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06-10-2025

बैंकों, नियामकों के पास बिना दावे वाली 1.84 लाख करोड़ रुपये की वित्तीय संपत्तियां : सीतारमण

  •  केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि बैंकों और नियामकों के पास 1.84 लाख करोड़ रुपये की वित्तीय संपत्तियां बिना दावे के पड़ी हैं। अधिकारियों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि ये संपत्तियां उनके असली मालिकों तक पहुंचें। सीतारमण ने गुजरात के वित्त मंत्री कनुभाई देसाई, बैंकों और वित्त मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में गांधीनगर से तीन महीने के आपकी पूंजी, आपका अधिकार अभियान का शुभारंभ किया। केंद्रीय वित्त और कॉरपोरेट मामलों की मंत्री ने कहा कि बैंकों और नियामकों के पास बैंक जमा, बीमा, भविष्य निधि या शेयरों के रूप में 1.84 लाख करोड़ रुपये की वित्तीय संपत्तियां बिना दावे के पड़ी हैं। उन्होंने अधिकारियों से तीन महीने के अभियान के दौरान इन बिना दावे वाली संपत्तियों को उनके असली मालिकों तक पहुंचाने के लिए तीन पहलुओं- जागरूकता, पहुंच और कार्रवाई - पर काम करने का आग्रह किया। सीतारमण ने कहा, दावे के बिना धनराशि बैंकों, आरबीआई या आईईपीएफ (निवेशक शिक्षा एवं संरक्षण कोष) के पास पड़ी है। हमें इन निधियों के असली मालिकों और दावेदारों का पता लगाना होगा और उन्हें धन सौंपना होगा। उन्होंने भरोसा दिया, वित्तीय सेवा विभाग (डीएफएस) के अनुसार, 1,84,000 करोड़ रुपये वहां पड़े हैं।  यह राशि सुरक्षित है। मैं आपको आश्वस्त कर सकती हूं कि यह पूरी तरह सुरक्षित है। आप जब चाहें उचित कागजात के साथ आएं। आपको धन दिया जाएगा। सरकार इसकी संरक्षक है। मंत्री ने कहा कि अगर किसी वजह से संपत्ति पर लंबे समय तक दावा नहीं किया जाता है, तो उसे एक संस्था से दूसरी संस्था में स्थानांतरित कर दिया जाता है। जमा राशि के मामले में यह बैंकों से आरबीआई के पास जाता है, और शेयर या इसी तरह की संपत्तियों के मामले में यह सेबी से किसी अन्य केंद्र या आईईपीएफ में जाता है। सीतारमण ने कहा, आरबीआई ने यूडीजीएएम (अनक्लेम्ड डिपॉजिट्स गेटवे टू एक्सेस इन्फॉर्मेशन) पोर्टल बनाया है। इसलिए, यह एक बिना दावे वाले क्षेत्र से दूसरे बिना दावे वाले क्षेत्र में जा रहा है। जैसे ही आप दावा करेंगे, आपको यह मिल जाएगा। इसलिए, मुझे सच में लगता है कि अब समय आ गया है कि हम सभी इस बारे में सभी को बताएं। मंत्री ने सरकारी और बैंक अधिकारियों से लोगों में जागरूकता पैदा करने का आग्रह किया ताकि वे आगे आएं और अपनी सही संपत्तियों, जैसे कि परिपक्वता के बावजूद बिना दावे के पड़ी बीमा पॉलिसियों, का दावा करें। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि, जागरूकता फैलाएं। उन्हें बताएं कि आपका पैसा वहां पड़ा है, इस दस्तावेज़ के साथ आएं और इसे ले जाएं। आप दूत बन सकते हैं और लोगों को बता सकते हैं कि क्या उन्होंने अभी तक अपनी सही संपत्ति का दावा नहीं किया है। बस उन्हें कागजात ढूंढऩे और पोर्टल पर पंजीकरण करने के लिए कहें। आपके पास (अधिकारी) जो कुछ भी है, जैसे कागज के छोटे-छोटे टुकड़े, उस पर कार्रवाई करिए। एक संगठित प्रयास ही इस अभियान को सफल बनाएगा। सीतारमण ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ही उन्हें और मंत्रालय से कहा कि जगह-जगह जाकर, लोगों को फोन करके उनसे बकाया लेने के लिए कहिए। सीतारमण ने गुजरात ग्रामीण बैंक की भी सराहना की, जिसने उन्हें आश्वासन दिया कि उसके अधिकारी राज्य के हर गांव में जाकर बैंक में पड़ी बिना दावे वाली जमा राशि के असली मालिकों की तलाश करेंगे।

