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Daily Business Newspaper | A Knowledge Powerhouse in Hindi

02-07-2025

सौंठ : घटने का डर नहीं

  •  मानसून सीजन के बाद भी अदरक की आपूर्ति प्रभावित बढऩे और इसके कारण इसकी थोक कीमत में मंदी आई है।  सौंठ का उठाव सुस्त बना हुआ है लेकिन तापमान में आई कमी की वजह से समर्थन मिल सकता है। अत: आगामी दिनों में सौंठ मंदी होने की आशंका नहीं है। राजधानी दिल्ली और हरियाणा जैसे कुछ राज्यों को छोडक़र मानसून ने देश के अन्य ज्यादातर क्षेत्रों को अपनी गिरफ्त में ले लिया है। अधिकतर क्षेत्रों में अच्छी वर्षा होने और कहीं-कहीं बाढ़ आने की भी सूचनाएं आ रही हैं। मानसून सीजन और वर्षा के बाद भी अदरक की आपूर्ति में यहां वृद्धि हुई है। यही वजह है कि यहां इसकी थोक कीमत में गिरावट आई है। यहां अदरक की थोक कीमत 6-15 रुपए गिरकर फिलहाल 34/40 रुपए प्रति किलोग्राम के स्तर पर आ जाने की सूचना मिली। इससे पूर्व इसमें 2-6 रुपए की तेजी आई थी। पूर्व में केरल की कोच्चि मंड़ी में सौंठ की थोक कीमत हाल ही में 15-25 रुपए तेज होकर फिलहाल क्वालिटीनुसार 230/250 रुपए प्रति किलोग्राम के आसपास बनी हुई थी। बहरहाल, राजधानी दिल्ली स्थित थोक फल-सब्जी मंड़ी में इन दिनों बंगलौर और कर्नाटक से अदरक की आवक हो रही है। गौरतलब है कि बीते सीजन में अदरक की कीमत तेज होती हुई 200-225 रुपए के रिकॉर्डतोड़ स्तर पर जा पहुंची थी। कीमत उम्मीद से अधिक आकर्षक बनी होने के कारण किसानों ने अपनी अदरक की करीब सारी की सारी फसल बेच दी थी। आवक और उपलब्धता सामान्य से कमजोर होने के परिणामस्वरूप सौंठ बनाने के लिए अदरक मिल ही नहीं रही थी। यही वजह है कि उत्पादक राज्यों से अदरक और सौंठ की आवक तुलनात्मक से कमजोर ही बनी रही थी। इसके विपरीत इस बार देश में सौंठ क उत्पादन अच्छा हुआ है। उधर, केरल की कोच्चि मंड़ी में नई सौंठ की आवक का श्रीगणेश होने के बाद से लेकर अभी तक कभी भी पर्याप्त दबाव नहीं बना है। गौरतलब है कि अदरक में तेजी का प्रमुख कारण यह बताया जा रहा है कि नाइजीरिया में इस बार सौंठ का उत्पादन करीब 50 प्रतिशत लुढक़ने का अनुमान व्यक्त किया जा रहा है  इधर, सौंठ सामान्य में हाल ही में 500 रुपए और मंदी होकर फिलहाल 22,500/23,000 रुपए प्रति क्विंटल के स्तर पर बनी हुई है। इससे पूर्व इसमें इतनी ही मंदी आई थी। इसके अलावा ऐसी सूचनाएं भी आ रही हैं कि कालीमिर्च तथा सौंठ के निर्यातक और स्टॉकिस्ट भी कर्नाटक में स्टॉक कर रहे हैं। हालांकि केरल में नई सौंठ की आवक छुटपुट आवक चल रही है लेकिन इसकी कीमत ऊंची बोली जा रही है। सिलीगुड़ी आदि से आवक नगण्य होने से भी बाजार की धारणा प्रभावित हो रही है। अत: आगामी दिनों में सौंठ सुस्त ही बनी रहने के आसार हैं।

