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27-05-2025

मेड इन इंडिया ऑटोपायलट...

  •  बेंगलुरू की स्टार्टअप माइनस •ाीरो ने रियलटाइम वल्र्ड में ड्राइविंग के चैलेंज से निपटने के लिए लिडार सेंसर और एच मैप पर आधारित एआई बेस्ड ऑटोपायलट सिस्टम भारत की सडक़ों के लिए डिजाइन किया है।  इस सिस्टम को विशेषरूप से मौजूदा मॉडलों के लिए डिजाइन किया है और हाल ही किए गए इसके पायलट में यह खुली सडक़ों पर नेविगेट करने, बैलगाड़ी, कार और अन्य वेहीकल्स के बीच पहचान कर उन्हें नेवीगेट करने में कामयाब रहा है। माइनस जीरो दरअसल रैंडम डेटा का नेवीगेशन सिस्टम की ट्रेनिंग के लिए  इस्तेमाल करती है। भारत में अब अडैस लेवल 2 बहुत आम हो चुका है और कई कंपनियां लेवल4 के लिए काम कर रही हैं। कंपनी ने कहा कि भारत के कार यूजर अब एडवांस्ड अडैस सिस्टम को अपनाने के लिए तैयार हैं। हालांकि कंपनी के सीईओ गगनदीप रीहल ने साफ किया कि ऑरिजनल एआई के उपयोग के बावजूद यह सिस्टम फुली ऑटोपायलट नहीं है। वैसे भी फिलहाल भारत में ड्राइवरलैस वेहीकल्स के लिए नियम तय नहीं किए गए हैं इसलिए फुली ऑटोनोमस वेहीकल्स पर हम फोकस नहीं कर रहे हैं। रीहल ने कहा कि ऑटोपायलट तकनीक को अलग-अलग वर्जन के रूप में लॉन्च किया जाएगा। उनका दावा है कि यह बिना सफेद पट्टी वाली संकरी सडक़ों पर भी आसानी से काम करता है।

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मेड इन इंडिया ऑटोपायलट...

 बेंगलुरू की स्टार्टअप माइनस •ाीरो ने रियलटाइम वल्र्ड में ड्राइविंग के चैलेंज से निपटने के लिए लिडार सेंसर और एच मैप पर आधारित एआई बेस्ड ऑटोपायलट सिस्टम भारत की सडक़ों के लिए डिजाइन किया है।  इस सिस्टम को विशेषरूप से मौजूदा मॉडलों के लिए डिजाइन किया है और हाल ही किए गए इसके पायलट में यह खुली सडक़ों पर नेविगेट करने, बैलगाड़ी, कार और अन्य वेहीकल्स के बीच पहचान कर उन्हें नेवीगेट करने में कामयाब रहा है। माइनस जीरो दरअसल रैंडम डेटा का नेवीगेशन सिस्टम की ट्रेनिंग के लिए  इस्तेमाल करती है। भारत में अब अडैस लेवल 2 बहुत आम हो चुका है और कई कंपनियां लेवल4 के लिए काम कर रही हैं। कंपनी ने कहा कि भारत के कार यूजर अब एडवांस्ड अडैस सिस्टम को अपनाने के लिए तैयार हैं। हालांकि कंपनी के सीईओ गगनदीप रीहल ने साफ किया कि ऑरिजनल एआई के उपयोग के बावजूद यह सिस्टम फुली ऑटोपायलट नहीं है। वैसे भी फिलहाल भारत में ड्राइवरलैस वेहीकल्स के लिए नियम तय नहीं किए गए हैं इसलिए फुली ऑटोनोमस वेहीकल्स पर हम फोकस नहीं कर रहे हैं। रीहल ने कहा कि ऑटोपायलट तकनीक को अलग-अलग वर्जन के रूप में लॉन्च किया जाएगा। उनका दावा है कि यह बिना सफेद पट्टी वाली संकरी सडक़ों पर भी आसानी से काम करता है।


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