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Daily Business Newspaper | A Knowledge Powerhouse in Hindi

09-08-2025

गिफ्ट से सरकार फिनटेक को करेगी स्विफ्ट

  •  सिर्फ 35 साल में भारत फाइनेंशियल क्राइसिस से फिनटेक सुपरपावर तक पहुंच चुका है। लेटेस्ट रिपोर्ट कहती है कि भारत के यूपीआई ने ट्रांजेक्शन के मामले में पेमेंट प्रॉसेसिंग कंपनी वी•ाा को पछाड़ दिया है। अभी यूपीआई सात देशों में चल रहा है और मलेशिया, कतर, ऑस्ट्रेलिया, यूके, थाईलैंड, ओमान, मालदीव और साइप्रस पाइपलाइन में हैं। वर्ष 2028 तक यूपीआई को 20 देशों में ले जाने का प्लान है। भारत के फास्ट ग्रोथ वाले फिनटेक सेक्टर को फाइनट्यून कर ग्लोबली कंपीटिटिव बनाने के लिए संसद की स्थायी समिति ने केंद्र सरकार को गुजरात इंटरनेशनल फाइनेंस टेक-सिटी (गिफ्ट सिटी) की तर्ज पर देशभर में नए फिनटेक क्लस्टर डवलप करने की सिफारिश की है। फाइनेंस पर स्टेंडिंग कमेटी की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में डिजिटल पेमेंट, इंश्योरेंस टेक, ऑल्टरनेटिव क्रेडिट यानी लोन एप, रियल-टाइम लेंडिंग जैसे सेक्टर में तेज ग्रोथ हुई है लेकिन इन्हें हाईग्रोथ के रास्ते पर डालने के लिए पॉलिसी, रेगुलेटरी, इंफ्रास्ट्रक्चर और कैपिटल के लिहाज से साफ रोडमैप देने की जरूरत है। समिति ने सुझाव दिया है कि जिस तरह गिफ्ट सिटी को सेज और इंटरनेशनल फाइनेंशियल सर्विस सेंटर (IFSC) के रूप में डवलप किया गया है इसी तर्ज पर मुंबई, बेंगलुरु, हैदराबाद, और पुणे में फिनटेक-एक्सक्लूसिव जोन या इनोवेशन क्लस्टर बनाने की जरूरत है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि इन फिनटेक क्लस्टर्स में रेगुलेटरी लचीलापन हो, यानी कंपनियों को नए प्रॉडक्ट और सर्विस का ट्रायल करने की अनुमति हो जिसे रेगुलेटरी सैंडबॉक्स कहा जाता है। समिति ने कहा है कि देश में आरबीआई, सेबी, आईआरडीए और आईएफएससीए (इंटरनेशनल फाइनेंशियल सर्विसेस सेंटर अथॉरिटी) आदि कई रेगुलेटरी फ्रेमवर्क काम कर रहे हैं। फिनटेक को सपोर्ट करने के लिए इंटीग्रेटेड रेगुलेटरी फ्रेमवर्क की जरूरत है। इन फिनटेक क्लस्टर्स से न केवल बड़े कॉरपोरेट को लाभ होगा, बल्कि हजारों स्टार्टअप्स, एमएसएमई और इनोवेशन बेस्ड कंपनियों को एक प्लेटफॉर्म और इकोसिस्टम मिलेगा, जहां वे इंवेस्टर्स से जुड़ सकेंगे, रेगुलेटर्स से संपर्क कर सकेंगे और टेक्निकल इंफ्रास्ट्रक्चर का लाभ उठा सकेंगे। समिति ने यह भी कहा है कि इन क्लस्टर्स में प्रारंभिक पूंजी निवेश, भूमि आवंटन, 5जी कनेक्टिविटी, क्लाउड इन्फ्रास्ट्रक्चर, और साइबर सिक्यॉरिटी सिस्टम की व्यवस्था करने की जरूरत है। गुजरात की गिफ्ट सिटी को देश का पहला इंटरनेशनल फाइनेंशियल सर्विस सेंटर घोषित किया गया है, जहां टेक्स बेनेफिट्स के साथ ही फ्लेक्सीबल रेगुलेटरी फ्रेमवर्क, ग्लोबल बैंकिंग एंड इंश्योरेंस सर्विस की सुविधा मिलती है। चीन में ऐसे 10 फिनटेक हब हैं वहीं भारत में केवल तीन हैं। गिफ्ट सिटी में ग्लोबल बैंक, असैट मैनेजमेंट कंपनी और इंश्योरेंस ब्रोकिंग आदि सहित 400 से ज्यादा फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन काम कर रहे हैं। समिति ने अनुमान जताया है कि अगले 5 वर्ष में यदि 5-6 फिनटेक क्लस्टर तैयार हो जाते हैं, तो 5 लाख से अधिक जॉब्स और 100 बिलियन डॉलर से ज्यादा का रेवेन्यू जेनरेट किया जा सकता है।

