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09-07-2025

इन आदतों को अपनाकर बुढ़ापे में कमजोर हड्डियों की समस्या को कहें अलविदा

  •  बढ़ती उम्र के साथ अगर सेहत का खास ख्याल न रखा जाए तो कई तरह की समस्याएं शुरू हो सकती हैं। बुढ़ापे में हमारी मांसपेशियां और हड्डियां युवावस्था की तुलना में काफी कमजोर हो जाती हैं। यदि इस पर ध्यान न दिया जाए तो ऑस्टियोपोरोसिस जैसी समस्या गंभीर हो सकती है। ऐसे में यह जरूरी है कि बुढ़ापे में हड्डियों की कमजोरी से बचने के लिए आप पहले से ही इनका ख्याल रखना शुरू कर दें। ‘ऑस्टियोपोरोसिस’ बुढ़ापे में होने वाला एक ऐसा हड्डी रोग है, जिसमें हड्डी की मिनरल डेंसिटी और बोन मास में कमी हो जाती है। आम भाषा में कहें तो हड्डियां बेहद कमजोर हो जाती हैं और थोड़ी भी चोट लगने पर इनमें फ्रैक्चर (हड्डियों के टूटने) का खतरा बढ़ जाता है। यह बीमारी अक्सर उम्र बढऩे के साथ बढ़ती ही जाती है। हालांकि बढ़ती उम्र के साथ कुछ जरूरी चीजें अपनाकर इस हड्डियों के कमजोर होने की रफ्तार को कम किया जा सकता है। नेशनल हेल्थ मिशन के अनुसार, वृद्धावस्था में हड्डियों से संबंधित परेशानियों से बचने के लिए आप अपनी डाइट में प्रोटीन से भरपूर फूड्स जरूर लें। मसूर दाल, राजमा, चना, अंडा, दूध, पनीर, दही जैसी चीजों में शाकाहारी लोगों के लिए पर्याप्त प्रोटीन होता है। अगर आप मांसाहारी हैं तो मछली का सेवन भी आपके लिए फायदेमंद साबित होगा। प्रोटीन शरीर में ऊतकों की मरम्मत करने के अलावा बॉडी मास को मेंटेन करने में अहम रोल अदा करता है, जिससे हड्डियों को सपोर्ट मिलता है। इसके साथ ही बुजुर्ग लोगों को कुछ समय धूप में जरूर बिताना चाहिए। धूप में विटामिन डी मिलता है। विटामिन-डी हड्डियों को मजबूत बनाने, इम्यूनिटी स्ट्रांग करने और कैल्शियम को एब्जॉर्ब करने में मदद करता है। विटामिन-डी के रूप में आप सूर्य की रोशनी के साथ ही फिश- जैसे सैल्मन, मैकेरल, ट्यूना या अंडे की जर्दी, फोर्टिफाइड दूध, अनाज को डाइट में शामिल कर सकते हैं। कैल्शियम की कमी से भी हड्डियां कमजोर हो सकती हैं, जिससे फ्रैक्चर का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में आप दूध, पनीर, दही, हरी पत्तेदार सब्जियां, जैसे पालक, सरसों के पत्ते, बादाम, तिल, सोया मिल्क आदि का सेवन कर सकते हैं। हड्डियों की मजबूती के लिए बुढ़ापे में उम्र के अनुसार हल्के-फुल्का व्यायाम करना भी बहुत फायदेमंद है। जैसे- रोजाना पैदल चलना, योग, और हल्की-फुल्की शारीरिक गतिविधियां करना बेहद जरूरी हैं। इससे ऑस्टियोपोरोसिस जैसी समस्याएं कम होती हैं और पूरे दिन बॉडी एनर्जेटिक भी रहती है। गलत पोस्चर में बैठने से भी हड्डियों से जुड़ी समस्याएं हो सकती है। व्यायाम से यह समस्या भी दूर सकती है। स्मोकिंग और एल्कोहल वृद्धावस्था में हड्डियों को कमजोर कर सकता है और साथ ही यह ऑस्टियोपोरोसिस जैसी समस्या को बढ़ावा देता है। ऐसे में आपको इसका सेवन करने से परहेज करना चाहिए। इसके अलावा, ज्यादा वजन के कारण भी हड्डियों पर दबाव पड़ता है, जिस वजह से हड्डियां और जोड़ कमजोर होने लगते हैं। ऐसे में अपने वजन को नियंत्रित रखें।

