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17-10-2025

दिवाली से पहले गोल्ड में उछाल ज्वेलरी के बजाय छड़, सिक्के खरीद रहे हैं कंज्यूमर

  •  व्यापारियों ने कहा कि दिवाली और शादी के मौसम से पहले गोल्ड की कीमतें अपने सर्वकालिक उच्चस्तर पर हैं, लेकिन इससे उपभोक्ता मांग में कोई कमी नहीं आई है। हालांकि, कई लोग ज्वेलरी की बजाय ‘‘ठोस सर्राफा’’ को तरजीह दे रहे हैं। एमसीएक्स में दिन में गोल्ड की कीमत 1,28,395 रुपये प्रति 10 ग्राम रही। मुंबई के प्रसिद्ध झावेरी बाजार में उम्मेदलाल तिलोकचंद झावेरी ज्वेलर्स के मालिक वृषांक जैन ने कहा, ‘‘सोने की कीमतें हर दिन बढ़ रही हैं और लोग इस पर नजऱ रख रहे हैं और निवेश के लिए आ रहे हैं। ज्वेलरी की मांग धीमी हुई है, लेकिन लोग गोल्ड की छड़ें और सिक्के खरीद रहे हैं। इस त्योहारी मौसम और शादी के मौसम से पहले हम गोल्ड और सिल्वर की छड़ों की काफी मांग देख रहे हैं।’’ उन्होंने बताया, ‘‘कई खरीदार अग्रिम बुकिंग या गोल्ड के सिक्के खरीदकर मौजूदा कीमतों पर ही खरीदारी कर रहे हैं, क्योंकि उन्हें आने वाले दिनों में गोल्ड और सिल्वर की कीमतों में और तेज़ी आने की उम्मीद है।’’ जैन ने कहा कि उपभोक्ता अक्सर गोल्ड को एक दीर्घकालिक निवेश के रूप में देखते हैं और भारत में इसका गहरा सांस्कृतिक महत्व भी है क्योंकि धनतेरस जैसे त्योहारों और शादियों जैसे अवसरों पर सोना खरीदना शुभ माना जाता है। झावेरी बाज़ार में आए एक ग्राहक देवरस भाई परमार ने जैन की बात से सहमति जताई। परमार ने कहा, ‘दिवाली के दौरान सोना खरीदना शुभ माना जाता है और यह एक निवेश है। आपात स्थिति में हम गोल्ड के बदले नकद प्राप्त कर सकते हैं... मेरे परिवार में हर दिवाली पर सोना खरीदने की परंपरा रही है।’’भारतीय सर्राफा ज्वेलरी संघ के प्रवक्ता कुमार जैन ने ‘ठोस सर्राफा’ खरीदने के चलन की पुष्टि की। उन्होंने आगे कहा, ‘‘शादियों के लिए लोग अपने पुराने गोल्ड को पुनचक्रण करवाने आ रहे हैं और मांग में कोई कमी नहीं आई है। अमेरिकी व्यापार युद्ध, स्टाम्प शुल्क में वृद्धि, यूक्रेन-रूस और पश्चिम एशिया के बीच तनाव... इन सबने गोल्ड की कीमतों में उछाल ला दिया है।’’ झावेरी बाज़ार की एक अन्य ग्राहक शर्मिला ने कहा कि वह हर साल सोना खरीदती हैं। उन्होंने कहा, ‘‘कीमतों में उछाल के बावजूद, मैं इस बार भी सोना खरीदूंगी, शायद थोड़ी कम मात्रा में... मैं अपने बच्चों को शुभ अवसरों पर सोना खरीदने की परंपरा और यह कैसे भविष्य के लिए एक निवेश है, इसके बारे में भी सिखाना चाहती हूँ। अगर मैं कार खरीदूँगी, तो कुछ साल बाद उसकी कीमत मुझे आधी भी नहीं मिलेगी, जबकि गोल्ड की कीमत दोगुनी हो जाएगी।’’

