गत सप्ताह छोटी इलायची मैं सटोरियों एवं स्टॉकिस्टों की चौतार पाली वाली बनी रही जिससे 150 रुपए प्रति किलो की और तेजी आ गई। बड़ी इलायची भी 100 रुपए और बढ़ गई, लेकिन सप्ताह में दोनों ही इलायची में 25/30 रुपए निकल गए। धनियां हल्दी जीरा भी तेजी के बाद वायदा बाजार टूटने से यहां नीचे आ गए। मखाना गिरने के बाद फिर तेज हो गया 50 रुपए। जायफल एवं चाय में मंदे का रुख बना रहा है। आलोच्य सप्ताह के पूर्वार्ध में छोटी इलायची की आपूर्ति नीलामी केंद्रों पर घटने के साथ-साथ सटोरियों की लिवाली से 150/160 रुपए प्रति किलो बढक़र एवरेज क्वालिटी की 2725/2750 रुपए प्रति किलो बिक गई, लेकिन सप्ताह के उत्तरार्ध में मुनाफा वसूली बिकवाली आने से 25/50 रुपए की गिरावट पर 2675/2700 रुपए 6 एमएम के भाव रह गए। बड़ी इलायची भी सट्टेबाजी में 100 रुपए बढक़र 1800 रुपए प्रति किलो यहां बिक गई, लेकिन सप्ताह के अंतिम दो दिनों में 30 रुपए घटाकर 1770/1780 रुपए भाव बोले गए, लेकिन इन भावों में भी लिवाल नहीं थे, क्योंकि ग्वालियर में 1500 रुपए में बेचू आ गए। इसे देखते हुए थोड़ा बाजार नरम लग रहा है। धनिया भी नीमच मंदसौर लाइन से हल्के माल कम आने तथा गुजरात एवं राजस्थान में बिजाई घटने से बिकवाल पीछे हट गए। फलत: दो-तीन रुपए बढक़र बादामी माल 88/89 रुपए प्रति किलो हो गए। ग्रीन माल भी उसी अनुपात में बढ़ाकर बोले गए, बाद में बिकवाली से एक-दो रुपए की नरमी दर्ज की गई। इधर बड़ी इलायची भी ग्वालियर लाइन के सटोरियों की चौतरफा लिवाली चलने से यहां 1600/1610 रुपए से बढक़र 1680/1690 रुपए प्रति किलो भाव हो गए। अभी दोनों तरह की इलायची में फिर तेजी का अंदेशा बन गया है, लेकिन बढ़े भावों में एक बार मुनाफा लेते रहना चाहिए। जीरे में भी आई 4/5 रुपए प्रति किलो की तेजी के बाद डिब्बे में सटोरियों की बिकवाली से 2 रुपए घटकर एवरेज माल 258/261 रुपए प्रति किलो रह गए। बढिय़ा माल के भाव भी 313/335 रुपए पर आ गए। जायफल भी एर्नाकुलम लाइन से माल काफी उतर जाने से 10 रुपए और घटकर 680/685 रुपए प्रति किलो भाव रह गये। मखाना भी ग्राहकी कमजोर होने से 100 रुपए और घटकर यहां 1100/1550 रुपए प्रति किलो रह गया था, लेकिन सप्ताहांत में हरदा गुलाब बाग दरभंगा पूर्णिया एवं हरिशचंद्रपुर लाइन में 50/75 रुपए बढ़ाकर भी माल नहीं मिलने से यहां पुन: बाजार 50 रुपए बढ़ गए। वहां 900/980 रुपए के बीच क्वालिटी के अनुसार अलग-अलग मंडियों में भाव रह गए। इधर चाय अक्टूबर-नवंबर फ्लैश की प्रचुर मात्रा में आने एवं गुवाहाटी कोलकाता के नीलामी केंद्रों पर सुस्ती लिए बिकने से यहां भी 30/50 रुपए प्रति किलो घटकर असम की 200/400 रुपए एवं कोच्चि की 150/270 रुपए प्रति किलो रह गई। मेवा में छुहारा आयात पड़ता महंगा होने तथा लोकल एवं चालानी मांग निकलने से रंगकाट 4000 बढक़र 18/32 हजार प्रति क्विंटल हो गया है। दूसरी ओर काजू में भी 30/40 रुपए प्रति किलो की और गिरावट दर्ज की गई।