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इन आदतों को अपनाकर बुढ़ापे में कमजोर हड्डियों की समस्या को कहें अलविदा

 बढ़ती उम्र के साथ अगर सेहत का खास ख्याल न रखा जाए तो कई तरह की समस्याएं शुरू हो सकती हैं। बुढ़ापे में हमारी मांसपेशियां और हड्डियां युवावस्था की तुलना में काफी कमजोर हो जाती हैं। यदि इस पर ध्यान न दिया जाए तो ऑस्टियोपोरोसिस जैसी समस्या गंभीर हो सकती है। ऐसे में यह जरूरी है कि बुढ़ापे में हड्डियों की कमजोरी से बचने के लिए आप पहले से ही इनका ख्याल रखना शुरू कर दें। ‘ऑस्टियोपोरोसिस’ बुढ़ापे में होने वाला एक ऐसा हड्डी रोग है, जिसमें हड्डी की मिनरल डेंसिटी और बोन मास में कमी हो जाती है। आम भाषा में कहें तो हड्डियां बेहद कमजोर हो जाती हैं और थोड़ी भी चोट लगने पर इनमें फ्रैक्चर (हड्डियों के टूटने) का खतरा बढ़ जाता है। यह बीमारी अक्सर उम्र बढऩे के साथ बढ़ती ही जाती है। हालांकि बढ़ती उम्र के साथ कुछ जरूरी चीजें अपनाकर इस हड्डियों के कमजोर होने की रफ्तार को कम किया जा सकता है। नेशनल हेल्थ मिशन के अनुसार, वृद्धावस्था में हड्डियों से संबंधित परेशानियों से बचने के लिए आप अपनी डाइट में प्रोटीन से भरपूर फूड्स जरूर लें। मसूर दाल, राजमा, चना, अंडा, दूध, पनीर, दही जैसी चीजों में शाकाहारी लोगों के लिए पर्याप्त प्रोटीन होता है। अगर आप मांसाहारी हैं तो मछली का सेवन भी आपके लिए फायदेमंद साबित होगा। प्रोटीन शरीर में ऊतकों की मरम्मत करने के अलावा बॉडी मास को मेंटेन करने में अहम रोल अदा करता है, जिससे हड्डियों को सपोर्ट मिलता है। इसके साथ ही बुजुर्ग लोगों को कुछ समय धूप में जरूर बिताना चाहिए। धूप में विटामिन डी मिलता है। विटामिन-डी हड्डियों को मजबूत बनाने, इम्यूनिटी स्ट्रांग करने और कैल्शियम को एब्जॉर्ब करने में मदद करता है। विटामिन-डी के रूप में आप सूर्य की रोशनी के साथ ही फिश- जैसे सैल्मन, मैकेरल, ट्यूना या अंडे की जर्दी, फोर्टिफाइड दूध, अनाज को डाइट में शामिल कर सकते हैं। कैल्शियम की कमी से भी हड्डियां कमजोर हो सकती हैं, जिससे फ्रैक्चर का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में आप दूध, पनीर, दही, हरी पत्तेदार सब्जियां, जैसे पालक, सरसों के पत्ते, बादाम, तिल, सोया मिल्क आदि का सेवन कर सकते हैं। हड्डियों की मजबूती के लिए बुढ़ापे में उम्र के अनुसार हल्के-फुल्का व्यायाम करना भी बहुत फायदेमंद है। जैसे- रोजाना पैदल चलना, योग, और हल्की-फुल्की शारीरिक गतिविधियां करना बेहद जरूरी हैं। इससे ऑस्टियोपोरोसिस जैसी समस्याएं कम होती हैं और पूरे दिन बॉडी एनर्जेटिक भी रहती है। गलत पोस्चर में बैठने से भी हड्डियों से जुड़ी समस्याएं हो सकती है। व्यायाम से यह समस्या भी दूर सकती है। स्मोकिंग और एल्कोहल वृद्धावस्था में हड्डियों को कमजोर कर सकता है और साथ ही यह ऑस्टियोपोरोसिस जैसी समस्या को बढ़ावा देता है। ऐसे में आपको इसका सेवन करने से परहेज करना चाहिए। इसके अलावा, ज्यादा वजन के कारण भी हड्डियों पर दबाव पड़ता है, जिस वजह से हड्डियां और जोड़ कमजोर होने लगते हैं। ऐसे में अपने वजन को नियंत्रित रखें।


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