जेएसडब्ल्यू सीमेंट लि. के चल रहे 3600 करोड़ रुपए के आईपीओ के संबंध में कमजोर कैपेसिटी युटिलाइजेशन, कम रियलाइजेशन, प्रोफिटेबिलिटी पर प्रेशर व बैलेंसशीट में भारी डेब्ट जैसे नेगेटिव फेक्टर्स के साथ ही आईपीओ प्राइसिंग भी इंवेस्टर-फ्रेंडली नहीं कही जा सकती। 147 रुपए की आईपीओ प्राइस व 23600 करोड़ रुपए की एंटरप्राइज वेल्यू (EV) के आधार पर फाइनेंशियल ईयर 2024-25 के फाइनेंशियल्स पर कंपनी 27 गुना का Ev/ebitda मल्टीपल व 130 डॉलर का EV/MT का वेल्यूएशन मांग रही है जो एक छोटी साइज, लो युटिलाइजेशन व बैलेंसशीट में बड़े डेब्ट वाली किसी सीमेंट कंपनी के संबंध में महंगा कहा जा सकता है। अन्य लिस्टेड सीमेंट कंपनियों की स्थिति देखें तो 2024-25 में 60' कैपेसिटी युटिलाइजेशन, 49.5 मिलियन टन सालाना की कैपेसिटी व 17% ऑपरेटिंग मार्जिन वाली डालमिया भारत लि. के शेयर वर्तमान में 98 डॉलर के EV/MT व 18 गुना के EV/EBITDA मल्टीपल के वेल्यूएशन पर ही ट्रेड कर रहे हैं। डालमिया भारत को यह वेल्यूएशन तब मिल रहा है जब उसका Net Debt To EBITDA मात्र 0.3 गुना है व सीमेंट मेन्यूफेक्चरिंग कॉस्ट के लिहाज से भी कंपनी का परफॉर्मेंस काफी बेहतर है। इनपुट कॉस्ट में कमी के चलते भले ही अप्रेल-जून 2025 क्वार्टर में सीमेंट प्राइस स्टेबलाइज हो गई हो पर विभिन्न ऑपरेटिंग व फाइनेंशियल मेट्रिक्स पर जेएसडब्ल्यू सीमेंट लि. देखा जाए तो सीमेंट सेक्टर में कमजोर पोजीशन पर आती है। वहीं आईपीओ में इंवेस्टमेंट के लिहाज से तो महंगे वेल्यूएशन का फेक्टर ही सबसे बड़ा नेगेटिव पहलू कहा जा सकता है।