारात्मक अनुभव बताने वाले कर्मचारियों की संख्या भी अधिक है। जब कंपनियां कर्मचारियों के साथ उच्च स्तर का विश्वास बनाती हैं तो उनके जनरेटिव एआई के उदय सहित, व्यवधानों के लिए तैयार रहने की संभावना अधिक होती है। ग्रेट प्लेस टू वर्क के सीईओ माइकल सी. बुश ने कहा कि ये अग्रणी कंपनियां रास्ता दिखा रही हैं, ऐसे वर्कप्लेस बना रही हैं जो समुदायों को मजबूत, राष्ट्रों को अधिक समृद्ध और दुनिया को एक बेहतर जगह बनाते हैं। बुश ने आगे कहा कि एशिया में 2025 के बेस्ट वर्कप्लेस के विजेताओं को जो चीज अलग बनाती है, वह है उन सभी कारकों में कर्मचारियों का निरंतर सकारात्मक अनुभव, जो वास्तव में एक बेहतरीन वर्कप्लेस कल्चर को परिभाषित करते हैं। इस वर्ष की सूची में भारत में कार्यरत जिन कंपनियों को शामिल किया गया है, उनमें नोवार्टिस, श्नाइडर इलेक्ट्रिक, एरिक्सन, वीजा और एनवीडिया जैसी बड़ी कंपनियां शामिल हैं। 32 लाख से अधिक व्यक्तिगत प्रतिक्रियाओं वाले सीके्रट सर्वेक्षण आंकड़ों पर आधारित यह रिपोर्ट पूरे क्षेत्र के लगभग 75 लाख कर्मचारियों के अनुभवों को दर्शाती है। इसमें कहा गया है कि 91 प्रतिशत कर्मचारी उनके काम को प्रभावित करने वाले निर्णयों में खुद को शामिल महसूस करते हैं और 86 प्रतिशत कर्मचारी अपने रिपोर्टिंग प्रबंधकों से निष्पक्ष व्यवहार की जानकारी देते हैं। इसके अलावा, 93 प्रतिशत से अधिक कर्मचारियों को लगता है कि उनकी उम्र, लिंग, पद, नस्ल या यौन रुझान की परवाह किए बिना उनके साथ उचित व्यवहार किया जाता है। ग्रेट प्लेस टू वर्क इंडिया के सीईओ ने कहा कि यह कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि इन विजेता संगठनों के कर्मचारी नेतृत्व टीम के दृष्टिकोण और क्षमता पर बेहद गर्व, जुड़ाव और विश्वास महसूस करते हैं। यह इन वर्कप्लेस द्वारा विकसित निष्पक्षता और उत्कृष्टता की संस्कृति का एक सशक्त प्रमाण है। इस सूची में कई भारतीय संगठनों का प्रतिनिधित्व वास्तव में सराहनीय है।


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