टैक्स बार एसोसिएशन कोटा की ओर से रोटरी बिनानी सभागार में ‘गैर-कॉर्पोरेट संस्थाओं के लिए वित्तीय विवरण’ विषय पर एक विशेष सेमिनार का आयोजन किया गया। टैक्स बार एसोसिएशन कोटा के प्रेसीडेंट सीए विष्णु गर्ग ने कहा कि सेमिनार का उद्देश्य गैर-कॉर्पोरेट संस्थाओं जैसे व्यक्तिगत व्यवसाय, साझेदारी फर्म, और लघु-मध्यम उद्यमों के लिए वित्तीय विवरण तैयार करने की प्रक्रिया, मानकों और चुनौतियों को समझाना था। मुख्य वक्ता वरिष्ठ सीए विक्रम सर्राफ ने सीए सदस्यों व कर विशेषज्ञों को वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए अद्यतन लेखा मानकों, कर प्रावधानों और नियामक आवश्यकताओं की विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने यह भी बताया कि किस प्रकार गैर-कॉर्पोरेट संस्थाएं पारदर्शी वित्तीय विवरणों के माध्यम से न केवल कर अनुपालन में मदद कर सकती हैं, बल्कि अपने व्यवसाय की साख भी बढ़ा सकती हैं। सेमिनार में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के अंतर्गत हाल ही में बढ़ती जांच और नोटिसों की संख्या को देखते हुए, कर सलाहकारों को जागरूक करने के उद्देश्य से जीएसटी नोटिसों से किस प्रकार से निजात मिलें आदि को लेकर कानूनी उपाय व बचाव के तरीकों की जानकारी प्रदान की। इससे पूर्व सीए गर्ग ने कहा कि करदाताओं को जीएसटी नोटिसों से घबराने की कोई जरूरत नहीं है। मुख्य वक्ता सीए नवनीत गर्ग ने सेमिनार को संबोधित करते हुए कहा, वर्तमान समय में विभागीय नोटिसों की संख्या में वृद्धि हुई है, जो कि अधिकतर कर अनुपालन में हुई त्रुटियों या विवरणों में असंगतियों के कारण होती है। व्यापारी वर्ग को घबराने की बजाय नियमों की सही जानकारी रखनी चाहिए तथा समय पर उचित उत्तर देना चाहिए। सेमिनार में जीएसटी के अंतर्गत आने वाले विभिन्न प्रकार के नोटिसों की विस्तृत जानकारी दी गई। इसके साथ ही, यह भी बताया गया कि नोटिस का जवाब कैसे तैयार किया जाए, आवश्यक दस्तावेज कौन-कौन से हों, और किन कानूनी विकल्पों का उपयोग किया जा सकता है। सेमिनार का मुख्य उद्देश्य वित्तीय पारदर्शिता और जागरूकता को बढ़ावा देना है, विशेषकर उन व्यापारियों और व्यवसायों के बीच जो कॉर्पोरेट दायरे से बाहर हैं। इस मौके पर सचिव सीए प्रकाश चौधरी, इनकम टैक्स चेयरमैन सीए आशीष व्यास व जीएसटी चेयरमैन सीए रोहित पाटौदी भी उपस्थित थे। इस अवसर पर कोटा से बड़ी संख्या में सीए, कर सलाहकार, अकाउंटिंग पेशेवर ने भाग लिया।