इंडिया वल्र्ड में तीसरा सबसे बड़ा फिनटेक स्टार्टअप इकोसिस्टम बना हुआ है, जिससे पहले अमेरिका और ब्रिटेन का नंबर आता है। शुक्रवार को आई एक रिपोर्ट के अनुसार, फिनटेक सेक्टर ने जनवरी-जून की अवधि में कुल 889 मिलियन डॉलर जुटाए हैं। अर्ली-स्टेज फंडिंग 361 मिलियन डॉलर रही, जो कि वर्ष 2024 की दूसरी छमाही से 10 प्रतिशत और वर्ष 2024 की पहली छमाही से 9 प्रतिशत अधिक है। स्टार्टअप और निजी कंपनियों पर नजर रखने वाले दुनिया के सबसे बड़े प्लेटफॉर्म में से एक, ट्रैक्सन की रिपोर्ट के अनुसार, 2025 की पहली छमाही में इस सेक्टर में 16 अधिग्रहण हुए, जो 2024 की पहली छमाही की तुलना में 45 प्रतिशत अधिक है। ट्रैक्सन की को-फाउंडर ने कहा कि जबकि भारतीय फिनटेक सेक्टर की फंडिंग में अस्थायी गिरावट देखी गई है, प्रारंभिक चरण के निवेश में स्थिर गति और अधिग्रहण गतिविधि में वृद्धि यह संकेत देती है कि निवेशकों की रुचि विशेष रूप से स्केलेबल, इनोवेशन-आधारित मॉडल में मजबूत बनी हुई है। उन्होंने कहा कि बेंगलुरु का प्रभुत्व और ब्रेकआउट कंपनियों का निरंतर उभरना भारत की ग्लोबल फिनटेक पावरहाउस के रूप में स्थिति को मजबूत करता है। 2025 की पहली छमाही में 16 अधिग्रहण हुए, जो 2024 की पहली तिमाही में 11 अधिग्रहणों की तुलना में 45 प्रतिशत की वृद्धि है। सबसे अधिक मूल्य वाला सौदा फिसडम था, जिसे ग्रो ने 150 मिलियन डॉलर में अधिग्रहित किया, उसके बाद स्टॉको का स्थान रहा, जिसे इनक्रेड मनी ने 35 मिलियन डॉलर में अधिग्रहित किया। इस अवधि के दौरान भारतीय फिनटेक सेक्टर में एक नया यूनिकॉर्न उभरा, जो 2024 की दूसरी छमाही के अनुरूप है, लेकिन 2024 की पहली छमाही की तुलना में इसमें सुधार हुआ है। रिपोर्ट में कहा गया है कि बेंगलुरु भारत के फिनटेक फंडिंग परिदृश्य में अग्रणी बना रहा, जिसकी कुल फंडिंग में 55 प्रतिशत हिस्सेदारी है, इसके बाद मुंबई 14 प्रतिशत के साथ दूसरे स्थान पर है।