भारत मेडिकल ट्यूरिज्म इंडेक्स में 10वें और वेलनेस ट्यूरिज्म में सातवें स्थान पर है और 75 देशों से लगभग 20 लाख अंतरराष्ट्रीय मरीजों को आकर्षित करता है। रिपोर्ट से पता चला है कि 2024 में चिकित्सा वीजा जारी करने वालों की संख्या बढक़र 4,63,725 हो गई, जिनमें से अधिकांश मरीज बांग्लादेश, खाड़ी सहयोग परिषद (जीसीसी) देशों और अफ्रीका से हैं। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के डॉ. मनोज नेसारी ने राष्ट्रीय राजधानी में एफएचआरएआई द्वारा आयोजित हील इन इंडिया 2025 मेडिकल एंड वेलनेस ट्यूरिज्म समिट में रिपोर्ट को पेश करते हुए कहा कि आयुर्वेद और पारंपरिक चिकित्सा का वैश्विक महत्व बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि भारत पारंपरिक चिकित्सा में समृद्ध है और सरकार ने हाल के वर्षों में इस क्षेत्र को एक वैकल्पिक अर्थव्यवस्था के रूप में बढ़ावा देने के लिए कई पहल की हैं। उन्होंने आगे कहा कि दुनिया भर में चिकित्सा और स्वास्थ्य के विकल्प के रूप में योग और आयुर्वेद को बढ़ावा देने के लिए कई पहल की गई हैं। पर्यटन मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव एवं महानिदेशक, आईएएस सुमन बिल्ला ने कहा कि आने वाले वर्षों में पर्यटन अर्थव्यवस्था 3 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच जाएगी और इसके लिए कई क्षेत्रों को सक्रिय करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि चिकित्सा और स्वास्थ्य पर्यटन इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए रणनीतिक स्तंभ हैं। उन्होंने दृढ़ता से सुझाव दिया कि आने वाले वर्षों में हमें न केवल अपनी क्षमता, बल्कि अपनी देखभाल, करुणा और सेवाभाव का भी प्रदर्शन करना होगा।