क्लीन एनर्जी परियोजना लगाना सस्ता होने की उम्मीद है क्योंकि ग्रीन एनर्जी को बढ़ावा देने के लिए नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादों और उपकरणों पर जीएसटी दर 12 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत कर दी गई है। जीएसटी परिषद ने अपनी 56वीं बैठक में ईंधन सेल प्रौद्योगिकी पर आधारित हाइड्रोजन वाहन सहित ईंधन सेल मोटर वाहन, सौर कुकर और सौर वॉटर हीटर और प्रणालियों पर भी शुल्क 12 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत करने की सिफारिश की। वित्त मंत्रालय द्वारा जारी अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों (एफएक्यू) के अनुसार, ऐसे उत्पादों पर जीएसटी कम करने का उद्देश्य नवीकरणीय ऊर्जा वस्तुओं को बढ़ावा देना है। माल एवं सेवा कर (जीएसटी) की संशोधित दर 22 सितंबर से प्रभावी होगी। दरों को युक्तिसंगत बनाने की प्रक्रिया के तहत, केंद्र और राज्यों ने फोटो वोल्टिक सेल (चाहे मॉड्यूल में असेंबल किए गए हों या पैनल में बनाए गए हों), सोलर एनर्जी-आधारित उपकरण, सोलर एनर्जी जनरेटर, विंड मिल और विंड एनर्जी संचालित बिजली जनरेटर (डब्ल्यूओईजी) पर जीएसटी को 12 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत करने पर सहमति व्यक्त की। इसके अलावा, बायो-गैस संयंत्र, वेस्ट टू एनर्जी बनाने का संयंत्र/उपकरण, सौर लालटेन/सौर लैंप, समुद्री लहरों/ज्वारीय लहरों से ऊर्जा तैयार करने के उपकरणों/संयंत्रों पर शुल्क कम कर दिया गया है। सरकार ने कहा कि ये वस्तुएं पहले से ही उलट शुल्क ढांचे यानी कच्चे माल पर अधिक और तैयार उत्पाद पर कम शुल्क की स्थिति का सामना कर रही थीं। जीएसटी दर को घटाकर पांच प्रतिशत करने से उलट शुल्क ढांचा और गहरा हो जाएगा, लेकिन उलटे शुल्क ढांचे से उत्पन्न होने वाले रिफंड के लिए व्यवस्था उपलब्ध है। इस बारे में टिप्पणी करते हुए, ओएमसी पावर के सह-संस्थापक और सीईओ रोहित चंद्रा ने कहा, ‘‘यह सुधार समावेशी वृद्धि, ग्रामीण सशक्तीकरण और सतत ऊर्जा समाधानों का रास्ता साफ करता है जो भारत के आर्थिक और सामाजिक ताने-बाने को मजबूत करेगा।’’ वारी एनर्जीज लिमिटेड के मुख्य कार्यपालक अधिकारी और पूर्णकालिक निदेशक अमित पैठणकर ने कहा, ‘‘नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादों और उपकरणों पर जीएसटी में कमी से परियोजना लागत कम होगी और भारत के क्लीन एनर्जी लक्ष्यों को पूरा करने के लिए आवश्यक क्षमता वृद्धि में तेजी आएगी।’’