आपूर्ति कमजोर होने एवं मांग बढऩे से हाल ही में बिनौला तेल के भाव 400 रुपए प्रति कुंतल बढ़ गए। भविष्य में भी इसमें ज्यादा मंदे की संभावना कम है। वनस्पति घी निर्माताओं एवं रिफाइंड वालों की माग बढऩे से जुलाई माह के दौरान बिनौला तेल के भाव 800 रुपए बढक़र 13000 रूपए प्रति कुंतल होगए। उक्त अवधि के दौरान पंजाब की मंडियों में बिनौला के भाव 150 रु पए बढक़र 4300/4450 रुपए प्रति क्विंटल हो गए। गुजरात व महाराष्ट्र के मंडियों में भी बिकवाली कमजोर होने से बिना तेल की की कीमतों में मजबूती का रुख रहा। देश में कपास का उत्पादन राजस्थान हरियाणा,पंजाब, गुजरात, महाराष्ट्र, तेलंगाना इत्यादि राज्यों में होता है। सीजन के दौरान देश में कपास का उत्पादन मैं गिरावट आ गईं है। जिसके कारण बिनौले के उपलब्धता कमजोर रही। उत्तर भारत की मंडियों में पंजाब की मंडियों में रूई की आवक लगभग समाप्त हो गई है। सरकार द्वारा खाद्य तेल की टैरिफ दर में बढ़ोतरी कर दी गई है जिसके कारण विदेशी तेलों सोया, सूरजमुखी तेल की कीमतों मे तेजी रही। सप्लाई एवं मांगको देखते हुए को भविष्य में बिनौला तेल की कीमतों में गिरावट की संभावना कम है। बाज़ार सीमित 400/500 रूपये के उतार चढ़ाव के बीच में घूमता रह सकता है।