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बैंकों, नियामकों के पास बिना दावे वाली 1.84 लाख करोड़ रुपये की वित्तीय संपत्तियां : सीतारमण

 केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि बैंकों और नियामकों के पास 1.84 लाख करोड़ रुपये की वित्तीय संपत्तियां बिना दावे के पड़ी हैं। अधिकारियों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि ये संपत्तियां उनके असली मालिकों तक पहुंचें। सीतारमण ने गुजरात के वित्त मंत्री कनुभाई देसाई, बैंकों और वित्त मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में गांधीनगर से तीन महीने के आपकी पूंजी, आपका अधिकार अभियान का शुभारंभ किया। केंद्रीय वित्त और कॉरपोरेट मामलों की मंत्री ने कहा कि बैंकों और नियामकों के पास बैंक जमा, बीमा, भविष्य निधि या शेयरों के रूप में 1.84 लाख करोड़ रुपये की वित्तीय संपत्तियां बिना दावे के पड़ी हैं। उन्होंने अधिकारियों से तीन महीने के अभियान के दौरान इन बिना दावे वाली संपत्तियों को उनके असली मालिकों तक पहुंचाने के लिए तीन पहलुओं- जागरूकता, पहुंच और कार्रवाई - पर काम करने का आग्रह किया। सीतारमण ने कहा, दावे के बिना धनराशि बैंकों, आरबीआई या आईईपीएफ (निवेशक शिक्षा एवं संरक्षण कोष) के पास पड़ी है। हमें इन निधियों के असली मालिकों और दावेदारों का पता लगाना होगा और उन्हें धन सौंपना होगा। उन्होंने भरोसा दिया, वित्तीय सेवा विभाग (डीएफएस) के अनुसार, 1,84,000 करोड़ रुपये वहां पड़े हैं।  यह राशि सुरक्षित है। मैं आपको आश्वस्त कर सकती हूं कि यह पूरी तरह सुरक्षित है। आप जब चाहें उचित कागजात के साथ आएं। आपको धन दिया जाएगा। सरकार इसकी संरक्षक है। मंत्री ने कहा कि अगर किसी वजह से संपत्ति पर लंबे समय तक दावा नहीं किया जाता है, तो उसे एक संस्था से दूसरी संस्था में स्थानांतरित कर दिया जाता है। जमा राशि के मामले में यह बैंकों से आरबीआई के पास जाता है, और शेयर या इसी तरह की संपत्तियों के मामले में यह सेबी से किसी अन्य केंद्र या आईईपीएफ में जाता है। सीतारमण ने कहा, आरबीआई ने यूडीजीएएम (अनक्लेम्ड डिपॉजिट्स गेटवे टू एक्सेस इन्फॉर्मेशन) पोर्टल बनाया है। इसलिए, यह एक बिना दावे वाले क्षेत्र से दूसरे बिना दावे वाले क्षेत्र में जा रहा है। जैसे ही आप दावा करेंगे, आपको यह मिल जाएगा। इसलिए, मुझे सच में लगता है कि अब समय आ गया है कि हम सभी इस बारे में सभी को बताएं। मंत्री ने सरकारी और बैंक अधिकारियों से लोगों में जागरूकता पैदा करने का आग्रह किया ताकि वे आगे आएं और अपनी सही संपत्तियों, जैसे कि परिपक्वता के बावजूद बिना दावे के पड़ी बीमा पॉलिसियों, का दावा करें। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि, जागरूकता फैलाएं। उन्हें बताएं कि आपका पैसा वहां पड़ा है, इस दस्तावेज़ के साथ आएं और इसे ले जाएं। आप दूत बन सकते हैं और लोगों को बता सकते हैं कि क्या उन्होंने अभी तक अपनी सही संपत्ति का दावा नहीं किया है। बस उन्हें कागजात ढूंढऩे और पोर्टल पर पंजीकरण करने के लिए कहें। आपके पास (अधिकारी) जो कुछ भी है, जैसे कागज के छोटे-छोटे टुकड़े, उस पर कार्रवाई करिए। एक संगठित प्रयास ही इस अभियान को सफल बनाएगा। सीतारमण ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ही उन्हें और मंत्रालय से कहा कि जगह-जगह जाकर, लोगों को फोन करके उनसे बकाया लेने के लिए कहिए। सीतारमण ने गुजरात ग्रामीण बैंक की भी सराहना की, जिसने उन्हें आश्वासन दिया कि उसके अधिकारी राज्य के हर गांव में जाकर बैंक में पड़ी बिना दावे वाली जमा राशि के असली मालिकों की तलाश करेंगे।


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