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17-10-2025

जीएसटी 2.0 बूस्टर : 41% इंडियन कंज्यूमर अगले 3-4 महीनों में गाड़ी खरीदने की बना रहे स्कीम

  •  जीएसटी सुधारों के कारण, देश में बड़े स्तर पर गाडिय़ों की कीमतों में कमी देखी गई है और अगले तीन-चार महीनों में 41 प्रतिशत ग्राहक गाड़ी खरीदने की योजना बना रहे हैं। यह जानकारी जारी एक रिपोर्ट में दी गई। रिपोर्ट में बताया गया कि जीएसटी सुधारों के चलते 72 प्रतिशत ग्राहकों अपनी खरीद को टाल दिया था, जो ग्राहक धारणा पर टैक्सेशन के प्रभाव को दिखाता है। ग्रांट थॉर्नटन भारत की एक रिपोर्ट के अनुसार, उपभोक्ताओं के बीच हाइब्रिड वाहन तेजी से लोकप्रिय हो रहे हैं और 38 प्रतिशत उपभोक्ता हाइब्रिड कारों को चुन रहे हैं, जो पेट्रोल (30 प्रतिशत) और इलेक्ट्रिक वाहनों (21 प्रतिशत) से अधिक है। स्पोर्ट्स यूटिलिटी व्हीकल (एसयूवी) वाहनों का ट्रेंड तेजी से बढ़ रहा है और 64 प्रतिशत ग्राहक एसयूवी को चुन रहे हैं। यह सेगमेंट वित्त वर्ष 25 में भारतीय पेसेंजर व्हीकल (पीवी) मार्केट में 65 प्रतिशत की हिस्सेदारी के साथ शीर्ष पर था। रिपोर्ट में बताया गया कि 34 प्रतिशत खरीदार कीमत और माइलेज की तुलना में सुरक्षा को प्राथमिकता दे रहे हैं। ग्रांट थॉर्नटन भारत के पार्टनर और ऑटोमोटिव उद्योग प्रमुख साकेत मेहरा ने कहा, यह त्योहारी सीजन केवल बिक्री का अवसर नहीं है।, बल्कि यह उपभोक्ता व्यवहार में गहरे बदलावों का संकेत देता है। हाइब्रिड के प्रति बढ़ती पसंद, सुरक्षा के प्रति बढ़ती जागरूकता और प्रीमियम सुविधाओं के लिए भुगतान करने की इच्छा एक अधिक जागरूक और आकांक्षी खरीदार को दर्शाती है। मेहरा ने आगे कहा कि जीएसटी सुधारों से सामर्थ्य में वृद्धि और डिजिटल माध्यमों से खोज को नया रूप मिलने के साथ, ओईएम के पास भारत के मोबिलिटी के अगले चरण के लिए अपने मूल्य प्रस्ताव को नए सिरे से परिभाषित करने का एक अनूठा अवसर है। रिपोर्ट के अनुसार, 35 प्रतिशत से अधिक खरीदार हाई-एंड वेरिएंट के लिए ज्यादा कीमत चुकाने को तैयार हैं और 65 प्रतिशत ने कहा है कि 10-15 प्रतिशत अधिक कीमत स्वीकार्य है, जो फीचर-युक्त वाहनों की बढ़ती आकांक्षाओं और मांग को दर्शाता है। इसके अलावा, 52 प्रतिशत उपभोक्ता खरीदारी से पहले ऑनलाइन और ऑफलाइन, दोनों माध्यमों का इस्तेमाल करते हैं। रिपोर्ट में कहा गया, छोटी कारों पर जीएसटी 28 प्रतिशत से घटाकर 18 प्रतिशत करने से लागत 1 लाख रुपए तक कम हो सकती है, जिससे विशेष रूप से टियर 2 और टियर 3 शहरों में मांग बढ़ेगी।

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जीएसटी 2.0 बूस्टर : 41% इंडियन कंज्यूमर अगले 3-4 महीनों में गाड़ी खरीदने की बना रहे स्कीम

 जीएसटी सुधारों के कारण, देश में बड़े स्तर पर गाडिय़ों की कीमतों में कमी देखी गई है और अगले तीन-चार महीनों में 41 प्रतिशत ग्राहक गाड़ी खरीदने की योजना बना रहे हैं। यह जानकारी जारी एक रिपोर्ट में दी गई। रिपोर्ट में बताया गया कि जीएसटी सुधारों के चलते 72 प्रतिशत ग्राहकों अपनी खरीद को टाल दिया था, जो ग्राहक धारणा पर टैक्सेशन के प्रभाव को दिखाता है। ग्रांट थॉर्नटन भारत की एक रिपोर्ट के अनुसार, उपभोक्ताओं के बीच हाइब्रिड वाहन तेजी से लोकप्रिय हो रहे हैं और 38 प्रतिशत उपभोक्ता हाइब्रिड कारों को चुन रहे हैं, जो पेट्रोल (30 प्रतिशत) और इलेक्ट्रिक वाहनों (21 प्रतिशत) से अधिक है। स्पोर्ट्स यूटिलिटी व्हीकल (एसयूवी) वाहनों का ट्रेंड तेजी से बढ़ रहा है और 64 प्रतिशत ग्राहक एसयूवी को चुन रहे हैं। यह सेगमेंट वित्त वर्ष 25 में भारतीय पेसेंजर व्हीकल (पीवी) मार्केट में 65 प्रतिशत की हिस्सेदारी के साथ शीर्ष पर था। रिपोर्ट में बताया गया कि 34 प्रतिशत खरीदार कीमत और माइलेज की तुलना में सुरक्षा को प्राथमिकता दे रहे हैं। ग्रांट थॉर्नटन भारत के पार्टनर और ऑटोमोटिव उद्योग प्रमुख साकेत मेहरा ने कहा, यह त्योहारी सीजन केवल बिक्री का अवसर नहीं है।, बल्कि यह उपभोक्ता व्यवहार में गहरे बदलावों का संकेत देता है। हाइब्रिड के प्रति बढ़ती पसंद, सुरक्षा के प्रति बढ़ती जागरूकता और प्रीमियम सुविधाओं के लिए भुगतान करने की इच्छा एक अधिक जागरूक और आकांक्षी खरीदार को दर्शाती है। मेहरा ने आगे कहा कि जीएसटी सुधारों से सामर्थ्य में वृद्धि और डिजिटल माध्यमों से खोज को नया रूप मिलने के साथ, ओईएम के पास भारत के मोबिलिटी के अगले चरण के लिए अपने मूल्य प्रस्ताव को नए सिरे से परिभाषित करने का एक अनूठा अवसर है। रिपोर्ट के अनुसार, 35 प्रतिशत से अधिक खरीदार हाई-एंड वेरिएंट के लिए ज्यादा कीमत चुकाने को तैयार हैं और 65 प्रतिशत ने कहा है कि 10-15 प्रतिशत अधिक कीमत स्वीकार्य है, जो फीचर-युक्त वाहनों की बढ़ती आकांक्षाओं और मांग को दर्शाता है। इसके अलावा, 52 प्रतिशत उपभोक्ता खरीदारी से पहले ऑनलाइन और ऑफलाइन, दोनों माध्यमों का इस्तेमाल करते हैं। रिपोर्ट में कहा गया, छोटी कारों पर जीएसटी 28 प्रतिशत से घटाकर 18 प्रतिशत करने से लागत 1 लाख रुपए तक कम हो सकती है, जिससे विशेष रूप से टियर 2 और टियर 3 शहरों में मांग बढ़ेगी।


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