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सौंठ : घटने का डर नहीं

 मानसून सीजन के बाद भी अदरक की आपूर्ति प्रभावित बढऩे और इसके कारण इसकी थोक कीमत में मंदी आई है।  सौंठ का उठाव सुस्त बना हुआ है लेकिन तापमान में आई कमी की वजह से समर्थन मिल सकता है। अत: आगामी दिनों में सौंठ मंदी होने की आशंका नहीं है। राजधानी दिल्ली और हरियाणा जैसे कुछ राज्यों को छोडक़र मानसून ने देश के अन्य ज्यादातर क्षेत्रों को अपनी गिरफ्त में ले लिया है। अधिकतर क्षेत्रों में अच्छी वर्षा होने और कहीं-कहीं बाढ़ आने की भी सूचनाएं आ रही हैं। मानसून सीजन और वर्षा के बाद भी अदरक की आपूर्ति में यहां वृद्धि हुई है। यही वजह है कि यहां इसकी थोक कीमत में गिरावट आई है। यहां अदरक की थोक कीमत 6-15 रुपए गिरकर फिलहाल 34/40 रुपए प्रति किलोग्राम के स्तर पर आ जाने की सूचना मिली। इससे पूर्व इसमें 2-6 रुपए की तेजी आई थी। पूर्व में केरल की कोच्चि मंड़ी में सौंठ की थोक कीमत हाल ही में 15-25 रुपए तेज होकर फिलहाल क्वालिटीनुसार 230/250 रुपए प्रति किलोग्राम के आसपास बनी हुई थी। बहरहाल, राजधानी दिल्ली स्थित थोक फल-सब्जी मंड़ी में इन दिनों बंगलौर और कर्नाटक से अदरक की आवक हो रही है। गौरतलब है कि बीते सीजन में अदरक की कीमत तेज होती हुई 200-225 रुपए के रिकॉर्डतोड़ स्तर पर जा पहुंची थी। कीमत उम्मीद से अधिक आकर्षक बनी होने के कारण किसानों ने अपनी अदरक की करीब सारी की सारी फसल बेच दी थी। आवक और उपलब्धता सामान्य से कमजोर होने के परिणामस्वरूप सौंठ बनाने के लिए अदरक मिल ही नहीं रही थी। यही वजह है कि उत्पादक राज्यों से अदरक और सौंठ की आवक तुलनात्मक से कमजोर ही बनी रही थी। इसके विपरीत इस बार देश में सौंठ क उत्पादन अच्छा हुआ है। उधर, केरल की कोच्चि मंड़ी में नई सौंठ की आवक का श्रीगणेश होने के बाद से लेकर अभी तक कभी भी पर्याप्त दबाव नहीं बना है। गौरतलब है कि अदरक में तेजी का प्रमुख कारण यह बताया जा रहा है कि नाइजीरिया में इस बार सौंठ का उत्पादन करीब 50 प्रतिशत लुढक़ने का अनुमान व्यक्त किया जा रहा है  इधर, सौंठ सामान्य में हाल ही में 500 रुपए और मंदी होकर फिलहाल 22,500/23,000 रुपए प्रति क्विंटल के स्तर पर बनी हुई है। इससे पूर्व इसमें इतनी ही मंदी आई थी। इसके अलावा ऐसी सूचनाएं भी आ रही हैं कि कालीमिर्च तथा सौंठ के निर्यातक और स्टॉकिस्ट भी कर्नाटक में स्टॉक कर रहे हैं। हालांकि केरल में नई सौंठ की आवक छुटपुट आवक चल रही है लेकिन इसकी कीमत ऊंची बोली जा रही है। सिलीगुड़ी आदि से आवक नगण्य होने से भी बाजार की धारणा प्रभावित हो रही है। अत: आगामी दिनों में सौंठ सुस्त ही बनी रहने के आसार हैं।


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