भारत का बढ़ता मध्यम वर्ग और इसकी यंग, ट्रैवल प्रेमी पापूलेशन ग्लोबल लीजर ट्रैवल के भविष्य को आकार देने में एक प्रमुख भूमिका निभाने के लिए तैयार है। यह जानकारी एक रिपोर्ट में दी गई। बोस्टन कंसल्टिंग गु्रप (बीसीजी) द्वारा संकलित आंकड़ों के अनुसार, जैसे-जैसे अधिक इन्डियंस नए डेस्टीनेशंस की खोज कर रहे हैं, देश 2040 तक 15 ट्रिलियन डॉलर के ग्लोबल लीजर ट्रैवल इंडस्ट्री में एक प्रमुख योगदानकर्ता के रूप में उभर रहा है। रिपोर्ट में बताया गया है कि लेजर ट्रैवल पर वार्षिक वैश्विक उपभोक्ता खर्च 2024 में 5 ट्रिलियन डॉलर से 2040 तक तीन गुना बढक़र 15 ट्रिलियन डॉलर हो जाने की उम्मीद है, जिससे यह फार्मास्यूटिकल्स और फैशन से भी बड़ा उद्योग बन जाएगा। यह वृद्धि विकासशील अर्थव्यवस्थाओं में बढ़ती आय और भौतिक वस्तुओं की तुलना में अनुभवों के लिए बढ़ती प्राथमिकता से प्रेरित होगी। भारत के डोमेस्टिक लेजर ट्रैवल ने महामारी के बाद पहले ही मजबूत रिकवरी दिखाई है, जिसमें 2019 और 2024 के बीच खर्च में मध्यम से मजबूत वृद्धि दर्ज की गई है। बीसीजी का अनुमान है कि यह गति जारी रहेगी, घरेलू यात्रा व्यय में सालाना 12 प्रतिशत, क्षेत्रीय व्यय में 8 प्रतिशत और अंतरराष्ट्रीय व्यय में 10 प्रतिशत की वृद्धि होगी। ओवरनाइट ट्रिप में भी लगातार वृद्धि होने की उम्मीद है, जो कि डोमेस्टिक लेवल पर 3 प्रतिशत, रीजनल लेवल पर 4 प्रतिशत और इंटरनेशनल लेवल पर 6 प्रतिशत हो सकती है। मिलेनियल्स और जेन जी इस यात्रा उछाल में सबसे आगे हैं। यात्रा के प्रति उनका उत्साह पुरानी पीढिय़ों से 26 प्रतिशत अंकों तक आगे है। भारत में, जेन एक्स भी एक पावरफुल ट्रैवल सेगमेंट बना हुआ है। ग्लोबल लेवल पर, लीजर ट्रैवल ओवरनाइट 2029 तक सालाना 4 प्रतिशत और फिर 2040 तक धीमी होकर 3 प्रतिशत प्रतिवर्ष बढऩे की उम्मीद है। रिपोर्ट के अनुसार, डोमेस्टिक ट्रैवलिंग का वर्चस्व जारी रहेगा, जो 2024 में 4.1 ट्रिलियन डॉलर से बढक़र 2040 तक 11.7 ट्रिलियन डॉलर हो जाएगा। रिपोर्ट के अनुसार, क्षेत्रीय यात्रा का अनुमान 710 बिलियन डॉलर से बढक़र 2 ट्रिलियन डॉलर से अधिक हो जाएगा, जबकि इंटरनेशनल लीजर ट्रैवल तीन गुना से अधिक बढक़र 1.4 ट्रिलियन डॉलर हो जाएगा।