छोटे एक्सपोर्टर्स को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से, जीएसटी परिषद ने 1,000 रुपए से कम के एक्सपोर्ट रिफंड दावों को तेजी से प्रोसेस करने को मंजूरी दे दी है। इस फैसले से वर्तमान में करीब 1.5 लाख बकाया शिपिंग बिल क्लियर होने की उम्मीद है। काउंसिल ने कहा, ‘इस फैसले से उन छोटे एक्सपोर्ट्स के लिए एक्सपोर्ट आसान हो जाएगा, जो कि कोरियर और पोस्टल माध्यम से एक्सपोर्ट करते हैं।’ जीएसटी काउंसिल ने विशेष आर्थिक क्षेत्र डेवलपर या अधिकृत परिचालनों के लिए इकाई को माल या सेवाओं, या दोनों की शून्य-रेटेड आपूर्ति के कारण रिफंड दावों की सुविधा के लिए जोखिम-आधारित अनंतिम रिफंड को भी मंजूरी दी। साथ ही कहा कि कपड़ा, फार्मा, रसायन और उर्वरक जैसे क्षेत्रों में इनवर्टेड ड्यूटी स्ट्रक्चर के तहत अटके रिफंड भी अनंतिम आधार पर जारी किए जाएंगे। फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गनाइजेशन (फियो) ने एक्सपोर्टर्स के लिए नकदी की चुनौतियों को कम करने और रिफंड प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करने के उद्देश्य से जीएसटी परिषद के ऐतिहासिक निर्णयों का स्वागत किया है। फियो के अध्यक्ष एससी रल्हन ने कहा, ‘काउंसिल द्वारा जोखिम विश्लेषण के आधार पर सात दिनों के भीतर एक्सपोर्ट रिफंड जारी करने और कपड़ा, फार्मा, रसायन और उर्वरक जैसे क्षेत्रों के लिए इनवर्टेड ड्यूटी स्ट्रक्चर के तहत अनंतिम रिफंड जारी करने की मंजूरी एक बहुत ही स्वागत योग्य कदम है। ये सुधार कार्यशील पूंजी की रुकावटों को कम करने और हमारे एक्सपोर्टर्स को समय पर राहत प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।’ उन्होंने आगे कहा कि ये उपाय न केवल भारत के एक्सपोर्ट क्षेत्र को मजबूत करेंगे, बल्कि आपूर्ति श्रृंखलाओं पर दबाव कम करके घरेलू मांग में भी वृद्धि करेंगे। रल्हन ने मुताबिक, ‘एक मजबूत एक्सपोर्ट इकोसिस्टम अनिवार्य रूप से घरेलू विनिर्माण और उपभोग को बढ़ावा देता है। ये कदम अर्थव्यवस्था में सकारात्मक गुणक प्रभाव पैदा करेंगे, जिससे उद्योग और उपभोक्ता दोनों को लाभ होगा।’ फियो के अध्यक्ष ने अंत में कहा कि 1000 रुपए से कम के जीएसटी रिफंड की अनुमति देने से छोटे और ई-कॉमर्स एक्सपोर्टर्स को अत्यधिक लाभ होगा।