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15-10-2025

जल जीवन मिशन के बकाया ठेकेदार बिलों का भुगतान सुनिश्चित करे सरकार: एसोचैम

  •  उद्योग मंडल एसोचैम ने जल जीवन मिशन (जेजेएम) के तहत अवसंरचना कंपनियों का लंबित बकाया जल्द जारी करने का सरकार से अनुरोध किया है। जल जीवन मिशन का उद्देश्य ग्रामीण भारत के प्रत्येक घर में सुरक्षित और पर्याप्त पेयजल के लिए नल का कनेक्शन उपलब्ध कराना है। एसोचैम ने जल शक्ति मंत्रालय को लिखे एक पत्र में कहा है कि कई राज्यों में प्रमाणित ठेकेदार बिलों का भुगतान 10-12 महीने से लंबित है, जिससे मिशन के तहत चल रहे काम प्रभावित हो रहे हैं। उद्योग संगठन ने कहा कि उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, झारखंड, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, असम और जम्मू-कश्मीर जैसे राज्यों में बकाया भुगतान के कारण इस मिशन के तहत संचालित होने वाले कार्य बाधित हो रहे हैं। पत्र के मुताबिक, वित्त वर्ष 2024-25 में अकेले उत्तर प्रदेश में ही 11,000 करोड़ रुपये से अधिक के बिलों का भुगतान बकाया था जबकि झारखंड में 3,800 करोड़, ओडिशा में 2,500 करोड़, पश्चिम बंगाल में 5,000 करोड़ और महाराष्ट्र में यह राशि करीब 12,500 करोड़ रुपये है। एसोचैम ने कहा कि भुगतान लंबित होने से मिशन के तहत नए कनेक्शन देने की रफ्तार धीमी हो गई है। वित्त वर्ष 2023-24 में 2.99 करोड़ कनेक्शन दिए गए थे लेकिन यह संख्या 2024-25 में करीब 70 प्रतिशत घटकर सिर्फ 94 लाख रह गई। उद्योग संगठन ने सरकार से आग्रह किया कि प्रमाणित बकाया राशि को समयबद्ध तरीके से तुरंत जारी किया जाए। इसके साथ ही इनपुट लागत बढऩे से मूल्य परिवर्तन व्यवस्था लागू करने की भी सिफारिश की है।

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जल जीवन मिशन के बकाया ठेकेदार बिलों का भुगतान सुनिश्चित करे सरकार: एसोचैम

 उद्योग मंडल एसोचैम ने जल जीवन मिशन (जेजेएम) के तहत अवसंरचना कंपनियों का लंबित बकाया जल्द जारी करने का सरकार से अनुरोध किया है। जल जीवन मिशन का उद्देश्य ग्रामीण भारत के प्रत्येक घर में सुरक्षित और पर्याप्त पेयजल के लिए नल का कनेक्शन उपलब्ध कराना है। एसोचैम ने जल शक्ति मंत्रालय को लिखे एक पत्र में कहा है कि कई राज्यों में प्रमाणित ठेकेदार बिलों का भुगतान 10-12 महीने से लंबित है, जिससे मिशन के तहत चल रहे काम प्रभावित हो रहे हैं। उद्योग संगठन ने कहा कि उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, झारखंड, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, असम और जम्मू-कश्मीर जैसे राज्यों में बकाया भुगतान के कारण इस मिशन के तहत संचालित होने वाले कार्य बाधित हो रहे हैं। पत्र के मुताबिक, वित्त वर्ष 2024-25 में अकेले उत्तर प्रदेश में ही 11,000 करोड़ रुपये से अधिक के बिलों का भुगतान बकाया था जबकि झारखंड में 3,800 करोड़, ओडिशा में 2,500 करोड़, पश्चिम बंगाल में 5,000 करोड़ और महाराष्ट्र में यह राशि करीब 12,500 करोड़ रुपये है। एसोचैम ने कहा कि भुगतान लंबित होने से मिशन के तहत नए कनेक्शन देने की रफ्तार धीमी हो गई है। वित्त वर्ष 2023-24 में 2.99 करोड़ कनेक्शन दिए गए थे लेकिन यह संख्या 2024-25 में करीब 70 प्रतिशत घटकर सिर्फ 94 लाख रह गई। उद्योग संगठन ने सरकार से आग्रह किया कि प्रमाणित बकाया राशि को समयबद्ध तरीके से तुरंत जारी किया जाए। इसके साथ ही इनपुट लागत बढऩे से मूल्य परिवर्तन व्यवस्था लागू करने की भी सिफारिश की है।


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