लेखा सनदीकारों की शीर्ष संस्था आईसीएआई अनुपालन और वित्तीय मुद्दों पर छोटे और मझोले उद्योगों को मुफ्त सलाहकार सेवाएं देगा। भारतीय सनदी लेखाकार संस्थान (आईसीएआई), जिसमें चार लाख से अधिक सदस्य हैं, की पहल ऐसे समय में आई है जब उच्च अमेरिकी शुल्क और वैश्विक व्यापार अनिश्चितताएं देश के एमएसएमई क्षेत्र पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रही हैं। आईसीएआई के अध्यक्ष चरणजोत सिंह नंदा ने शुक्रवार को कहा कि आईसीएआई-एमएसएमई की पहल क्लिनिक संस्थान की करीब 183 शाखाओं में उपलब्ध होगी, और इसका उद्देश्य विकसित भारत दृष्टिकोण के तहत ऐसी संस्थाओं को सशक्त बनाना है। उन्होंने यहां कहा कि एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम) के हर सवाल का जवाब दिया जाएगा और सेवाएं नि:शुल्क होंगी। यह पहल शुक्रवार को शुरू की गई। उन्होंने कहा, ‘‘हम एमएसएमई की मदद करेंगे... ऋण मंच के साथ ही निजी इक्विटी वित्त पोषण पर भी ध्यान दिया जा सकता है।’’ क्लीनिक वित्त, अनुपालन और एमएसएमई के क्रेडिट स्कोर में सुधार के तरीकों सहित कई मुद्दों पर सेवाएं प्रदान करेंगे।