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01-09-2025

ग्लोबल एग्जीबिशंस में पार्टिसिपेशन के लिए एक्सपोर्टर्स को 2,500 करोड़ रुपये दे सरकार : जीटीआरआई

  •  आर्थिक थिंक टैंक ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (जीटीआरआई) ने एक्सपोर्ट संवर्धन निधि में गिरावट पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि सरकार को बाजार पहुंच पहल (एमएआई) के तहत वैश्विक एग्जीबिशंस में भाग लेने के लिए एक्सपोर्टर्स को 2,500 करोड़ रुपये आवंटित करने पर विचार करना चाहिए। एमएआई को चालू वित्त वर्ष में कोई धनराशि नहीं मिली है। जीटीआरआई ने कहा कि अप्रैल और अगस्त के बीच एक्सपोर्टर्स ने विदेशी मेलों में भाग लेने के महत्वपूर्ण अवसर खो दिए हैं। जीटीआरआई के संस्थापक अजय श्रीवास्तव ने कहा, पिछले वर्षों में, इस योजना का बजट केवल 250 करोड़ रुपये था, जो 440 अरब डॉलर से अधिक की एक्सपोर्ट अर्थव्यवस्था के लिए बहुत कम था। उन्होंने कहा कि इसे सालाना 2,500 करोड़ रुपये के बढ़े हुए बजट के साथ फिर से शुरू किया जाना चाहिए। भारतीय फर्मों को वैश्विक मेलों में अच्छी जगह मिल सके, इसके लिए कोष को कम से कम एक साल पहले जारी किया जाना चाहिए। उन्होंने अमेरिका द्वारा भारतीय सामानों पर लगाए गए 50 प्रतिशत टैरिफ के बीच एक्सपोर्ट को बढ़ावा देने के लिए ब्याज समानीकरण योजना (आईएस) को फिर से शुरू करने, एक्सपोर्ट प्रोत्साहन मिशन (ईपीएम) और ई-कॉमर्स एक्सपोर्ट केंद्र को तुरंत शुरू करने का भी आह्वान किया। इसके अलावा, श्रीवास्तव ने सीमा टैरिफ निकासी में तेजी लाने, निर्यातित उत्पादों पर टैरिफ और करों की छूट योजना के लाभों को निश्चित करने तथा अग्रिम प्राधिकरण योजना को सरल बनाने की सिफारिश की।

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ग्लोबल एग्जीबिशंस में पार्टिसिपेशन के लिए एक्सपोर्टर्स को 2,500 करोड़ रुपये दे सरकार : जीटीआरआई

 आर्थिक थिंक टैंक ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (जीटीआरआई) ने एक्सपोर्ट संवर्धन निधि में गिरावट पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि सरकार को बाजार पहुंच पहल (एमएआई) के तहत वैश्विक एग्जीबिशंस में भाग लेने के लिए एक्सपोर्टर्स को 2,500 करोड़ रुपये आवंटित करने पर विचार करना चाहिए। एमएआई को चालू वित्त वर्ष में कोई धनराशि नहीं मिली है। जीटीआरआई ने कहा कि अप्रैल और अगस्त के बीच एक्सपोर्टर्स ने विदेशी मेलों में भाग लेने के महत्वपूर्ण अवसर खो दिए हैं। जीटीआरआई के संस्थापक अजय श्रीवास्तव ने कहा, पिछले वर्षों में, इस योजना का बजट केवल 250 करोड़ रुपये था, जो 440 अरब डॉलर से अधिक की एक्सपोर्ट अर्थव्यवस्था के लिए बहुत कम था। उन्होंने कहा कि इसे सालाना 2,500 करोड़ रुपये के बढ़े हुए बजट के साथ फिर से शुरू किया जाना चाहिए। भारतीय फर्मों को वैश्विक मेलों में अच्छी जगह मिल सके, इसके लिए कोष को कम से कम एक साल पहले जारी किया जाना चाहिए। उन्होंने अमेरिका द्वारा भारतीय सामानों पर लगाए गए 50 प्रतिशत टैरिफ के बीच एक्सपोर्ट को बढ़ावा देने के लिए ब्याज समानीकरण योजना (आईएस) को फिर से शुरू करने, एक्सपोर्ट प्रोत्साहन मिशन (ईपीएम) और ई-कॉमर्स एक्सपोर्ट केंद्र को तुरंत शुरू करने का भी आह्वान किया। इसके अलावा, श्रीवास्तव ने सीमा टैरिफ निकासी में तेजी लाने, निर्यातित उत्पादों पर टैरिफ और करों की छूट योजना के लाभों को निश्चित करने तथा अग्रिम प्राधिकरण योजना को सरल बनाने की सिफारिश की।


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