औद्योगिक इकाइयों को वाणिज्यिक उत्पादन शुरू करने में कई कारणों से अक्सर देरी हो जाती है। इस देरी के लिए इन इकाइयों को रीको से अवधि बढ़ाने की अनुमति लेनी पड़ती है। इसके लिए उद्यमियों को रीको के औद्योगिक क्षेत्र प्रमुखों एवं मुख्यालय के चक्कर लगाने पड़ते हैं। उद्यमियों की इस परेशानी के निराकरण के लिए रीको ने इस कार्य के लिए नई व्यवस्था शुरू की है। इस व्यवस्था के तहत एक राज्य प्रशासनिक अधिकारी की अध्यक्षता में अपने सलाहकार (इंफ्रा) को औद्योगिक इकाइयों द्वारा वाणिज्यिक उत्पादन शुरू करने में देरी के लिए समय बढ़ाने की अनुमति देने का अधिकार दिया है। इससे पहले, औद्योगिक क्षेत्र प्रमुखों को प्रशासनिक ढांचे के विकेंद्रीकरण के तहत इस तरह के अधिकार दिए गए थे, ताकि राज्य के दूरदराज के जिलों बाड़मेर, बीकानेर, श्रीगंगानगर के कारखाने मालिकों को जयपुर आने की आवश्यकता न पड़े। इस निर्णय से रीको के अधिकारियों पर काम का दबाव भी कम होगा। क्योंकि राइजिंग राजस्थान में हुए एमओयू से अधिकारियों पर काम का बोझ बढ़ता जा रहा है। एक अधिकारी ने कहा कि रीको हजारों एमओयू धारकों को भूमि आवंटित करने में व्यस्त है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि यदि सभी औद्योगिक क्षेत्रों के मामले सलाहकार (इन्फ्रा) तक पहुंचते हैं तो यह व्यवस्था पर भारी पड़ जाएगी, जिसके परिणामस्वरूप औद्योगीकरण में और देरी होगी। रीको के पास 33 औद्योगिक जोन हैं जिनमें कई इकाई प्रमुख हैं जो वहां संचालित कारखानों के मुद्दों को संबोधित करने के लिए जिम्मेदार हैं, जिसमें परियोजनाओं के लिए समय विस्तार देना भी शामिल है। आदेश के अनुसार, ऐसे मामलों में जहां निर्माण पूरा होने और उत्पादन शुरू होने में निर्धारित या विस्तारित तिथि से एक वर्ष से कम की देरी होती है, अधिकतम दो वर्ष की अतिरिक्त अवधि दी जा सकती है। रीको के सलाहकार (इन्फ्रा) को एक वर्ष तक विस्तार देने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। दो साल के विस्तार की अनुमति रीको के एमडी द्वारा दी जाएगी।