खाद्य सुरक्षा से जुड़े अहम क्षेत्र एडिबल ऑयल उद्योग में पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाने के लिए सरकार ने कहा कि वह नए नियामकीय आदेशों के अनुपालन की जांच के लिए देशभर में निरीक्षण अभियान शुरू करेगी। खाद्य मंत्रालय ने बयान में कहा कि ये निरीक्षण जांच हाल ही में संशोधित एक आदेश के तहत की जाएंगी, जिसमें एडिबल ऑयल बनाने, प्रसंस्करण करने और बेचने वाली सभी इकाइयों को पंजीकरण कराना और हर महीने उत्पादन का ब्योरा देना अनिवार्य किया गया है। मंत्रालय ने कहा कि यह कदम नियमों का पालन नहीं करने वाली इकाइयों पर कार्रवाई के लिए है। इसका उद्देश्य अनुपालन की गंभीरता को सुदृढ़ करना और एडिबल ऑयल क्षेत्र के राष्ट्रीय डेटा तंत्र की विश्वसनीयता को बनाए रखना है।  संशोधित ‘वनस्पति तेल उत्पाद, उत्पादन एवं उपलब्धता (नियमन) आदेश, 2025’ के तहत एडिबल ऑयल कंपनियों को राष्ट्रीय एकल खिडक़ी व्यवस्था (एनएसडब्ल्यूएस) पर अपना पंजीकरण कराना होगा और उन्हें एडिबलऑयलइंडिया.इन के पोर्टल पर मासिक रिपोर्ट भी जमा करनी होगी। खाद्य मंत्रालय ने कहा कि इन प्रावधानों का पालन नहीं करने वाली एडिबल ऑयल कंपनियों के खिलाफ संशोधित आदेश और सांख्यिकी संकलन अधिनियम, 2008 के तहत दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। सरकार का यह कदम ऐसे समय आया है जब भारत एडिबल ऑयल की अपनी घरेलू मांग पूरी करने के लिए इंपोर्ट पर बहुत निर्भर है। देश हर साल 1.4 करोड़ टन से अधिक एडिबल ऑयल का इंपोर्ट करता है, जिनमें प्रमुख रूप से इंडोनेशिया एवं मलेशिया से पाम तेल और अर्जेंटीना एवं ब्राजील से सोया तेल मंगाया जाता है। मंत्रालय ने बताया कि बड़ी संख्या में एडिबल ऑयल इकाइयों ने पहले ही पोर्टल पर पंजीकरण करा लिया है जिससे यह संकेत मिलता है कि उद्योग इस नियामकीय बदलाव में सहयोग कर रहा है। सरकार का कहना है कि यह व्यवस्था एडिबल ऑयल क्षेत्र में वास्तविक समय में निगरानी सुनिश्चित करेगी और नीतिगत हस्तक्षेप की क्षमता को बेहतर बनाएगी। मंत्रालय ने इसे भारत की खाद्य सुरक्षा अवसंरचना में एक महत्वपूर्ण कदम बताया।