यूरोपीय संघ ने फोक्सवैगन, स्टेलांटिस सहित 13 अन्य कार कंपनियों और उनके कार संघ एसीईए पर 495 मिलियन डॉलर का जुर्माना लगाया है। इन कंपनियों पर आरोप है कि इन्होंने ऑटो रीसाइकलिंग कार्टल में भाग लेकर बाजार को नुकसान पहुंचाया है। यूरोपीय आयोग ने तीन साल पहले कंपनियों पर छापा मारा था। आयोग ने कहा कि कार्टल मई 2002 से सितंबर 2017 तक हुआ और वाहन निर्माता संघ एसीईए कंपनियों के बीच साठ-गांठ के लिए बैठकों का आयोजन करता था। रीसाइकलिंग का यह प्लान एंड ऑफ लाइफ वेहीकल्स के लिए था। एंड ऑफ लाइफ वेहीकल्स को स्क्रैप कर रीसाइकल किया जाता है। यूरोपीय संघ की एंटी ट्रस्ट संस्था ने कहा कि कंपनियां एक-दूसरे के साथ प्रतिस्पर्धा नहीं करने पर यह सहमति बनाई कि कारों को किस हद तक रीसाइकल किया जा सकता है और इस बात पर चुप रहने के लिए भी सहमत हुईं कि नई कारों में कितनी रीसाइकल मैटीरियल का उपयोग किया जाता है। कार कंपनियों ने गुट बनाकर यह भी तय किया कि एंड-ऑफ-लाइफ वेहीकल्स को प्रॉसेस करने के लिए कार डिसमेंटलरों को कोई भुगतान नहीं किया जायेगा। यूरोपीय संघ के कानूनों में कार निर्माताओं को जरूरत पडऩे पर ऐसे वाहनों को रीसाइकल करने की लागत वहन करने की आवश्यकता होती है। जिससे कार मालिक फ्री में अपनी गाड़ी को स्क्रैप कर पाते हैं। यूरोपीय संघ की एंटी ट्रस्ट प्रमुख टेरेसा रिबेरा ने कहा हम किसी भी तरह की गुटबाजी को बर्दाश्त नहीं करेंगे। इसमें वे गुट शामिल हैं जो ग्राहकों की जागरूकता को कम करते हैं। फोक्सवैगन पर सबसे ज्यादा 127.69 मिलियन यूरो का जुर्माना लगाया गया है जबकि स्टेलांटिस पर 99.5 मिलियन यूरो का। रेनॉ-निसान को 81.46 मिलियन यूरो और फोर्ड को 41.46 मिलियन यूरो का जुर्माना देना होगा। अन्य कंपनियां जिन पर जुर्माना लगाया है टोयोटा, मित्सुबिशी, होंडा, ह्यूंदे, जगुआर लैंड रोवर, माजदा, जीएम, सुजुकी और वोल्वो आदि कार्टल में शामिल थीं। हालांकि मर्सिडीज-बेंज ईयू को कार्टल के बारे में सचेत कर जुर्माने से बच गई। यूरोप में कार निर्माताओं के संगठन एसीईए पर 5 लाख यूरो का जुर्माना लगाया गया है। कार निर्माताओं के गलती मान लेने पर जुर्माना 10 परसेंट कम कर दिया गया।