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05-08-2025

कॉनफेड व उपभोक्ता भंडार ने कम अवधि में लक्ष्य के दोगुने से भी अधिक मिलेट्स आउटलेट खोले

  •  वैसे तो स्वास्थ्य के प्रति जागरूक लोगों में कोविड के बाद से ही मिलेट्स खाने का रूझान शुरू हो गया था, लेकिन वर्ष 2023 में अंतरराष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष मनाये जाने के बाद तो हर घर में मिलेट्स का उपभोग बढ़ता जा रहा है। शहरों में जगह-जगह इस तरह की दुकानें खुलती जा रही है। लोगों के  खानपान में आते इस बदलाव को राजस्थान राज्य सहकारी उपभोक्ता संघ (कॉनफेड) एवं सहकारी उपभोक्ता भंडार ने बखूबी से पहचाना है तथा इस दिशा में तेजी से कदम बढ़ाते हुए लगातार नए स्टोर खोल रहे हैं। लोगों से मिल रहे रेस्पॉंस को देखते हुए प्रदेश में सितम्बर 2025 (छह माह में) तक जितने स्टोर खोलने का लक्ष्य तय किया था उससे दो गुने से अधिक स्टोर जुलाई 2025 (तीन माह में) तक खुल चुके हैं। सहकारिता विभाग की प्रमुख शासन सचिव एवं रजिस्ट्रार, सहकारी समितियां मंजू राजपाल ने बताया कि श्रीअन्न उत्पादों की आमजन तक पहुंच बढ़ाने, प्रचलन में लाने तथा सहकारिता एवं राजीविका के स्वयं सहायता समूहों के मिलेट उत्पादों की बिक्री से रोजगार के अवसर सृजित करने के लिए राज्य भर में ये मिलेट आउटलेट्स खोले गए हैं। गत 17 जुलाई को केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह द्वारा सहकार एवं रोजगार उत्सव के दौरान 64 मिलेट आउटलेट्स का शुभारम्भ किया गया था। उन्होंने बताया कि माह सितम्बर, 2025 तक कॉनफेड एवं जिला सहकारी उपभोक्ता भण्डारों के माध्यम से 34 मिलेट आउटलेट्स खोलने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था, लेकिन इसकी तुलना में जुलाई माह के अंत तक ही 74 आउटलेट्स खोले जा चुके हैं। इनमें से 56 सहकारी उपभोक्ता भण्डार, 4 कॉनफेड, 1 महिला सहकारी उपभोक्ता भण्डार, 12 क्रय-विक्रय सहकारी समिति एवं 1 ग्राम सेवा सहकारी समिति द्वारा खोले गए है। राजपाल ने बताया कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की मंशा के अनुरूप तथा राज्य सरकार की बजट घोषणा की अनुपालना में ये मिलेट आउटलेट्स खोले जा रहे हैं। प्रथम चरण में कॉनफेड एवं जिला सहकारी उपभोक्ता भण्डारों द्वारा मिलेट आउटलेट्स खोले गये हैं। उल्लेखनीय है कि मोटा अनाज (श्रीअन्न) सदियों से राजस्थान की खाद्य संस्कृति का अभिन्न अंग रहा है। श्रीअन्न में जैसे ज्वार, बाजरा, जौ आदि राजस्थान जैसे शुष्क एवं अर्ध शुष्क राज्य के लिए उपयुक्त एवं स्वास्थ्यवर्धक फसलें हैं। सहकारी संस्थाओं के साथ-साथ राजीविका की महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा उत्पादित मिलेट्स उत्पादों को भी इन मिलेट विक्रय केन्द्रों पर बिक्री हेतु रखा जा रहा है।

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कॉनफेड व उपभोक्ता भंडार ने कम अवधि में लक्ष्य के दोगुने से भी अधिक मिलेट्स आउटलेट खोले

 वैसे तो स्वास्थ्य के प्रति जागरूक लोगों में कोविड के बाद से ही मिलेट्स खाने का रूझान शुरू हो गया था, लेकिन वर्ष 2023 में अंतरराष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष मनाये जाने के बाद तो हर घर में मिलेट्स का उपभोग बढ़ता जा रहा है। शहरों में जगह-जगह इस तरह की दुकानें खुलती जा रही है। लोगों के  खानपान में आते इस बदलाव को राजस्थान राज्य सहकारी उपभोक्ता संघ (कॉनफेड) एवं सहकारी उपभोक्ता भंडार ने बखूबी से पहचाना है तथा इस दिशा में तेजी से कदम बढ़ाते हुए लगातार नए स्टोर खोल रहे हैं। लोगों से मिल रहे रेस्पॉंस को देखते हुए प्रदेश में सितम्बर 2025 (छह माह में) तक जितने स्टोर खोलने का लक्ष्य तय किया था उससे दो गुने से अधिक स्टोर जुलाई 2025 (तीन माह में) तक खुल चुके हैं। सहकारिता विभाग की प्रमुख शासन सचिव एवं रजिस्ट्रार, सहकारी समितियां मंजू राजपाल ने बताया कि श्रीअन्न उत्पादों की आमजन तक पहुंच बढ़ाने, प्रचलन में लाने तथा सहकारिता एवं राजीविका के स्वयं सहायता समूहों के मिलेट उत्पादों की बिक्री से रोजगार के अवसर सृजित करने के लिए राज्य भर में ये मिलेट आउटलेट्स खोले गए हैं। गत 17 जुलाई को केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह द्वारा सहकार एवं रोजगार उत्सव के दौरान 64 मिलेट आउटलेट्स का शुभारम्भ किया गया था। उन्होंने बताया कि माह सितम्बर, 2025 तक कॉनफेड एवं जिला सहकारी उपभोक्ता भण्डारों के माध्यम से 34 मिलेट आउटलेट्स खोलने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था, लेकिन इसकी तुलना में जुलाई माह के अंत तक ही 74 आउटलेट्स खोले जा चुके हैं। इनमें से 56 सहकारी उपभोक्ता भण्डार, 4 कॉनफेड, 1 महिला सहकारी उपभोक्ता भण्डार, 12 क्रय-विक्रय सहकारी समिति एवं 1 ग्राम सेवा सहकारी समिति द्वारा खोले गए है। राजपाल ने बताया कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की मंशा के अनुरूप तथा राज्य सरकार की बजट घोषणा की अनुपालना में ये मिलेट आउटलेट्स खोले जा रहे हैं। प्रथम चरण में कॉनफेड एवं जिला सहकारी उपभोक्ता भण्डारों द्वारा मिलेट आउटलेट्स खोले गये हैं। उल्लेखनीय है कि मोटा अनाज (श्रीअन्न) सदियों से राजस्थान की खाद्य संस्कृति का अभिन्न अंग रहा है। श्रीअन्न में जैसे ज्वार, बाजरा, जौ आदि राजस्थान जैसे शुष्क एवं अर्ध शुष्क राज्य के लिए उपयुक्त एवं स्वास्थ्यवर्धक फसलें हैं। सहकारी संस्थाओं के साथ-साथ राजीविका की महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा उत्पादित मिलेट्स उत्पादों को भी इन मिलेट विक्रय केन्द्रों पर बिक्री हेतु रखा जा रहा है।


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