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दिवाली से पहले गोल्ड में उछाल ज्वेलरी के बजाय छड़, सिक्के खरीद रहे हैं कंज्यूमर

 व्यापारियों ने कहा कि दिवाली और शादी के मौसम से पहले गोल्ड की कीमतें अपने सर्वकालिक उच्चस्तर पर हैं, लेकिन इससे उपभोक्ता मांग में कोई कमी नहीं आई है। हालांकि, कई लोग ज्वेलरी की बजाय ‘‘ठोस सर्राफा’’ को तरजीह दे रहे हैं। एमसीएक्स में दिन में गोल्ड की कीमत 1,28,395 रुपये प्रति 10 ग्राम रही। मुंबई के प्रसिद्ध झावेरी बाजार में उम्मेदलाल तिलोकचंद झावेरी ज्वेलर्स के मालिक वृषांक जैन ने कहा, ‘‘सोने की कीमतें हर दिन बढ़ रही हैं और लोग इस पर नजऱ रख रहे हैं और निवेश के लिए आ रहे हैं। ज्वेलरी की मांग धीमी हुई है, लेकिन लोग गोल्ड की छड़ें और सिक्के खरीद रहे हैं। इस त्योहारी मौसम और शादी के मौसम से पहले हम गोल्ड और सिल्वर की छड़ों की काफी मांग देख रहे हैं।’’ उन्होंने बताया, ‘‘कई खरीदार अग्रिम बुकिंग या गोल्ड के सिक्के खरीदकर मौजूदा कीमतों पर ही खरीदारी कर रहे हैं, क्योंकि उन्हें आने वाले दिनों में गोल्ड और सिल्वर की कीमतों में और तेज़ी आने की उम्मीद है।’’ जैन ने कहा कि उपभोक्ता अक्सर गोल्ड को एक दीर्घकालिक निवेश के रूप में देखते हैं और भारत में इसका गहरा सांस्कृतिक महत्व भी है क्योंकि धनतेरस जैसे त्योहारों और शादियों जैसे अवसरों पर सोना खरीदना शुभ माना जाता है। झावेरी बाज़ार में आए एक ग्राहक देवरस भाई परमार ने जैन की बात से सहमति जताई। परमार ने कहा, ‘दिवाली के दौरान सोना खरीदना शुभ माना जाता है और यह एक निवेश है। आपात स्थिति में हम गोल्ड के बदले नकद प्राप्त कर सकते हैं... मेरे परिवार में हर दिवाली पर सोना खरीदने की परंपरा रही है।’’भारतीय सर्राफा ज्वेलरी संघ के प्रवक्ता कुमार जैन ने ‘ठोस सर्राफा’ खरीदने के चलन की पुष्टि की। उन्होंने आगे कहा, ‘‘शादियों के लिए लोग अपने पुराने गोल्ड को पुनचक्रण करवाने आ रहे हैं और मांग में कोई कमी नहीं आई है। अमेरिकी व्यापार युद्ध, स्टाम्प शुल्क में वृद्धि, यूक्रेन-रूस और पश्चिम एशिया के बीच तनाव... इन सबने गोल्ड की कीमतों में उछाल ला दिया है।’’ झावेरी बाज़ार की एक अन्य ग्राहक शर्मिला ने कहा कि वह हर साल सोना खरीदती हैं। उन्होंने कहा, ‘‘कीमतों में उछाल के बावजूद, मैं इस बार भी सोना खरीदूंगी, शायद थोड़ी कम मात्रा में... मैं अपने बच्चों को शुभ अवसरों पर सोना खरीदने की परंपरा और यह कैसे भविष्य के लिए एक निवेश है, इसके बारे में भी सिखाना चाहती हूँ। अगर मैं कार खरीदूँगी, तो कुछ साल बाद उसकी कीमत मुझे आधी भी नहीं मिलेगी, जबकि गोल्ड की कीमत दोगुनी हो जाएगी।’’


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