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25-10-2025

स्टील की कीमतें 5 साल के निचले स्तर पर

  •  घरेलू स्टील की कीमतें पांच साल के निचले स्तर पर आ गई हैं और 47,000-48,000 रुपये प्रति टन के दायरे में कारोबार कर रही हैं। बढ़ते इंपोर्ट सहित कई कारकों के कारण कीमतें प्रभावित हुई हैं। परामर्श सेवाएं देने वाली बिगमिंट के बाजार आंकड़ों के अनुसार, थोक बाजार में हॉट रोल्ड कॉइल (एचआरसी) की कीमतें 47,150 रुपये प्रति टन के आसपास जबकि री-बार (टीएमटी) की कीमतें 46,500-47,000 रुपये प्रति टन के दायरे में हैं। पिछली बार कीमतें इस स्तर पर 2020 में थीं, जब वैश्विक महामारी की मंदी के बीच एचआरसी 46,000 रुपये प्रति टन के स्तर पर और री-बार 45,000 रुपये प्रति टन पर कारोबार कर रहा था। मौजूदा गिरावट मुख्यत: कमजोर एक्सपोर्ट मांग, बढ़ते इंपोर्ट और वैश्विक बाजार में जरूरत से अधिक आपूर्ति के कारण है। चीन जैसे देशों से एक्सपोर्ट में आक्रामक बढ़ोतरी के दबाव में भारत के स्टील एक्सपोर्ट में तेजी से गिरावट आई है जबकि सरकार द्वारा कई उपाय किए जाने के बावजूद इंपोर्ट अब भी जारी है। स्थिति को ध्यान में रखते हुए स्टील मंत्रालय ने 27 अक्टूबर को राष्ट्रीय राजधानी में उद्योग के हितधारकों के साथ स्टील इंपोर्ट से संबंधित मुद्दों पर चर्चा के लिए एक ‘ओपन हाउस’ बुलाने का आह्वान किया है। आरबीआई ने भी ध्यान दिया है कि स्टील इंपोर्ट में वृद्धि देखी गई है जिसका मुख्य कारण इंपोर्ट कीमतें कम होना है। इसने घरेलू स्टील उत्पादन की प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ावा देने के लिए नीतिगत समर्थन का भी आह्वान किया है। भारत ने सितंबर 2025 में 7.9 लाख टन (एमटी) तैयार स्टील का इंपोर्ट किया जो अगस्त के 6.9 लाख टन से अधिक था। इस प्रकार यह देश का लगातार छठा शुद्ध स्टील इंपोर्टर महीना रहा। कोरिया, रूस और इंडोनेशिया से इंपोर्ट में वृद्धि हुई जबकि चीन, जापान, वियतनाम, थाईलैंड और ताइवान के इंपोर्ट में सितंबर 2024 की तुलना में गिरावट आई। वित्त वर्ष 2025-26 की पहली छमाही के दौरान भारत शुद्ध इंपोर्टर बना रहा और इंपोर्ट, एक्सपोर्ट से 4.7 लाख टन अधिक रहा। यह एक्सपोर्ट मात्रा में 40' की वृद्धि के बावजूद 44.3 लाख टन रहा। 

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स्टील की कीमतें 5 साल के निचले स्तर पर

 घरेलू स्टील की कीमतें पांच साल के निचले स्तर पर आ गई हैं और 47,000-48,000 रुपये प्रति टन के दायरे में कारोबार कर रही हैं। बढ़ते इंपोर्ट सहित कई कारकों के कारण कीमतें प्रभावित हुई हैं। परामर्श सेवाएं देने वाली बिगमिंट के बाजार आंकड़ों के अनुसार, थोक बाजार में हॉट रोल्ड कॉइल (एचआरसी) की कीमतें 47,150 रुपये प्रति टन के आसपास जबकि री-बार (टीएमटी) की कीमतें 46,500-47,000 रुपये प्रति टन के दायरे में हैं। पिछली बार कीमतें इस स्तर पर 2020 में थीं, जब वैश्विक महामारी की मंदी के बीच एचआरसी 46,000 रुपये प्रति टन के स्तर पर और री-बार 45,000 रुपये प्रति टन पर कारोबार कर रहा था। मौजूदा गिरावट मुख्यत: कमजोर एक्सपोर्ट मांग, बढ़ते इंपोर्ट और वैश्विक बाजार में जरूरत से अधिक आपूर्ति के कारण है। चीन जैसे देशों से एक्सपोर्ट में आक्रामक बढ़ोतरी के दबाव में भारत के स्टील एक्सपोर्ट में तेजी से गिरावट आई है जबकि सरकार द्वारा कई उपाय किए जाने के बावजूद इंपोर्ट अब भी जारी है। स्थिति को ध्यान में रखते हुए स्टील मंत्रालय ने 27 अक्टूबर को राष्ट्रीय राजधानी में उद्योग के हितधारकों के साथ स्टील इंपोर्ट से संबंधित मुद्दों पर चर्चा के लिए एक ‘ओपन हाउस’ बुलाने का आह्वान किया है। आरबीआई ने भी ध्यान दिया है कि स्टील इंपोर्ट में वृद्धि देखी गई है जिसका मुख्य कारण इंपोर्ट कीमतें कम होना है। इसने घरेलू स्टील उत्पादन की प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ावा देने के लिए नीतिगत समर्थन का भी आह्वान किया है। भारत ने सितंबर 2025 में 7.9 लाख टन (एमटी) तैयार स्टील का इंपोर्ट किया जो अगस्त के 6.9 लाख टन से अधिक था। इस प्रकार यह देश का लगातार छठा शुद्ध स्टील इंपोर्टर महीना रहा। कोरिया, रूस और इंडोनेशिया से इंपोर्ट में वृद्धि हुई जबकि चीन, जापान, वियतनाम, थाईलैंड और ताइवान के इंपोर्ट में सितंबर 2024 की तुलना में गिरावट आई। वित्त वर्ष 2025-26 की पहली छमाही के दौरान भारत शुद्ध इंपोर्टर बना रहा और इंपोर्ट, एक्सपोर्ट से 4.7 लाख टन अधिक रहा। यह एक्सपोर्ट मात्रा में 40' की वृद्धि के बावजूद 44.3 लाख टन रहा। 


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