उदारता वह मानवीय गुण है जो व्यक्ति को, दूसरों की मदद करने, सहायता करने और प्रसन्न रहने के लिए पे्ररित करता है। ‘उदारता’ व्यक्ति के चरित्र का हिस्सा होती है, जिसमें बिना किसी बदले की उम्मीद के, दूसरों को कुछ देने की इच्छा होती है। उदारता का आशय, दानशीलता, दया भाव एवं दयालुता से होता है। उदारता केवल एक क्रिया नहीं बल्कि एक ऐसा गुण है जो व्यक्ति के चरित्र का अहम अंग होती है। उदारता कुछ भी उम्मीद किये बिना, स्वतंत्र रूप से देने की आदत है। उदारता समाज में न केवल सद्भाव और सहयोग बढ़ाती है बल्कि लोगों के बीच बेहतर सम्बंध भी बनाती है, तथा लोगों की जरूरतों पर ध्यान देने के लिये प्रोत्साहित करके दूसरों पर ध्यान केन्द्रिता करती है। सार्थक सम्बंधों और सहानुभूति को बढ़ावा देती है, जिससे मनुष्य के दृष्टिकोण में बदलाव आता है और उदार भाव का ध्यान दूसरों की भलाई करने पर केन्द्रित होता है।