इकोनॉमिस्ट ने कहा कि जीएसटी सुधार से फेस्टिव सीजन में कन्जम्पशन डिमांड बढऩे की उम्मीद है। उनका कहना है कि एक बार पुराने स्टॉक खत्म हो जाएं तो सितंबर-अक्टूबर, 2025 में मैन्युफैक्चरिंग आउटपुट को फायदा हो सकता है। अगस्त, 2025 में भारत की औद्योगिक विकास दर 4 प्रतिशत दर्ज की गई है। चार महीने के अंतराल के बाद माइनिंग आउटपुट में सालाना आधार पर बढ़ोतरी दर्ज की गई और अगस्त में बिजली उत्पादन की विकास दर 5 महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई। आईसीआरए की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि उपयोग के आधार पर, अगस्त 2025 में प्राथमिक वस्तुओं के उत्पादन की वृद्धि दर 7 महीने के उच्चतम स्तर 5.2 प्रतिशत पर पहुंच गई, जो खनन और बिजली उत्पादन के रुझानों को दर्शाता है, जबकि जुलाई, 2025 की तुलना में अन्य पांच सब-सेगमेंट में ग्रोथ में गिरावट आई। हाईवे, रेलवे और बंदरगाह क्षेत्रों में बड़े सरकारी प्रोजेक्ट्स के लागू होने से इंफ्रास्ट्रक्चर और निर्माण क्षेत्र में पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में अगस्त में 10.6 प्रतिशत की डबल डिजिट बढ़ोतरी हुई। मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में 23 में से 10 इंडस्ट्री गु्रप ने इस वर्ष अगस्त में पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में सकारात्मक वृद्धि दर्ज की। इंवेस्टमेंट फ्रंट पर इंफ्रास्ट्रक्चर/कंस्ट्रक्शन गुड्स में 10.6' की सकारात्मक वृद्धि दर्ज की गई। सार्वजनिक पूंजीगत व्यय निवेश की गति को बनाए हुए है, जबकि वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच निजी पूंजीगत व्यय धीमा बना हुआ है। केयरएज रेटिंग्स की मुख्य अर्थशास्त्री रजनी सिन्हा ने कहा कि जीएसटी सुधार से त्योहारों के मौसम से पहले मांग में तेजी आने की उम्मीद है, इसलिए खपत के रुझान पर नजर रखना महत्वपूर्ण रहेगा।