TOP

ई - पेपर Subscribe Now!

ePaper
Subscribe Now!

Download
Android Mobile App

Daily Business Newspaper | A Knowledge Powerhouse in Hindi

01-09-2025

इंडिया में मिलिट्री टेक फंडिंग बीते एक दशक में 61 गुना बढ़ी : रिपोर्ट

  •  भारत के मिलिट्री टेक सेक्टर में जोरदार वृद्धि देखने को मिल रही है और वार्षिक फंडिंग बीते एक दशक में 61 गुना बढ़ी है। यह जानकारी जारी हुए एक रिपोर्ट में दी गई। मार्केट इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म ट्रैक्सन द्वारा जारी इंडिया मिलिट्री टेक रिपोर्ट 2025 के अनुसार, इस सेक्टर के स्टार्टअप्स ने 2025 में अब तक 192.4 मिलियन डॉलर जुटाए हैं, जो वर्ष की शुरुआत से अब तक इस सेक्टर में आई फंडिंग का अब तक का सबसे बड़े आंकड़ा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि इस सेक्टर ने 2016 से अब तक 211 फंडिंग राउंड में कुल 611 मिलियन डॉलर जुटाए हैं। मिलिट्री टेक सेक्टर में फंडिंग डील की संख्या में भी तेज इजाफा दर्ज किया गया है। जहां 2016 में केवल 3 डील हुई थी। वहीं, 2023 में इस सेक्टर में 36 डील हुई थी और इस साल यह आंकड़ा 20 तक पहुंच गया है। रिपोर्ट पर ट्रैक्सन की सह-संस्थापक नेहा सिंह ने कहा कि भारत का डिफेंस टेक्नोलॉजी इकोसिस्टम इनोवेशन, नीति समर्थन और निवेशक भागीदारी से प्रेरित होकर एक निर्णायक चरण में प्रवेश कर रहा है। दिल्ली-एनसीआर और बेंगलुरु अग्रणी केंद्र बनकर उभरे हैं, जहां इन क्षेत्रों की कंपनियों ने क्रमश: 194.6 मिलियन डॉलर और 166.1 मिलियन डॉलर जुटाए हैं। भारत में अब 150 से अधिक सक्रिय मिलिट्री टेक स्टार्टअप हैं, जिनमें से 76 को अब तक इक्विटी फंडिंग मिल चुकी है। शुरुआती चरण की कंपनियां फंडिंग परिदृश्य में अपना दबदबा बनाए हुए हैं। राफे एमफिब्र का 100 मिलियन डॉलर का सीरीज-बी राउंड 2025 का सबसे बड़ा सौदा था, इसके बाद न्यूस्पेस रिसर्च का 33 मिलियन डॉलर और सागर डिफेंस इंजीनियरिंग का 25.4 मिलियन डॉलर का सौदा था। रिपोर्ट में कहा गया है कि अंतिम चरण के राउंड में भी तेजी देखी गई, बिग बैंग बूम सॉल्यूशंस ने सीरीज-सी में 29.9 मिलियन डॉलर और टोनबो इमेजिंग ने सीरीज-डी में 20.4 मिलियन डॉलर जुटाए। आत्मनिर्भर भारत, आईडीईएक्स और रक्षा औद्योगिक गलियारे जैसी सरकारी पहल भी इस क्षेत्र के विकास को गति दे रही हैं। मिलिट्री टेक सेक्टर में भी समेकन और बाजार परिपक्वता देखी गई है। अब तक चार कंपनियां सार्वजनिक हो चुकी हैं और लगभग 110 वेंचर कैपिटल फर्मों ने इस सेक्टर में निवेश किया है।

Share
इंडिया में मिलिट्री टेक फंडिंग बीते एक दशक में 61 गुना बढ़ी : रिपोर्ट

 भारत के मिलिट्री टेक सेक्टर में जोरदार वृद्धि देखने को मिल रही है और वार्षिक फंडिंग बीते एक दशक में 61 गुना बढ़ी है। यह जानकारी जारी हुए एक रिपोर्ट में दी गई। मार्केट इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म ट्रैक्सन द्वारा जारी इंडिया मिलिट्री टेक रिपोर्ट 2025 के अनुसार, इस सेक्टर के स्टार्टअप्स ने 2025 में अब तक 192.4 मिलियन डॉलर जुटाए हैं, जो वर्ष की शुरुआत से अब तक इस सेक्टर में आई फंडिंग का अब तक का सबसे बड़े आंकड़ा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि इस सेक्टर ने 2016 से अब तक 211 फंडिंग राउंड में कुल 611 मिलियन डॉलर जुटाए हैं। मिलिट्री टेक सेक्टर में फंडिंग डील की संख्या में भी तेज इजाफा दर्ज किया गया है। जहां 2016 में केवल 3 डील हुई थी। वहीं, 2023 में इस सेक्टर में 36 डील हुई थी और इस साल यह आंकड़ा 20 तक पहुंच गया है। रिपोर्ट पर ट्रैक्सन की सह-संस्थापक नेहा सिंह ने कहा कि भारत का डिफेंस टेक्नोलॉजी इकोसिस्टम इनोवेशन, नीति समर्थन और निवेशक भागीदारी से प्रेरित होकर एक निर्णायक चरण में प्रवेश कर रहा है। दिल्ली-एनसीआर और बेंगलुरु अग्रणी केंद्र बनकर उभरे हैं, जहां इन क्षेत्रों की कंपनियों ने क्रमश: 194.6 मिलियन डॉलर और 166.1 मिलियन डॉलर जुटाए हैं। भारत में अब 150 से अधिक सक्रिय मिलिट्री टेक स्टार्टअप हैं, जिनमें से 76 को अब तक इक्विटी फंडिंग मिल चुकी है। शुरुआती चरण की कंपनियां फंडिंग परिदृश्य में अपना दबदबा बनाए हुए हैं। राफे एमफिब्र का 100 मिलियन डॉलर का सीरीज-बी राउंड 2025 का सबसे बड़ा सौदा था, इसके बाद न्यूस्पेस रिसर्च का 33 मिलियन डॉलर और सागर डिफेंस इंजीनियरिंग का 25.4 मिलियन डॉलर का सौदा था। रिपोर्ट में कहा गया है कि अंतिम चरण के राउंड में भी तेजी देखी गई, बिग बैंग बूम सॉल्यूशंस ने सीरीज-सी में 29.9 मिलियन डॉलर और टोनबो इमेजिंग ने सीरीज-डी में 20.4 मिलियन डॉलर जुटाए। आत्मनिर्भर भारत, आईडीईएक्स और रक्षा औद्योगिक गलियारे जैसी सरकारी पहल भी इस क्षेत्र के विकास को गति दे रही हैं। मिलिट्री टेक सेक्टर में भी समेकन और बाजार परिपक्वता देखी गई है। अब तक चार कंपनियां सार्वजनिक हो चुकी हैं और लगभग 110 वेंचर कैपिटल फर्मों ने इस सेक्टर में निवेश किया है।


Label

PREMIUM

CONNECT WITH US

X
Login
X

Login

X

Click here to make payment and subscribe
X

Please subscribe to view this section.

X

Please become paid subscriber to read complete news