लघु उद्योग भारती का प्रतिनिधिमंडल अखिल भारतीय अध्यक्ष घनश्याम ओझा, महामंत्री ओमप्रकाश गुप्ता के नेतृत्व में नई दिल्ली में केंद्रीय सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय की राज्यमंत्री शोभा करंदलाजे से मिला और बताया कि केंद्र सरकार ने लघु, सूक्ष्म व मध्यम उद्योगों की नई परिभाषा घोषित की है, उसमें 2.5 करोड़ से 125 करोड़ रुपए निवेश करने वाले व 10 करोड़ रुपए से 500 करोड़ रुपए तक टर्नओवर करने वाले उद्योग एक ही श्रेणी में आ गये हैं। इस कारण से लघु व सूक्ष्म उद्योगों को अलग से प्रोत्साहन देने की आवश्यकता है। बैंक ऋण में लघु, सूक्ष्म व मध्यम उद्योग के लिये अलग अलग फंड का आवंटन किया गया है उसी प्रकार सरकारी खरीद में अलग से सीमा तय की जाये। एमएसएमई बोर्ड व एमएसएमई एडवाइजरी बोर्ड लम्बे समय से गठिन नहीं हो पाये है उन्हें तुरन्त गठित किया जाये जिसके माध्यम से लघु व सूक्ष्म उद्योगों की समस्याओं को आप तक पहुंचाया जा सके। गुणवत्ता सुधार के लिये सरकार द्वारा अनेक वस्तुओं पर बीआईएस लागू कर दिया गया है, लेकिन पूरे देश में टेस्टिंग लेबोरेट्री बहुत कम होने से लघु व सूक्ष्म उद्योगों को बहुत दिक्कतें आ रही है। प्तिनिधिमंडल ने प्रत्येक जिला स्तर पर एक लैब के खोलने करने का निवेदन किया। सरकार ने लघु व सूक्ष्म उद्योगों को समय पर भुगतान करने के लिये आयकर मे धारा 43 (बी एच) लागू की थी, इसके अच्छे परिणाम आये। यह धारा सरकारी खरीद पर भी लागू होनी चाहिए। सरकारी उपक्रमों द्वारा लघु व सूक्ष्म उद्योगों को समय पर भुगतान नहीं किया जा रहा है जिससे लघु व सूक्ष्म उद्योगों पर वित्तीय संकट बना रहता है। सरकार उद्योगों में कुशल कामगार उपलब्ध कराने के लिये प्रत्येक जिला स्तर पर तकनीकी संस्थान खोली जानी चाहिए। देश विदेश में लगने वाले मेलों में लघु व सूक्ष्म उद्योगों की भागीदारी बढ़ाने के लिये एक विशेष पैकेज लाये। भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिये आयकर की भांति अन्य कर विभागों में भी कैशलैस सुविधा उपलब्ध कराये। करंदलाजे ने लघु उद्योग भारती द्वारा प्रेषित सभी मांगों पर उचित निर्णय करने के लिए संबंधित विभागों को निर्देशित किया। इस मौके पर लघु उद्योग भारती दिल्ली में महामंत्री मुकेश अग्रवाल व संयुक्त महामंत्री संजय गौड भी उपस्थित थे।