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गिफ्ट से सरकार फिनटेक को करेगी स्विफ्ट

 सिर्फ 35 साल में भारत फाइनेंशियल क्राइसिस से फिनटेक सुपरपावर तक पहुंच चुका है। लेटेस्ट रिपोर्ट कहती है कि भारत के यूपीआई ने ट्रांजेक्शन के मामले में पेमेंट प्रॉसेसिंग कंपनी वी•ाा को पछाड़ दिया है। अभी यूपीआई सात देशों में चल रहा है और मलेशिया, कतर, ऑस्ट्रेलिया, यूके, थाईलैंड, ओमान, मालदीव और साइप्रस पाइपलाइन में हैं। वर्ष 2028 तक यूपीआई को 20 देशों में ले जाने का प्लान है। भारत के फास्ट ग्रोथ वाले फिनटेक सेक्टर को फाइनट्यून कर ग्लोबली कंपीटिटिव बनाने के लिए संसद की स्थायी समिति ने केंद्र सरकार को गुजरात इंटरनेशनल फाइनेंस टेक-सिटी (गिफ्ट सिटी) की तर्ज पर देशभर में नए फिनटेक क्लस्टर डवलप करने की सिफारिश की है। फाइनेंस पर स्टेंडिंग कमेटी की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में डिजिटल पेमेंट, इंश्योरेंस टेक, ऑल्टरनेटिव क्रेडिट यानी लोन एप, रियल-टाइम लेंडिंग जैसे सेक्टर में तेज ग्रोथ हुई है लेकिन इन्हें हाईग्रोथ के रास्ते पर डालने के लिए पॉलिसी, रेगुलेटरी, इंफ्रास्ट्रक्चर और कैपिटल के लिहाज से साफ रोडमैप देने की जरूरत है। समिति ने सुझाव दिया है कि जिस तरह गिफ्ट सिटी को सेज और इंटरनेशनल फाइनेंशियल सर्विस सेंटर (IFSC) के रूप में डवलप किया गया है इसी तर्ज पर मुंबई, बेंगलुरु, हैदराबाद, और पुणे में फिनटेक-एक्सक्लूसिव जोन या इनोवेशन क्लस्टर बनाने की जरूरत है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि इन फिनटेक क्लस्टर्स में रेगुलेटरी लचीलापन हो, यानी कंपनियों को नए प्रॉडक्ट और सर्विस का ट्रायल करने की अनुमति हो जिसे रेगुलेटरी सैंडबॉक्स कहा जाता है। समिति ने कहा है कि देश में आरबीआई, सेबी, आईआरडीए और आईएफएससीए (इंटरनेशनल फाइनेंशियल सर्विसेस सेंटर अथॉरिटी) आदि कई रेगुलेटरी फ्रेमवर्क काम कर रहे हैं। फिनटेक को सपोर्ट करने के लिए इंटीग्रेटेड रेगुलेटरी फ्रेमवर्क की जरूरत है। इन फिनटेक क्लस्टर्स से न केवल बड़े कॉरपोरेट को लाभ होगा, बल्कि हजारों स्टार्टअप्स, एमएसएमई और इनोवेशन बेस्ड कंपनियों को एक प्लेटफॉर्म और इकोसिस्टम मिलेगा, जहां वे इंवेस्टर्स से जुड़ सकेंगे, रेगुलेटर्स से संपर्क कर सकेंगे और टेक्निकल इंफ्रास्ट्रक्चर का लाभ उठा सकेंगे। समिति ने यह भी कहा है कि इन क्लस्टर्स में प्रारंभिक पूंजी निवेश, भूमि आवंटन, 5जी कनेक्टिविटी, क्लाउड इन्फ्रास्ट्रक्चर, और साइबर सिक्यॉरिटी सिस्टम की व्यवस्था करने की जरूरत है। गुजरात की गिफ्ट सिटी को देश का पहला इंटरनेशनल फाइनेंशियल सर्विस सेंटर घोषित किया गया है, जहां टेक्स बेनेफिट्स के साथ ही फ्लेक्सीबल रेगुलेटरी फ्रेमवर्क, ग्लोबल बैंकिंग एंड इंश्योरेंस सर्विस की सुविधा मिलती है। चीन में ऐसे 10 फिनटेक हब हैं वहीं भारत में केवल तीन हैं। गिफ्ट सिटी में ग्लोबल बैंक, असैट मैनेजमेंट कंपनी और इंश्योरेंस ब्रोकिंग आदि सहित 400 से ज्यादा फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन काम कर रहे हैं। समिति ने अनुमान जताया है कि अगले 5 वर्ष में यदि 5-6 फिनटेक क्लस्टर तैयार हो जाते हैं, तो 5 लाख से अधिक जॉब्स और 100 बिलियन डॉलर से ज्यादा का रेवेन्यू जेनरेट किया जा सकता है।


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