जीएसटी परिषद के फैसले के बाद 22 सितंबर से 7,500 रुपये प्रतिदिन तक के किराये वाले होटल कमरे सस्ते हो जाएंगे। इससे पर्यटन उद्योग को बढ़ावा मिलने की उम्मीद जताई जा रही है। जीएसटी परिषद की बुधवार को हुई 56वीं बैठक में फैसला किया गया कि 7,500 रुपये प्रतिदिन तक किराये वाले होटल कमरों पर अब पांच प्रतिशत की दर से ही जीएसटी लगेगा और इस पर इनपुट टैक्स के्रडिट (आईटीसी) भी नहीं लगेगा। फिलहाल इस श्रेणी के होटल कमरों पर 12 प्रतिशत जीएसटी के साथ आईटीसी का भी प्रावधान है। ऑनलाइन बुकिंग मंच मेकमाईट्रिप के सह-संस्थापक और समूह मुख्य कार्यपालक अधिकारी राजेश मागो ने कहा कि कमरों के किराये पर जीएसटी कटौती से भारतीय यात्रियों के लिए होटल में ठहरना अधिक किफायती होगा, जिससे घरेलू मांग को बल मिलेगा और अर्थव्यवस्था में खपत बढ़ेगी।रेडिसन होटल गु्रप के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य परिचालन अधिकारी (दक्षिण एशिया) निखिल शर्मा ने इसे एक ‘प्रगतिशील कदम’ बताते हुए कहा कि इससे होटलों में गुणवत्तापूर्ण ठहराव अधिक लोगों को सुलभ होंगे और भारत की छवि एक बड़े पर्यटन केंद्र के रूप में मजबूत होगी। होटल एवं रेस्तरां निकाय एफएचआरएआई के अध्यक्ष के. श्यामा राजू ने कहा कि इस कटौती से भारतीय होटल घरेलू एवं विदेशी दोनों पर्यटकों के लिए अधिक आकर्षक और किफायती बनेंगे। इससे पर्यटन मांग बढ़ेगी, कमरों की बुकिंग दर सुधरेगी और आतिथ्य मूल्य श्रृंखला में खर्च बढ़ेगा। सरोवर होटल्स के चेयरमैन अजय के. बकाया ने इसे सही दिशा में उठाया गया कदम बताते हुए कहा कि इससे उपभोक्ता धारणा मजबूत होगी। एबिक्स ट्रैवल्स के मुख्य वित्त अधिकारी अंकित पाठक ने कहा कि पांच प्रतिशत जीएसटी स्लैब से यात्रियों को नए डेस्टीनेशंस की ओर बढऩे की प्रेरणा मिलेगी, खासकर त्योहार और शादी के मौसम में जब मांग चरम पर होती है।